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Showing posts from August, 2017

हमारा अंधेरा....

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शिक्षा हमे राह दिखाती हैं। शिक्षा हमे सरोकार शिखाती हैं।गुरु के लिए कहा जाता हैं कि जो अंधेरे से उजाले की ओर ले जानेवाली व्यक्ति हैं।हमारे आसपास कई सारे लोग अनपढ़ या कम पढ़े लिखे होने के बावजूद सफल लोगो की यादीमें उनका नाम होता हैं। वो पढ़े नहीं होंगे मगर अपने फिल्डमें उन्हें स्वानुभव से शिक्षा मिली होती हैं।कहते हैं ना कि अनुभव से शिखी चीज कभी नहीं भूल सकते।शिखना और शिक्षा दोनों अलग वजूद के साथ खड़े होते हैं। हमारे जीवन मे कई सारी चीज ऐसी होती हैं जो हम खुद सिखते हैं।अंधेरा दूर करने के लिए हमे सच्चे साथी या शिक्षा की जरूरत हैं।वो हमें अंधेरा दूर करके उजाले में ले जाएगा।

Try & pass...

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प्रयत्न करना हमारा कर्तव्य हैं।सफलता और असफलता।ये दोनों हमारे साथ जुड़े हैं।कोई व्यक्ति ऐसी नहीं होगी जो सदैव सफल हीं रही हो । विश्वके इतिहास को देखेंगे तो मालूम होगा कि,प्रत्येक व्यक्तिने असफलता के माध्यमसे ही सफ़लताको प्राप्त किया हैं।सफल होने के लिए अगर देखा जाए तो असफल होने वाले व्यक्ति की जानकारी और गलतिया हीं हमे सफलता की ओर ले जाती हैं। हमे सफलता नहीं मिलेगी इस डर से अगर हम कुछ नया करेंगे हैं नही तो!?प्रयत्न करके फेल होना अच्छा हैं।मगर फेल होने से पहले प्रयत्न न करना गलत हैं।कुछ लोग नया करते समय पुरानी बातें याद करके डरते हैं।जो हैं सो हैं।जो तय किया हैं उसे पाना हैं। #सरकार...

प्यार का संगीत

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एक लड़का। उसका नाम मेनुहिन। यहूदी परिवार का लड़का।उसके पिताजी मशहूर वायोलिन वादक थे।वो पेलेस्टाइन में पैदा हुए थे।उन्होंने पेलिस्टेंइन लोकगीतों को वायोलिन पे बजाते थे।उनके इस कौशल्य के माद्यम से वो लोगोको इकठ्ठा करते थे।इन लोगो के समुहमें तब पेलेस्टाइन की आजादी की बाते होती थी।तब ब्रिटन सरकार ने उनके वायोलिन वादन पे प्रतिबंध लगाया था।उन्होंने पेलेस्टाइन से बहार जाकर अपने देश के लिए काम किया। अब फिरसे लड़के की बात।इस लड़के को इस सालका जवाहरलाल नहेरु आंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार दिया गया हैं।विश्वमें वायोलिन बजाकर शांति का संदेश देनेवाले मेनुहिन को प्राप्त शांति पुरस्कार मिला तब वो 14 सालके थे। मेनुहिन का एक इंटरव्यू उनकी माँ के साथ आया था। इंटरव्यू भी बहोत अच्छा था।जिस में लिखी एक बात आपको पसंद आएगी... जब मेनुहिन दो या तीन सालका था।घरमें वो वायोलिन बजाना चाहता था।उसकी मम्मी ने उसे तीन चार बार खिलोने वाला वायोलिन लेके दिया।अब उनके खिलोने से अच्छी आवाज नहीं आ रही थी।मेनुहिन ने फिरसे रोना धोना शुरू किया।उसके पापा ने उसे सच्चा वायोलिन देनेको कहा।इंटरव्यू में मेनुहिन की माँ ने

Good morning

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मेरे कई दोस्त हैं। वो कहते हैं कि में रोज लिखू। में कहता हूं रोज कोई सब्जेक्ट मील तो लिखू।ऐसे कई सारे दोस्त मुजे कुछ भेजते हैं। कोई दोस्त दो पहरको या शाम को Good Mornig भेजते हैं।मुजे ऐसे दोस्तो की कामनाक़ा इंतजार रहता हैं।आज जो आप देखते हैं वो मुजे भेजा हैं।आज मिच्छामि दुक्कडम का दिन हैं।ये पोस्टर में भी कुछ खास लिखा हैं। "है प्रभु इच्छा नहीं मेरी की पूरा पथ जान सकुं, दे प्रकाश इतना कि अगला कदम पहचान सकू। बस जिन को भी मेने दुभाया हैं,उन सबको मिच्छामि दुक्कड़म। #love friend #जिंदगी दोस्तार

मेरे गणेशा...

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जय गणेश। ॐ गं गणपतये नमः आज गणेश चतुर्थी हैं।मेरे आराध्य गणेश हैं।हमारा घर 'ऋचार्मी' में पिछले कई सालों से गणेश जी आते हैं।इस बार से हमने ऋचार्मी में मिट्टीके गणेश जी लाये हैं।इस बार पहली बार मिट्टी के गणेश जी लाये हैं।हमारे घर मंदिर में दगड़ू जी स्थापित हैं।रोजाना दगड़ू जी की पूजा करते हैं। हर साल एक गणपति की स्थापना करते हैं।गणपति विसर्जन के दौरान एक साल तक हमारे महेमाम रहे गणेश जी का ऋचार्मी परिवार से विसर्जन होता हैं। #मेरे दगड़ू #हमारे दगड़ू

For kids innovation

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नवाचार। बच्चो के नवाचार। हमारे राष्ट्र के विकास में नवाचार।कई सारी समस्याओं के सामने नवाचार।ऐसे नवाचारों को इकठ्ठा करना,उसे फैलाना ओर नव विचारको को खोजनेका काम हो रहा हैं। समग्र देशमें हनी बी नेटवर्क ओर सहयोगी संस्थानों के सहयोग से ये काम गो रहा हैं।भारत देश के छोटे विचारको को पसंद करने के लिए एक अनोखा रास्ता भी हैं। 60 हजार से अधिक विचारक अपने विचार को पेश करते हैं।उसमें से 30 विचारको को पसंद किया जाता हैं।आज तक 240 से ज्यादा ऐसे नव विचारको को राष्ट्रपति भवन में सन्मानित किया गया हैं। इस साल की एंट्री अभी चालू हैं।आप इसमें आपके विचार भेज सकते हैं।हा, अगर इस आखरी दिन तक आप नहीं भेज पाते हैं और अगर आप लेट होते है तो आपके विचार को अगली साल की स्पर्धामें जोड़ा जाएगा। ऐसे नव विचारको के लिए on line फोरम भी खड़ा हो रहा हैं।डॉ. अनिल गुप्ता इस प्रक्रियाको आगे बढ़ाते हुए मार्गदर्शन दे रहे हैं। आप के आसपास कोई भी बच्चा अगर नई सोच को पाने के लिए कुछ करता हैं तो उसे आप हम तक अवश्य पहुंचाए। अगर आप on line नहीं कर सकते तो आपके विचार हम तक पहुंचाए।हम आपको सहाय करेंगे और आपके विचार ओर

On line innovation

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नवाचार क्या हैं? ग्रासरूट नवाचार क्या हैं? इसका महत्व कैसे तय करें,कोन इसके बारेमें समजा सकता हैं?ये सारे सवाल जहां भी उठते है वहाँ जवाब के लिए एक ही व्यक्ति हैं 'पद्म श्री अनिल गुप्ता'। पिछले दिनों से वो नव विचारको के लिए एक on line फोरम के ऊपर काम कर रहे हैं।समग्र भारत के कबच्चो को इस on line फोरम में जोड़ना चाहते हैं।भारत के बच्चे समजे ओर भाषा की कोई समस्या न हो ऐसा अभ्यासक्रम या फोरम बनाना चाहते हैं।गुजरात वाला बच्चा भी समजे, तमिल वालाभी समजे ओर पूर्वोत्तर के राज्यमें भी बच्चे जुड़े रहें। अब क्या करे तो सामग्री तैयार करनेका रास्ता मीला।इस सवाल का जवाब sristi. इनोवेशन परिवार ने निकाला।तय ये हुआ कि प्रो.अनिल गुप्ता बच्चो के साथ काम करेंगे और उसे रिकॉर्ड करके कुछ रास्ता निकालने के बारे में सोचा।अब जो बातचीत अध्यापक बनके अनिल गुप्ता ने समजाई हैं वो बात ओन लाइन फोरम के माध्यम से सभी बच्चे समजे ऐसा करना हैं।काम अभी शुरू हैं।UNICEF का इसमें सहयोग हैं।आगे और अच्छा करने की लगन से बच्चों के साथ पूरी थिंकटैंक हैं।विश्वमें ग्रासरूट इनोवेशन की पहचान देनेवाले श्री अनिल गुप्ता क

गलती master...

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कुछ लोह अच्छी बातें याद रखते हैं।कुछ है जो सिर्फ बुराई करते हैं।मुजे बुराई करने वाले पसंद हैं।अगर कोई बुराई नहीं करेगा तो हम सुधारने लायक कुछ नहीं कर पाएंगे।कुछ आजभी हमारी बात को स्वीकार नहीं कर पाते हैं। अपनी गलती कहाँ हैं वो हमें मालूम करना हैं।एक गलती सुधारने तक ही याद रखनी चाहिए।एक बार सुधार ने के बाद अब वो न दोहराई जाय वो अच्छा हैं।हम पुराने दिन वापस मांगते हैं।उस के लिए हमे नया कुछ करना पड़ेगा।क्या ओर कैसे वो हमें ही तय करना हैं।क्या आपअच्छी  बाते छोड़ छोटी छोटी दुखद चीजो को याद नहीं रखना चाहिए। एक दोस्त हैं। NGO से जुड़ के शिक्षा में कार्य करते हैं।ऐसे एक दोस्त ने साथमें किये एक प्रकल्प के बारे में कुछ पूछा।मेने उन्हें विस्तृत उत्तर दिया।उन्होंने ज्यादा जानकारी के लिए तारीख,महीना और साल पूछा।मेने कहा 'साल क्या,मुजे तो कुछ याद नहीं हैं।'उन्होंने कहा इतना याद हैं तो साल तो याद होगा।मेने कहा जी नहीं...में जब सीखता हु तो सिखा हुआ याद रखता हूँ।अगर तारीख याद रखने से मेरा जीवन कुछ धन्यता प्राप्त करता तो में याद रखता।हा... गतिविधि मुजे याद हैं।क्योंकि मेने उससे सीखा हैं।

अनंत की कामना...

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में अच्छा हूँ। में अच्छा नहीं हूँ। अच्छा बन्नेबके लिए मुजे क्या करना पड़ेगा?अच्छा व्यक्ति बनने के तरीके गूगलमें सर्च करोगे तो जो परिणाम आपको मिलेगा।आप निराश हो जाओगे।क्योकि इक्का दिक्का टॉपिक को छोड़ के आप कुछ नहीं कर पाओगे।ऐसा आप को लगेगा। आप अच्छे हो।आप को मालूम हैं।इस को प्रूव करने के जोईए समय बर्बाद न करें।एक युवान अपनी प्रेमिका को कहता हैं 'I Love You'।प्रेमिका कहती हैं,'तुम मुजे समय नही दे रहे हो,तुम मुझसे बात नहीं करते हो।मेरे कार्यमें आपको रुचि नहीं है।ये सारी बाते सुनकर युवान ने कहा 'में ये सब नहीं करता और नहीं करूंगा।मगर इससे मेरा प्यार तो कम नहीं होता।प्यार ऐसी चीज नही।जिसको प्रूव करने के लिए समय बर्बाद करना पड़े। मुजे यकीन हैं,सो मुजे समय बर्बाद करने की आवश्यकता नहीं हैं।आप भी ऐसे समय बर्बाद करने के बजाय आप के प्यार पे भरोसा रखें।समय बर्बाद करने से कुछ हांसिल नहीं होगा।अच्छा होना और उसे साबित करना दोनों अलग बात हैं।कोई खूनी खून के इल्जाम में साबित न करने के कारण बरी हो जाता हैं।इस वख्त हम सच्चाई और जुठ के करीब खड़े होते हैं। बस,समय के साथ चले। अप

औरत...

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शफदर हाशमी। रंगमंच से जुड़े लोगों के लिएये नाम नया नहीं होगा।नाहीं होना चाहिए।एक नाटक हैं।औरत, मेने उसका मंचन देखा हैं।दिल्हिमें मेने इस नाटक को दो बार देखा था।एक औरत की पैदा होने के पहले से मरने तक कि यात्रा दिखाई जाती हैं। ऐसा ही खूबसूरत एक चित्र मेरे किसी दोस्तने भेजा था।आज के दिनोंमें कुछ न कहेपाना ओर सिर्फ चित्र से कहना संभव नहीं हैं।ऐसा चित्र भेजने वाले से लेके बनाने वाले सभी का शुक्रिया। एक दूसरे से जुड़े होने के लिए जीवन के साथ चलता हैं,अहसास।अहसास ही काफी हैं हमे जीवन देनेवाले का।उसकी कोई कीमत नहीं।जीवन सिर्फ जीवन नहीं,कुदरतका करिश्मा हैं।इस करिश्मे में अहसास ओर विश्वास ही अपनी जीवन नैया को आगे कर सकता हैं।मां जीवन देती हैं,जीवन के निखारने वाले सहयोगी ओर साथी को कैसे भूलेंगे। ऐसे अन्य चित्र हैं,जिसमें कुछ कहना नहीं हैं।अगर हैं तो मुजे भेजे। #DrBN

क्या ओर कब...

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हमारी जिंदगी। हम ही जानते हैं कि केसी हैं।हमारे आसपास दो बातें हैं।knowledge ओर wisdom,इन दोनों के बीच हम हमारी जिंदगी को जैसे पसार कर रहे हैं।ऐसी जिंदगी जो हम किसी ओर के लिए जी रहे हैं। ज्ञान हमे बोलना सिखाता हैं।बोल ने से व्यक्ति की पहचान होती हैं।हमारे पास जो जानकारी होती हैं उसके आधार पर हम बोलते हैं।मगर कहा जाता हैं कि क्या बोलना वो ठीक है,कहाँ ओर कैसे बोलना वो महत्वपूर्ण हैं।बोलने के लिए क्या वो तो मिल जाएगा मगर कहा बोलना वो सीखनें में कई लोगो की जिंदगी निकल जाती हैं। मेरे पास ज्ञान है,तो में सफल बनूँगा ऐसा नहीं हैं।उस ज्ञान का कम और कैसे इस्तमाल करना हैं उसका विजन हैं तो ही में सफल रहूंगा।मुजे क्या नहीं कब के आधार पे सफलता मिलेगी।और वो कब का मुजे इंतजार रहेगा। #सरकार...कब... #DrB

नया वाला पुराना...

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हमारे आसपास बहोत कुछ नया हम देखते हैं।जब कुछ अच्छा होता हैं तो हम उसकी सराहना करते हैं।जब कुछ नया करने की बात आती हैं तो हम अपने आप को इससे अलग कर लेते हैं।पीटर ड्रकर ने इसके लिए कहा हैं कि अगर आप नया चाहते हैं तो पुराना काम बंध करदो।नया सोचेंगे तो नया कर पाएंगे। मेने मीडिया में कार्टूनिस्ट के तौर से काम किया था।उस वख्त मुजे संपादक ने कहा कि कुछ नया करो।कार्टून में क्या नया करूँ।मेरे लिए आए मुश्किल काम था।मेने मेरे कार्टून को पोलिटिकल कॉमेंट के बदले बच्चो से जुड़े कार्य को कार्टून स्वरूप में बनाना तय हुआ।मेने 4 कार्टून के एक ब्लॉक को 8 कॉलम 6 सेमी में बनाया।गुजरात मे बच्चो के कार्टून में ये नवाचार प्रथम हमने किया था।उस वख्त कार्टून आज के जैसे कॉम्प्यूटर से नहीं बनते थे। जो बच्चे उस वख्त मेरे बच्चों से जुड़े कार्टून देखते थे,आज उनकी संतान के लिए में कार्टून बनाता हूँ। आज मे कार्टून बनाता हूँ।अब प्रकाशित नहीं करवाता।नहीं किसी दैनिक पत्रमें या साहित्य के लिए कार्टून बनाता हूँ। मेरी आदत थी।रोज कार्टून बनाना।पहले ओर आज के मिला के मेरे 300 बच्चो के ओर उतने ही अन्य कार्टून हैं।मेरे सह

यह वख्त भी गुजर जाएगा...

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जब हम परेशान होते हैं।तब हमारे पास उस परेशानी से लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता हैं।कोई व्यक्ति ऐसी नहीं हैं जो सदैव खुश हो।ऐसी ही दूसरी बात भी ये हैं कि ऐसी कोई व्यक्ति नहीं जो सदैव दुखी हो।आप ओर हम,सदैव ख़ुशी ओर दुख की अवस्थामें जीते है।हमे हमारे जीवन में एक बात याद रखनी हैं।जीवन में कोई स्थिति कायम नहीं हैं। एक कहानी हैं। एक बार अकबर ने बीरबल से कहा 'कुछ ऐसा लिखो की जिसे पढ़कर जो खुश हैं वो दुखी हो जाय।जो दुखी हैं वो उसे पढ़कर खुश हो जाय।थोड़ी देर सोचने के बाद बीरबल ने लिखा कि 'यह वख्त भी  गुजर जाएगा।'आज जो हालात हैं, उसे सुधरना हीं होगा।हर किसी प्रकारका सुधार समय मांगता हैं।हम जब हमारी समस्या के प्रति जागृत होते हैं,हम संभावना की ओर नजदीक पहूंचते हैं।

Bee The Change

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अच्छी चीजें ओर अच्छी बातें हमे पसंद आती हैं।अच्छा या नया करने के लिए क्रिएटिव थिंकिंग जरूरी हैं।ऐसे बच्चों को खोज के उन्हें IGNIT एवॉर्ड दिया जाता हैं।आज 240 से अधिक बच्चे के सन्मान प्राप्त कर चुके हैं।ऐसे  बच्चो तक पहुंचने के लिए UNICEF ओर सृस्टि के सहायसे एक फोरम तैयार किया गया हैं। मेरा सौभाग्य हैं कि इस कार्यमें मुजे जुड़नेका मौका मिला।15 अगस्त को इसे बच्चो को अर्पण किया गया।डॉ अनिल गुप्ता के मार्गदर्शनमें ये संपन हुआ।on line फोरम के निर्माण के लिए ऑफ लाइन ट्रेनिग की जा रही हैं।इसे रिकॉर्ड करने के बाद उसे अपलोड किया जाएगा। जैसे जैसे नए बच्चे जुड़ेंगे।वो क्रमशः मॉड्यूल करते रहेंगे।इस तरह बच्चो के विचार या कल्पना जो वैश्विक किया जाएगा। गुजरात की प्रथम HD न्यूज़ चैनल Vtv ने उसे कवरेज दिया।इस काम मे जो भी जुड़े हैं,जो जुड़ना चाहते है उन सबका शुक्रिया। इसके बारे में आप sristi.org से संपर्क करके अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।ऐसे नबचार के कार्यो से आपको अवगत कराता रहुगा। ऐसे बच्चों के बारें में जानने के लिए  जय हिंद...

इन्हें सलाम...

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आज कल कुछ अच्छे संदेश आते हैं।में पिछले 2 सालों से प्रत्येक दिन एक पोस्ट शेर करता हूँ।मेरे कामसे जुड़े पोस्ट ज्यादा लिखता हूँ।कई सारे दोस्त ऐसे हैं जो मुजे विषय या सामग्री देते हैं।जो मुजे कुछ सामग्री भेजता हैं उसे में लिखता हूँ तो भेजने वाले का यथायोग्य ओर कथायोग्य उल्लेख करता हूँ। मेरे एक दोस्त हैं।जनक दवे।उन्होंने आसाम की कोई एक स्कूल का फोटोग्राफ भेजा हैं।उन्होंने फेसबुक पे शेर किया था।श्री के.वी.पटेल (कावेरी डे केर स्कूल,महेसाणा)ओर श्री गुरुजी ने मुजे यर शेर किया हुआ आसाम का दूसरा फोटो हैं। ऐसेही देश बनता हैं। उपदेश हर कोई भेजता हैं। ऐसी जानकारी जो शेर करने में गर्व हो ऐसा भी कोई शेर नहीं करता। मेरे दो दोस्त हैं। जिन्हें नेशनल आईसीटी एवॉर्ड प्राप्य होगा।राष्ट्रपति जी उन्हें सन्मानित करेंगे।किसी ने उनके लिये लिखा कि पिछले दो सालमें गुजरात मेम किसीको अर सन्मान नहीं मिला।अरे..भाई,इसी लिए तो नेशनल एवॉर्ड हैं।अगर हर साल कोई अच्छा काम करेगा तो नेशनल एवॉर्ड मिलेगा ।मिलनाभी चाहिए।इस बार श्री राकेश पटेल nvnd.blogspot.com ओर श्री पूरण गण्डलिया को आए सन्मान मिलेगा।ऐसी जानकारी और इन स

On line Creation...

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आज हमारा आजाद दिन हैं।1947 के दिन हमारा देश आजाद हुआ था।इससे पहले हम अंग्रेजो के गुलाम थे।अंग्रेजो की शिक्षा व्यवस्था को हमने पकड़ा था।पिछले कुछ सालों से हमारी शिक्षा व्यवस्थामे सुधार हो रहा हैं। समग्र भारतमें on line ट्रेनिग गुजरातने की थी।ये ट्रेनिग iim के सहयोग से हो पाई। आज कुछ ऐसी आजादी नव विचारकोको मिलेगी।15 अगस्त से क्रिएटिव विचारो के लिए ऑन लाईन कोर्स आजशे शुरू होगा।हनी बी नेटवर्क परिवार के साथ सृस्टि का सहयोग आए काम कर रहा हैं।डॉ. अनिल गुप्ता का सीधा मार्गदर्शन मिल रहा है।आज सुबह 11 बजे इसको आप के सामने रखा जाएगा। ऐसी संभावना सोचना ही बड़ी बात है।इस नवतर कार्य से जुड़ी सभी संस्था ओर व्यक्तिओका आभार व्यक्त करते हुए इस काम मे जुड़े होने को मेरा सौभाग्य मानता हूं। #sristi innovation #Honey Bee #Dr Gupta #chetan

ધર્મ અને વિજ્ઞાન:શીતળા સાતમ

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આજે શિતળા સાતમ. એક તહેવાર.ધાર્મિક મહત્વ અને અનેક અંધ શ્રદ્ધા વચ્ચે વર્ષોથી આપણે ઉજવીએ છીએ.ભલે વાર્તા ગમેતે હોય. મારા ઘરેય રાંધવામાં આવતું નથી.હું વિજ્ઞાન અને ધર્મ બન્નેને અલગ જોઈ એક સાથે સાથે જોવું છું.અનુભવું છું.આજે શીતળા સાતમને દિવસે એક વાત યાદ આવી. એ વખતે ડાબા હાથે સૌને શિતળાની રસી આપવામાં આવતી હતી.આ રસીના શોધક એડવર્ડ જેનરને પણ યાદ કરીએ.આજે શીતળા સાતમના દિવસે શીતળા માતાને વંદન કરતા સાથે  આ વૌજ્ઞાનિકનું નામ યાદ કરીએ.આજે કોટી વંદન એટલે કે જો એ રસી ન શોધાઈ હોત તો કેટલાય લોકો આજે અંધ તરીકે કે અન્ય કોઈ વિકલાંગતા સાથે જીવતા હોત. શીતળા માતાનું વાહન ગધેડું છે.એ માટે કોઈ વાર્તા કે વિગત હોઈ શકે.ભલે ગધેડાનેય પગે લાગજો પણ વૈજ્ઞાનિક વિચાર ની વાત ફેલાવજો.ડાબા હાથે જ કેમ તો એનો પાછો કોઈ વૈજ્ઞાન આધારિત જવાબ નથી.પણ, જ્યારે આ શીતળાની રસી આપવામાં આવતી હતી તે સમયે તાવ આવતો.કેટલાક બાળકોને આ રસી લીધા પછી બે દિવસ સુધી હાથ દુખાવાનું થતું.આ કારણે ખાસ અગવડ ન પડે તે માટે ઓછા કામમાં આવતા હાથ તરીકે ડાબા હાથમાં રસી આપતા હશે.છતાં બીજો એવો કોઈ જવાબ મને ધ્યાનમાં નથી.જેને ડાબો હાથ જ નહીં હોય તેને જમણે હ

ચોટલી હોય તો કપાય...

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આજ કાલ ચોટલીની ચર્ચા છે.આ અગાઉ પણ ચોટલી ચર્ચામાં રહી છે.ચોટલી બાંધીને.ચોટલીએ ગાંઠ વાળીને.આ અને આવા અનેક શબ્દો કે શબ્દ પ્રયોગ આપણે સાંભળીએ છીએ. રાજ્યસભાનો વાતનો ગરમાવો ગયો 'ને ચોટલીની ચર્ચા શરૂ થઈ છે.ઉત્તરપ્રદેશથી શરૂ થયેલ આ ચોટલી કાપવાની ઘટના આજકાલ વધી છે. હરિયાણા,રાજસ્થાનથી આવી હવે આ ઘટના ગુજરાતમાં બની છે.કહેવાય છે કે જેની ચોટલી કપાય તેની તબિયત બગડી જાય છે.આવા બનાવો વધતા સૌ દહેશત અનુભવે છે.ટી.વી.ચેનલોને મજા છે.મહાત્મા થી મહામાનવ કહી શકાય તેવા સૌ બાઈટ આપવા તૈયાર થાય છે.ચેનલ ને સમાચાર મળી રહે છે.કોઈને જાણે ચોટલી સિવાય બીજા કશામાં રસ નથી. આ બધું ખરું.છેવટે ગૃહ મંત્રાલય દ્વારા એની તપાસ આપવામાં આવી.ક્રાઈમ બ્રાન્ચ જ્યાં ચોટલી કપાય ત્યાં પહોંચે છે.સુરતમાં સવારે જેની ચોટલી કપાઈ એણે ક્રાઈમ બ્રાન્ચને કીધું કે મેં દાંત વડે વાળ કાપી સૌને ચોટલી કપાયાની વાત કરી હતી.અત્યાર સુધીમાં આખા ગુજરાતમાંથી અનેક વિસ્તારમાંથી આવી ઘટનાઓ બને છે. વિજ્ઞાન જાથાના શ્રી જ્યંત પંડ્યાના TRP વધ્યા છે.ભલે...આવું ન જ હોય. દરેક જગ્યાએ જ્યાં ચોટલી કપાઇ ત્યાં તપાસમાં પોલીસને માનસિક તાણ ના દર્દી કે જાતે

खुश कैसे रहें...

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आजकल लोगो को बहोत समस्या हैं।सबसे बड़ी समस्या हैं,जीवन में खुशी का अभाव।हम ज्यादातर ऐसी खुशी के लिए इंतजार करते हैं जो लंबे अरसे के बाद आती हैं। खुशी को समझने के लिए शक्कर के दाने को समझना होगा।शक्कर का एक दाना या कई दाने स्वाद में समान मीठे होते हैं।बस वैसा ही खुशी के लिए हैं।हम खुशी को ढूंढते हैं।हमे स्थाई खुशी चाहिए।जो सम्भव नहीं हैं। कुछ दिन पहले एक रोचन जानकारी मिली।बात हैं भारतमें पैदा हुए एक व्यक्ति की।जो कि अभी केनेडा में रहते हैं।उनका नाम नील पसरिया हैं।नील के जीवन में कई सारे दुःखद प्रसंग आएं।एक बार वो ऐसी दुख भरी बातोंसे बोर हो गए।उन्होंने उस दिन से रोजाना छोटी खिशियों की नोंध करना शुरू किया।उन्होंने अपनी छोटी छोटी खुशियों को शेर करना शुरू किया।आज छ करोड़ से ज्यादा लोगोने इसे पढ़ा हैं।आप भी उनके ब्लॉग को 1000 ओसामा थिंग से सर्च कर सकते हैं। ख़ुशी कहीं मिलती नही,खुशी कभी टिकती नहीं।उसकी यादो को संम्भाल के जीना पड़ता हैं।जब कुछ दिन बुराई वाले आ जाय उस वख्त उन खुशियो को याद करना चाहिए।

क्यों रोते हो...!

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कुछ दिन पहले की बात हैं।मेने मेरा एक फोटो अपलोड किया था।जिसमें मेरी आंखोमें आंसू दिखते थे।मुजे कुल मिलाके दो लोगोने पूछा।क्यो रो रहे हो।वो दोनों मेरे परिवार के सदस्य हैं।एक मेरी बहन जागृति पंड्या ओर दूसरी मेरी भाभी।कोई भी बात हो।में ओर जागु एक दूसरे को शेर करते हैं।भाई मुझसे बड़े हैं।भाभी मुझसे बड़ी हैं।भाई से कुछ शेर नही करता।भाभी सब पूछ लेती हैं।वोभी प्यारी हैं क्योकी बड़े भाईकी दुलारी हैं।ए दोनो ऐसे पात्र हैं जो मेरे दाये बाएं हैं। कुछ व्यक्ति ऐसे हैं जो मेरे आंसू देखते नहीं।कुछ न कहने का मतलब ये भी नहीं कि उनका प्यार कम हैं।ओर कुछ कहते भी नहीं,क्यो की वो कहना नहीं चाहते होंगे।।कुछ ऐसे लोग भी हैं,जिनका मुझपे अधिकार हैं।ऐसे सच्चे अधिकार वाले कुछ भी कह सकते हैं,पुछ सकते हैं। #love U...  Jagu... जागु.... Bhavana...भावना... #Love U मातृछाया... #Love U...शुभमस्तु...

मनो मावजत

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आज से 16 साल पहले की बात हैं।गुजरातमें भूकंप आया था।26 जनवरी 2001 के दिन की बात हैं।सुबह सुबह भूकंप के जटके आए।जटको के साथ कच्छ के सामने अनेक समस्याए थी।साथ साथ बनासकांठा,सुरेंद्रनगर ओर अन्य कई विस्तारमें अधिक समस्याएं थी। इसके बाद जो हुआ।सारे विश्वने देखा।गुजरात को इस के बाद भौगोलिक,सामाजिक ओर राजकीय स्वरूपमें देखा जाने लगा।आज ऐसे ही कुछ हालात बनासकांठा ओर पाटन में था।वरसात ओर अतिवृष्टि के कारण जो नुकशान हुआ।कभी उसे भरपाई नही कर पायेगा। सबसे पहले जान माल के नुकशान को सरकार और संस्थाओ ने भरपाई करने का प्रयत्न किया।कुछ संस्थाए ऐसी थी कि जिन्होंने जैसी जरूरत वैसी सुविधा भी प्राप्त करी ओर करवाई। एक शिक्षक चाहे वो कर सकता हैं।जैसेही विराट आपदा के बारेमें प्रारंभिक जानकारी प्राप्त करने के बाद श्री जयेश पटेल(राज विद्यानगर,कांकरेज)ने sristi इनोवेशन ओर  युवाग्रीन फाउंडेशन खरसदा के संपर्क किया।उन्होंने क्या सहाय चाहिए,उस गाँव में सहाय कैसे पहुंचाए ओर इसके लिए क्या क्या आयोजन करना हैं।युवाग्रीन फाउंडेशन के श्री के.वी.पटेल ने इस कार्यको जैसे नीव से पकड़ा।जरूरत के आधार पर चीजे बनाई गई

खेल...गीत और मनो मावजत

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पिछले कुछ दिनों से कुछ अच्छा हो रहा हैं।बारिश के बाद जो समस्याए सामने आई उसमें एक समस्या विद्यार्थियो की थी।जहां कुदरती आपदा नहीं हैं वो समज नहीं पाएंगे।मगर समजीए।जिसके मा बापू या छिड़े बड़े भाई बहन गुजर गए हैं।किसीका खिलौना या खिलोने ओर अन्य सामग्री तहस नहस हो चुकी हैं।किसीके स्कूल की सामग्री बह चुकी हैं।ऐसे कई सारी बातें ऐसी हैं जिसकी बजह से बच्चों के मन में जैसे कोई डर हैं।उस डरको निकलना आवश्यक हैं।वो निकलने के लिए एक ही व्यवस्था हैं।जिसे GCERT ने शुरू किया हैं। मेने उस विकल्पमें एक स्कूलमें इस प्रकारकी प्रवृत्ति को बच्चो के साथ किया।हपुजी वपुजी की एक कहानी बच्चो को सुनाई।इस कहानी में गाना... रटना... सुनना...समजना...बोलना...वाह रे वाह।मनो सामाजिक मावजत के माध्यम से मेरी भी मावजत हो पाई।जैसे भूकंप के बाद कच्छ के अलग पहचान बनी वैसी ही बनासकांठा अपनी नई पहचान बना पायेगा। #आफत एक अवसर #सन्मान GCERT

बुधवार को KDS ड्रेस

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शिक्षा से जुड़े लोग निवेदन करते हैं।कोई प्राइवेट स्कूल को अच्छी बुरी कहानी जोड़के अपनी बात रखता हैं।सरकारी और खानगी संकुल ओर उसकी व्यवस्था पे आज कोई बात नहीं करनी हैं। आज एक संकुल के बारें में बात करनी हैं।बरसात के कारण जो समस्याए आई इसमें से जीतनी समस्याओ को दूर करने का प्रयत्न किया हैं। खानगी संकुल ओर उसके संचालक सदैव पैसा कमाने के लिए स्कूल का उपयोग नहीं करते हैं। बनासकांठा ओर पाटन डिस्ट्रिकमें जो नुकशान हुआ,उसे भरपाई करना संभव नहीं हैं।हा, कावेरी दे कर स्कूल के सहयोग से कई बच्चों को ऐसी किट दी गई जो उन्हें उपयोगी हों।हर बच्चे को KDS(कावेरी डे केर स्कूल)ने स्कूल का ड्रेस दिया है।ऐसे 3000 से अधिक बच्चो को ऐसी किट देनेका आयोजन KDS परिवारने किया है। ऐसे संकुल को धन्यवाद ।ऐसी जरूरत वाली चीजें दे कर स्कूल के सहयोग में खड़े होने वाली KDS का शुक्रिया।

आदिवासी दिवस...

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विश्व की भोली प्रजा। विश्व की बहादूर प्रजा। कुदरत के साथ कदम मिलाके सबसे ज्यादा जीने वाली प्रजा।जहाँ में पैदा हुआ,वो क्षेत्र तत्कालीन साबरकांठा डिस्ट्रिक्ट के ईशान कोनेमें पड़ता था।मेने उनकी संस्कृति को करीब से देखा,समजा ओर अहसास के साथ पालाभी हैं। उनका रहन सहन,उनकी भाषा,उनकी बोली ओर उनके रिवाज़ ऐसे की उसे हमे कुछ नया सिखनेको मिले।पिछले कुछ सालोंसे उनको भी कई सारी सुविधा और शिक्षा प्राप्त हैं।जहांतक गुजरात का सवाल हैं,कुछ ऐसा हैं जो उन्हें दुनिया से जोड़ रहा हैं।डांग दरबार देखो,बांठीवाडा की होली देखो।कुछ एरिया बेज नई बाते हमे जोड़ती हैं।उनकी शादिमें मेने खेतमें जोते जाने वाले हल ओर कन्यादान में जीवंत गाय का दान मेने देखा हैं।अरे,गौ दान के बाद उसे ससुराल तकभी पहुंचाया जाता हैं। आज जहाँ शिक्षित और अर्ध शिक्षित व्यक्ति विधवा विवाह से परहेज करता हैं।कुछ हिस्सों में पहेली शादी के बाद ससुराल वाले अपनी विधवा बहु को छोटे भाई या किसी ओर के साथ शादी करवाते हैं।शादी की रसम ओर गाने भी ऐसे की बात छोड़ो।हर छोटी बातकी खुशी उनके व्यवहारमें दिखती हैं।आज के दिनमें बस उनको पूर्ण शिक्षा और सुवि

innovators of GUJARAT

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समग्र भारत से पसंद हुए ग्रास रूट इनोवेटर्स को श्रृष्टि सन्मान मिला!उनके काम के बारे में डोक्युमेंट बनाने कीजिम्मेदारी हमें मिली!मुझे इसे कम्पाइल करना था!हमने सोचा की पूरी बात को वीडियो बनाले!ऐसा हमने पहले नहीं किया था! हम उसके लिए रिहर्सल करना चाहते थे!इस काम में हमे सहयोग दिया डॉ.संजय त्रिवेदी ने!हमने पूरी जानकारी थोड़ी मिन्टोमे रेकोर्ड करे! इस के लिए हमने प्रयत्न किया!उसका पहला रिकोर्ड आपको शेर कर रहे हैं! सीधे U ट्यूब पे रखने के लिए हमने क्या क्या होम वर्क किया वो कभी आपको शेर करूंगा!आपसे शेर करूंगा! हम ग्रुप में काम कर रहे थे!इसका सेम्पल हमने बनाया!ये विडिओ हमने ग्रुप में शेर किया!सबही को पसंद आये!और हमने इसे अपलोड करदिया!आज आप के लिए फिरसे कुछ वीडियो यहाँ शेर करेंगे!इसके बारेमे अधिक जानकारी के लिए  संपर्क   करें!! गुजरात के   इनोवेटर्स

અનોખા માજી...

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એક ઘરડાં માજી. એ.ટી.એમ પકડી સોફા ઉપર બેઠાં હતાં.એમનો વારો આવતાં એ.ટી.એમ.બારીમાં ધરીને માજી કહે,'મારે રૂ.૫૦૦ ઉપાડવા છે.'હાજર મહિલા ફરજ બજાવતાં હતાં. કેશિયર મહિલા ફરજના ભાગે માજી સામે જોયા વગર કહે. રૂ.૫૦૦૦થી ઓછી રકમ માટે એ.ટી.એમ. માં જઈ જાતે પૈસા ઉપડવાના.મારા પૈસા,હું મને ગમે તે રીતે ઉપાડું.' માજી કેશિયરને કહે,'કેમ ? આવું કેવું...!'બેંકની કેશિયર હવે છંછેડાયાં. તે બોલી, ” કેમ કે આ નિયમ છે.માજી સામે જોઇને કહે 'મહેરબાની કરીને જો હવે આપને બીજું કઈ કામ ન હોય તો અહીંથી જઇ શકો છો.' આટલું કહી તેણે એ.ટી.એમ. પરત આપી દીધું. થોડો સમય માજી ચૂપ રહીને પેલી કેશિયરને કહે: મારે મારાં ખાતાં માંથી બધા જ પૈસા ઉપાડી લેવા છે.. શું તમે મને સહાય કરી શકો !” કેશિયરે માજીના ખાતામાં ની બચત રકમ જોઈ.કેશિયરને નવાઈ લાગી.એની બેય આંખ જાણે ખુલીને બહાર આવી હતી. તે અચંબો પામી ગઈ. થોડું ઝૂકી, માંથુ ધુણાવી તે કેશિયર નરમાશ થી કહે,” માફ કરશો બા, પણ તમારા ખાતાંમાં તો ચાર કરોડ રૂપિયા છે !  હાલ બેંક તમને તમારા પૈસા આપી શકે તેટલાની સગવડ નથી.શું તમે કાલે ફરી એક વાર જાણ કરીને આવી શકશો

BLUE Whale...

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હું નાનો હતો.અમે મેદાનમાં સાંજે રમતા.એવું રમતા કે ભણવાનું છૂટી જતું.આજેય નાની ઉંમરના બાળકો રમે છે.જમાના પ્રમાણે રમતના સાધન બદલાયા છે.આજથી એકાદ દાયકા પહેલાં વીડિયો ગેમ બાળકોનું રમવાનું માધ્યમ હતું.આજે કેટલાક લોકો વ્યક્તિગત સ્વાર્થ માટે કેવું કરી શકે તેની વિગત જોઈએ.આજકાલ એક રમતની ચર્ચા થાય છે.રમતનું નામBLUE WHALE GAME છે.આવી  ‘મોતની ગેમ’ Blue Whale કોણે અને કેમ બનાવી છે? તે જાણીને આપને અચરજ થશે. તાજેતરમાં મુંબઇના એક 14 વર્ષીય છોકરાએ આત્મહત્યા કરી છે. કહેવાય છે કે ‘બ્લૂ વ્હેલ ચેલેન્જ’ નામની ગેમનો શિકાર બન્યો હતો. આખરે આ બ્લૂ વ્હેલ ચેલેન્જ છે શું? આ જીવલેણ ગેમ કોણે બનાવી? જાણો.. આ ગેમ રશિયાના સાઇબેરિયા પ્રાંતના એક વ્યકિતએ શોધ કરી છે. ફિલિપ બુદેકિન નામના 22 વર્ષીય યુવકે બ્લૂ વ્હેલ ચેલેન્જની શરૂઆત કરી હતી. હાલમાં તે રશિયામાં યુવકોને મરવા માટે પ્રોત્સાહિત કરવાના ગુનામાં જેલમાં 3 વર્ષની સજા કાપી રહ્યો છે. મેમાં ફિલિપે એક ઇન્ટરવ્યુ આપ્યો હતો. જ્યારે તેને પૂછવામાં આવ્યું કે, તે કેમ યુવાનોને મરવા માટે પ્રેરી રહ્યો છે? આ સવાલના જવાબમાં તેણે કહ્યું કે, હા, હું સાચે આ જ કરી રહ્યો હતો. પણ

કરો તેવું ભરો...

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એક વખત એક રાજાએ પોતાના ત્રણ મંત્રીઓને બોલાવ્યા. મંત્રીઓ આવ્યા એટલે રાજાએ કહ્યુ , " મારે આજે તમને પ્રજા માટે એક નાનું કામ સોંપવું છે.તમે આપણા બગીચામાં જાવ અને સારા સારા ફળનો એક કોથળો ભરીને લઇ આવો. આ કોથળો ભરીને તમે જે ફળ લાવશો એ હું જરુરીયાત વાળા લોકોને અપાવી દઇશ.             "પ્રથમ મંત્રીએ વિચાર્યુ કે રાજા માત્ર ભરેલો કોથળો જ જોવાના છે એમાં શું છે.એ જોવાની રાજાને ક્યાં ફુરસદ હશે.માટે એણે તો ઘાસ-કચરો જે મળ્યુ તે ભેગુ કરીને કોથળો ભરી દીધો.            બીજો મંત્રી પણ બગીચામાં ગયો અને વિચારવા લાગ્યો, " હું મહેનત કરીને જો ફળ એકઠા કરીશ તો એ ફળ રાજા ક્યાં ખાવાના છે એ તો પ્રજામાં વેંચી દેવાના છે.તો પછી ખોટી મહેનત શું કરવી." એણે ઝાડ પર ચડીને ફળો તોડવાને બદલે નીચે પડેલા અને સડી ગયેલા ફળો એકઠા કરીને પોતાનો કોથળો ભરી લીધો.           ત્રીજો મંત્રી બગીચામાં ગયો. એને રાજાની આજ્ઞાનું પાલન કરીને પ્રજા માટે સારા-સારા ફળો એકઠા કર્યા આ માટે એને ખુબજ મહેનત કરવી પડી પણ રાજાની આજ્ઞા હતી આથી એણે પ્રજા માટે પાકા અને સારા ફળો ભેગા કર્યા.               ત્રણે મંત્રીઓ પોતાના કોથળાઓ

ऐसा भी होता हैं...

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कुछ भूल गए। कुछ याद नहीं हैं। हाजी...2015 भूल गए है।2017 की कई सारी बाते ऐसी हैं जो हमे याद नहीं रहेगी।बात हैं सोमभाई रावळ की।राधनपुर में बारिश के कारण नुकशान हुआ।कई व्यक्ति ओर पशुधन का भी नुकशान हुआ।एक रातमें इतना पानी आया की कुछ नहीं बचा।अतिवृष्टि अगर अधिक होती हैं तो इस बार जो नार्थ गुजरातमें हुआ वो अत्याधिक अतिवृष्टि थी।लोगो को बचाने के लिए हेलीकॉप्टर भेजे गए। एक ऐसा ही हेलीकॉप्टर राधनपुर स्थित पशुघरमें पहुंचाया गया।यहाँ श्री सोमाभाई ओर उनके परिवारमे उनकी धर्मपत्नीभी वहाँ फँसीथि।हेलीकॉप्टर आया तो सोमाभाई ने उसमे बैठने से मना करदिया।क्योकि वहाँ 900 से अधिक पशु थे।जिनके काम से रोजी मिलती थी इसे छोड़ के अपनी जान नहीं बचाई जाती।धीरेसे बोलते एकदम से सोमाभाई कहते हैं ' में बचपाया ओर हमारे ज्यादातर पशु भी बचे,अगर में जिंदा रहने के लिए हेलीकॉप्टर से निकल जाता तो में जिंदा नहीं रह पाता। अपने नही बोलने वाले परिवार के सदस्यों के लिए अपनी जान दाँवपर लगानेवाले श्री सोमाभाई को वंदन।

Photocopy will not...

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Today, young children Let the moon touch the stars, Read two four books They will be like us! A teacher should also have an influence in our lives. Mahatma Gandhi also did not escape with such an impact.Hey, why is Bapu alone? Most people have no role in the life of all the people. Be sure to be one. One of my friend Pradeep Singh (Bhavnagar) 'Bapu'. He works with joyful learning with new tricks. He sends news, videos and photos to me. Today, whatever he has sent that says  something to our education system. Ohh!! that sounds a lot.. The teacher can be influenced in life! All the children studied together have different impressions on different people! Here are the questions, what is in the mind of the teacher, only the children understand them.If this happens then? If our carbon copy of the room goes out ? If yes, then what will happen to all India like us? We just have to be a guide, not to photocopy our thinking or beliefs. #अनुवाद:सप्तर

नेह नेपाल

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आज से कुछ साल पहले की बात हैं।हमारे पडोशी देश नेपाल की बात हैं।यहाँ भूचाल आया था।हमारी संस्कृति ऐसी हैं कि हम किसीको दुखी नहीं देख सकते।नेपाल तो हमारा अपना साथी हैं। भारतमें से कई लोग यहां जाते हैं।मोस्ट फ़ेवरीट कंट्री का नेपाल को हमने स्थान दिया हैं।यहाँ जाने के लिए पासपोर्ट नहीं चाहिए।जब भूचाल आया तो कई भक्तो के गुजरात से भी कई लोग गए थे।sky ट्रांसपोर्ट के मालिक जो पिछले कई सालों से टूर ऑपरेट करते थे।उनसे ये देखा नहीं गया।उस दिन से आज तक वो सेवामें कार्यरत हैं।उन्होंने वहां स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए काम की शुरुआत की।जैसे जैसे समय बीतता गया।लोग जुड़ते गए। विश्वग्राम,स्काय फाउंडेशन,सृस्टि इनोवेशन इर आईआईएम जैसी संस्थाए भी इस काम में जुड़े।जुड़ते गए। मुजेभी उनसे जुड़के काम करनेका मौका मिला।नेपाल से चुनिंदा अध्यापक भारत और गुजरात आये। आईआईएम अमदावाद ओर सृस्टि के सहयोग से हमारा मिलाप हुआ।उनकी समस्याओं के बारे में समज ने का प्रयत्न किया।उनसे बात करते हुए मुजे मालूम पड़ा कि उनकी स्कूलमें प्रार्थना सभा जैसा कुछ नहीं हैं।मेने जब इस विषय पे चर्चा की।मेने कहा, गुजरात मे 1500 से अधिक बच्च

GARBAGe...

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One day one person was going to the railway station by an auto. Auto driver  was driving auto restlessly. A car suddenly came out of the parking lot and came on the road. The auto driver brake fast and survived collision with the car. The car driver began to call the auto driver as bad as he can when the fault was the car driver. The auto driver was an orchestrated (listening to positive thoughts). He did not get angry with the car's person and proceeded apologizing. The person sitting in auto was angry at the car's move and asked the auto-owner why did you let the car go without saying something like that. He said good-bye to you, while the mistake was his. Our luck is good, otherwise we are in the hospital because of that.Auto guy said, Sir , many people are like a garbage truck. They run a lot of garbage stuff in their brains. Hard work is done for those things which are not needed in life, such as anger, hatred, anxiety, despair etc. When their garbage gets very m

Our Happiness...

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Many times happens... We are not satisfied with our lives! There are many people in the world who want to live like you! A farmer's child sees the plane flying in the sky and sees the dream of sitting or blowing in it! The same driver, Seeing the village, he misses the house! This is the truth! This is life! If the man was happy with the money, then the rich people dance on the road! Often such poor and middle class performs only! If there is anything from the power, then why should the of the ruling party? Those who live by the truth are happy! If beauty and fame Only the life of Satisfaction, then the film stars should have a successful married life! There is a little story! There was a young man! He was in the train! He was unemployed! When he saw that his maiden was sitting on his feet, there were expensive shoes in his feet! Youth was unhappy! He has come to you, he is cursing you! Your poverty! When the station came, On the right side, the monsieur began t

मा का दूध...

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कल से स्तनपान सप्ताह शुरू हो गया।पिछले कई सालों से इस सप्ताह को विशेष तौर पे मनाया जाता हैं।माता के दूध के अनेक लाभ हैं।विश्व के वैज्ञानिक भी इसे मान चुके हैं। आज में कुछ कहूंगा।आप को समझ लेना हैं। ज्यादातर देखा गया हैं कि गाँव के लोग या अनपढ़ व्यक्ति जागृत हो सके इसके लिए कई सारे दिन मनाये जाते हैं।कई दिन ऐसे हैं कि जिसका महत्व समजाया जाता हैं। शहरी महिलाए,व्यावसायिक महिलाएं कभी कभी महत्व जानते हुए भी अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करवाती।गाँव की महिलाएं बच्चे को स्तनपान करवाती हैं।मानसिक,शारीरिक और बौद्धिक स्वरूपमें सर्वांगी विकास माँ के दूध से फैलता हैं।इस सप्ताह को विश्वमें मनाया जाएगा।आपभी इस के प्रचार में सहयोग करें।डॉ. आई.के.विजलिवाला कहते हैं।सिर्फ माँका दूध ही संपूर्ण आहार हैं।बाकी के दूध संपूर्ण आहार नही कहे जा सकते।ठीक हैं,सायन्स अपनी जगह कुछ सर्च करले।ठीक हैं,मगर माँ के दूध का कोई विकल्प नहीं हैं।

WITH YOUR सपोर्ट...

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The new hospital was inaugurated! I am writing on the above what was written in that invitation! One step ahead! And the cooperation was written about! Those who can see you in the side! The new step is not without your cooperation and faith! Many people are with us when we go with them, so we listen to them! We will also have told many people, I am with you! Speaking and implementing it is one thing It is the second thing to say that! It is difficult to speak this thing when it has just been spoken! I've seen many such people, they support us every moment, every situation, every situation! There are so many people in my life, Nobody has left me. Someone has born, someone has understood, someone has taught and somebody has played well and saved! Those who are with me today have always been my friends! In every situation, in every question! Do not make mistakes! Those who forgive the mistakes are the same life! Without the many people, like we are not, so many people

जीवन के रंग...

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जीवन में कई तरह के रंग हैं।सुख,दुःख और अनेक रंग जीवनमें आते हैं।कोई भी हो,सदैव सुख या दुःख जीवनमें नहीं रहते हैं।जीवन की कल्पना विविध रंगी हैं।क्रोध,स्वार्थ ओर परमार्थ के रंग जो हम सीधे नहीं देख पाते हैं।संशोधन के आधार पर ब्रिटिश यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जोम किलिम ने कहा हैं कि सिर्फ बच्चे ही एक दिनमें एक से अधिक वर्कर के मूड से गजरते है।शायद इसी लिए वो रात को चेन से सोते है। जहाँ तक मेरा सवाल हैं।में दिनभर आसमानी रंग से ज्यादा जुड़ा होता हूँ।वो गहराई का रंग हैं।सोचते रहना मुजे पसंद है।सोच दर्शाने के लिए ,गहराई दर्शाने के लिए आसमानी रंग हैं। में क्रोधित होक तब लाल रंग में आ जाता हूँ जब में कुछ समझ नहीं पाता हूँ।मेरी एक छोटी सी दोस्त हैं।धारा उसका नाम।वो जब प्री स्कूलमें पढ़ती थी।मेने उसे 1 से 5 का काउंटिंग करवाया।ऊसने किया।साथमें मेने उसे 6 लिखने को कहा।उसने 6 सुनते मुजे कहा 'उलटा दो बनाउ!'गुजराती लिपि में 2 को दर्पनमे देखो तो 6 दिखता हैं। यहाँ उसकी समझ थी।जब वो 1 से 10 काउंट करती थी।तब मैंने उसे पास बुल्के कहा 1...2...3...4...5..उलटा दो...7...8...तब मुजे कहा नहीं 6 बोलो