जीवन के रंग...

जीवन में कई तरह के रंग हैं।सुख,दुःख और अनेक रंग जीवनमें आते हैं।कोई भी हो,सदैव सुख या दुःख जीवनमें नहीं रहते हैं।जीवन की कल्पना विविध रंगी हैं।क्रोध,स्वार्थ ओर परमार्थ के रंग जो हम सीधे नहीं देख पाते हैं।संशोधन के आधार पर ब्रिटिश यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जोम किलिम ने कहा हैं कि सिर्फ बच्चे ही एक दिनमें एक से अधिक वर्कर के मूड से गजरते है।शायद इसी लिए वो रात को चेन से सोते है।
जहाँ तक मेरा सवाल हैं।में दिनभर आसमानी रंग से ज्यादा जुड़ा होता हूँ।वो गहराई का रंग हैं।सोचते रहना मुजे पसंद है।सोच दर्शाने के लिए ,गहराई दर्शाने के लिए आसमानी रंग हैं।
में क्रोधित होक तब लाल रंग में आ जाता हूँ जब में कुछ समझ नहीं पाता हूँ।मेरी एक छोटी सी दोस्त हैं।धारा उसका नाम।वो जब प्री स्कूलमें पढ़ती थी।मेने उसे 1 से 5 का काउंटिंग करवाया।ऊसने किया।साथमें मेने उसे 6 लिखने को कहा।उसने 6 सुनते मुजे कहा 'उलटा दो बनाउ!'गुजराती लिपि में 2 को दर्पनमे देखो तो 6 दिखता हैं।
यहाँ उसकी समझ थी।जब वो 1 से 10 काउंट करती थी।तब मैंने उसे पास बुल्के कहा 1...2...3...4...5..उलटा दो...7...8...तब मुजे कहा नहीं 6 बोलो।तो मैने कहा लिखते समय उलटा 2 से याद रखा है तो लिखने में रखो।
ऐसा जीवन के रंग में नहीं होता।दुःख की अनुभूति के समय कोई सांजे ने के बजाय ऐसा सवाल करे तो व्यक्ति हंस लेता हैं।उसका अर्थ ए होता हैं कि वो दुःखी हैं,मगर ये बात समजने में असमर्थ व्यक्ति हंसता हैं।किसी घरमें मृत्यु के समय कोई व्यक्ति रो नहीं पाती!दु:ख के काले रंग के साथ वो हंस लेता हैं।भले हंसी का रंग गुलाबी हो।दु:ख के समय काला रंग ही दिखता हैं।
हम जिन से खुशी की अपेक्षा करते हैं।वो असमर्थ नहीं हैं।उनकी समझ में उस वख्त उन्हें भी हमारी सहायता या सहयोग की आवश्यकता होगी।खेर,जो भी हैं।जीवन में हर रंग का महत्व हैं।किसी एक रंग से बना चित्र सुंदर हो सकता हैं,अति सुंदर तो भिन्न रंगों से सजे चित्र ही होते हैं।अपने जीवन को संवारने वाले सभी रंग स्वीकृत होने चाहिए।आशा हैं,हर रंग के साथ जीवन पसर हो।हा,गुलाबी रंग सदैव जीवन मे सबसे अधिक दिखे ऐसी भावना।
#हाय जिंदगी...

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