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Showing posts from July, 2017

कुछ नहीं चाहिए...

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हमारा देश कृषि प्रधान देश हैं।कृषि के लिए बरसात की आवश्यकता हैं।आज भी भारत में कई सारे हिस्सो में खेती के लिए सालाना बारिश पर ही भरोसा रखना पड़ता हैं।जहाँ सिचाइ की व्यवस्था हैं,वहां भी बारिश की आवश्यकता हैं।कोई भी चीज अगर जरूरत से अधिक हो तो वो खराब हैं। बारिश का भी ऐसा ही हैं।2015 को भुला देने वाली बारिश 2017 में हमने देखी।2015 से अधिक नुकसान हुआ था। इस बार अलग अलग विस्तारमें जाके पहले आवश्यकता क्या हैं उसे ढूंढा ओर उसको सुलजा ने का प्रयत्न किया।कई दिल दुखाने वाले किस्सो के बीच एक घटना आपसे शेर करूँगा।में नवाचार के कर्यो से जुड़ा हूँ।अध्यापक या विद्यार्थियो के इनोवेशन से जुड़े काम करते ये तय हुआ की,नई जानकारी बच्चो से ही मिलती हैं। हम सब एक ग्रुप में थे।ग्रुप में हम चार सदस्य थे।हम पहेली बार दांतीवाड़ा गए।वहां जाके मालूम पड़ा कि 'वावधरा' में मदद की आवश्यकता है।हो सके तो वहाँ मदद पहुंचाने का आयोजन किया।हम साथमें वहाँ गए।रास्ते टूटे हुए मगर तैयार थे।उस के उपर गाड़ी चल सकती थी।टूटे हुए रास्तो को दुरुस्त किया गया था।आसपास के लोग आने जाने वाली गाडियो को जैसे  महसूस कर रहे थे।

इच्छाशक्ति ओर नवाचार...

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जब कुछ होता हैं, तब कुछ कुछ होता हैं!आप देखते है कि बैठने के टेबल को चलने के लिए उपयोगमें लिया जा रहा हैं!ये फोटोग्राफ पूर्वांचल भारत से हैं!बारिश में एक अगर रोड के ऊपर चलना है तो?हो सकता हैं कि यह कोई व्यापारी हो!रोड के दोनों तरफ उसकी दुकान हो!कुछ भी हो सकता हैं!अभी तो हम इस फोटो की मजा लेंगे! साथ मे एक बात आज फिर से तय करले की कुछ भी हो सकता हैं!यह कुछ भी होने के लिए कुछ होना जरूरी हैं।जहाँ कोई अड़चन हैं।वहाँ समाधान मिलेगा।वहाँ रास्ता निकलेगा। मेरे एक दोस्त थे!कॉम्प्यूटर ओर नेट के बारेमें जब इन्हें में समजता,वो सीखने को तैयार नहीं थी।आज वो अपना सब काम अपने आप सीखी हैं,ओर करती हैं!क्यो की उनके ऊपर ये आ पड़ी थी।मेरे पिताजी ने 62 साल की उम्रमें गाड़ी चलाना सीखा!वो चाहते तो ड्रायवर रखते,मगर उन्होंने ड्रायवर की सुविधा न लेते हुए अपने आप गाड़ी सीखे।अब ड्रायवर हैं वो सुविधा हैं,अगर गाड़ी नहीं आती होती तो ड्रायवर की आवश्यकता थी!सुविधा और आवश्यकता के बीच जो हैं उसे हम इच्छा शक्ति कहते हैं!सवाल है,इच्छा शक्ति और विचार का।हम समस्या को देखते हैं।उसके सामने हम कुछ समाधान नहीं ढूंढते।टेबल वाले फ

फोटो कॉपी,नहीं चलेगी...

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आज छोटे बच्चों को चांद सितारे छूने दो, दो चार किताबे पढ़ के वो भी हम जैसे हो जाएंगे! किसी अध्यापक का हमारे जीवन में प्रभाव होना भी चाहिए।महात्मा गांधी जी भी ऐसे प्रभाव से बच नहीं पाए थे।अरे,बापू ही क्यों।ज्यादातर सभी लोगो के जीवन में कोई न कोई आदर्श होता हैं।होना भींचहिऐ।मेरे एक दोस्त।प्रदीप सिंह(भावनगर) 'बापु'।जॉय फूल लर्निग के साथ कई तरकीब के साथ कार्यरत हैं।ऐसे न्यूज़,वीडियो और फोटो भेजते हैं।आज जो उन्होंने भेजा हैं,वो हमारी शिक्षा व्यवस्था के लोगो को कुछ कहता हैं।अरे!बहोत कुछ कहता हैं! जीवन में शिक्षक का प्रभाव हो सकता हैं!एक साथ पढ़े सभी बच्चों पे भिन्न भिन्न व्यक्तिओ की छाप होती हैं!यहाँ सवाल हैं,अध्यापक के दिमाग में जो हैं, उसे ही बच्चों की समझ बनती हैं।अगर ऐसा हुआ तो?क्या हम क्लास रूम में हमारी कार्बन कॉपी निकल ने के लिए जाते हैं?अगर हाँ, तो सोचिए सारा भारत हमारे जैसा होगा तो क्या होगा? हमे सिर्फ मार्गदर्शक बनना है,हमारी सोच या समज की फोटोकॉपी नहीं करनी हैं। #सप्तरंगी फाउंडेशन,गुजरात.

अमृता प्रीतम

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अमृता प्रीतम का नाम याद आते ही हम सबको याद आती हैं प्रेम में डूबी हुई कविताएँ।काल उनके बारें में एक बात लिखी!एक मित्रने कहा,सिर्फ यही बात तो कुछ गलत संदेश भी जाएगा!इनके बारेमें संपूर्ण जानकारी के साथ लिखो।थोड़ी जानकारी थी!थोड़ी प्राप्त की!अब आप उनके बारेंमे ज्यादा जानकारी प्राप्त करेंगे! फिरसे अमृता के बारेंमे आगे बढ़ते हैं!वो कविताएँ जो कच्ची उम्र में अच्छी तो लगें पर समझ न आएं।सच में कुछ जादू ही था अमृता और उनकी कविताओं में।आप पसंद करें तो अच्छा और न करें तो भी उन्हें नकार नहीं सकते। अमृता 20वीं सदी की बेहतरीन साहित्यकार थीं। उन्हें पंजाबी की पहली और सर्वश्रेष्ठ कवयित्री माना जाता है। उनकी लोकप्रियता सिर्फ भारत में नहीं, सीमा पार पाकिस्तान में भी उतनी ही है। पंजाबी के साथ-साथ अमृता ने हिन्दी में भी लेखन किया। उनकी रचनाओं को पूरी दुनिया में पढ़ा जाता है और उनकी किताबें पंजाबी, हिन्दी, उर्दू,इंग्लिश, स्पेनिश, रशियन, इटालियन जैसी कई भाषाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने कुल मिलाकर लगभग 100 पुस्तकें लिखीं। अमृता ने अपनी रचनाओं में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के दर्द, दंगो, किस्सों

Chanakya and...

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Samrat Chandragupta once said to Chanakya, Chanakya, and wish you were beautiful?Chanakya said, 'Rajan, man is identified with his qualities, not by nature.' Then Chandragupta asked, 'Can someone give an example where the appearance of the property has been shortened?'Then Chanakya gave the king two glasses of water to drink. Then Chanakya said first glass of water of gold pitcher and the pitcher another glass of water and soil, to which the water was good. " Chandragupta said, 'the glass filled with spicy'. Nearly the emperor Chandragupta's wife was present, he was greatly influenced by this example. He said, 'The gold pitcher which can not be quenched by the thirst of which work. Even if the pot is very ugly, but the thirst quenches from the water of pottery, that is, the virtue is not great. In the same way, man is worshiped not because of his own nature but due to subordinate qualities.The form is today, tomorrow.

अमृता प्रीतम की प्रीत...

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कुछ दिन पहले! मैने सबसे पहला और सबसे   अलग के बारें में मैने लिखा था!सबसे अलग के तौर पे हम जिन्हें देखते हैं,कई हमे पसंद आते हैं!कई हमे पसंद ना भी हो!ऐसा एक नाम हैं अमृता प्रीतम!समूचे भारतमें मानी हुई लेखिका हैं!गुजरात मे जैसे वर्षा अडालजा ओर विनोद भट्ट!जिन्होंने अपनी जिंदगी के बारे में अपने पाठकों से कुछ नहीं छुपाया!ऐसी ही एक बात आपके सामने रखने से पहले उसके बारे में कुछ जान ले! बात हैं अमृता प्रीतम की!इमरोज से उनकी शादी हुई थी!शादी से पहले ओर बादमें भी वो अपना प्यार नहीं भूली!अमृता के प्यार का नाम शाहिर लुधियानवी !वो भी भारत के ख्यातनाम शायर थे!अमृता शाहिर से प्यार करती थी!बे तहाशा महोब्बत करती!उन्होंने ये बात कभी किसीसे नहीं छुपाई!अपने शौहर इमरोज से भी नहीं! अब हमारी बात आगे...! किसी ने अमृता जी से पूछा,इमरोज ओर शाहिल में क्या फर्क हैं?सवाल खतम होने से पहले अमृता जी ने बताया 'इमरोज मेरा छप्पर हैं,शाहिर मेरा आकाश! में कुछ फर्क समजा नहीं पाऊंगा,छप्पर ओर आकाश का!मेने कई बार अमृता को पढ़ा हैं,उनकी हिम्मत और जिंदादिली को में सलाम करता हूँ! कई लोग ऐसी हिम्मत जुटा पाते

GPSC...UPSC & SEB

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गुजरात कई तरीके से अदभूत हैं!पिछले कुछ सालोंसे शिक्षामें कुछ नवाचार अमली हुए हैं!आज हम वंदे गुजरात की 16 चेनल के लिए चर्चा करेंगे!राज्य परीक्षा बोर्ड जिसे अंग्रेजी में स्टेट एक्जामिनेशन बोर्ड(SEB) भी कहते हैं! कक्षा 5 से 12 तक कि कुल आठ चेनल शिक्षा के लिए दी गई हैं!सभी कक्षा के लिए उपयोगी और महत्वपूर्ण जानकारी इस चैनल के माध्यम से दी जाती हैं!पाठ्यपुस्तक के लेखन से जुड़े हुए एक्सपर्ट के द्वारा यहाँ जानकारी दी जाती हैं!डायरेक्ट टू होम(DTH)पर निशुल्क उपलब्ध हैं! 5 से लेकर 8 नंबर की चेनल के साथ काम करनेका मुजे मौका मिला हैं!श्री प्रफुल जलु SEB के अध्यक्ष हैं!जिन्होंने जाहिर परीक्षा के लिए खास कार्यक्रम बनवाये थे!वो कार्यक्रम भी ऐसे की शिष्यवृत्ति की परीक्षा हो,GPSC या UPSC की परीक्षा हो!सभी के लिए यह कार्यक्रम उपयोगी हैं! आशा रखता हूँ कि आप इस कार्यक्रम को देखते होंगे!इसमें कोई सुधार हैं तो आप मुझतक जानकारी भेजे!आप सीधे SEB से भी संपर्क कर सकते हैं! शिक्षा के लिए 16 चेनल के साथ गुजरात एक मात्र ऐसा प्रान्त हैं जो इतने बड़े पैमाने पर शिक्षा के लिए चेनल चला रहा हो! #Gret GoG #T

Indipendent prisedent of india

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Our new presidents were fixed! Kovind ji is now our President! NDA's candidates have won! From now on, they will be our 14 presidents! Before this, I wrote about the presidential election! All the presidents till today Or party was connected to the party! Like Kovind was associated with NDA! After becoming President or Vice President, a person can not become a member of any political party! Today, I will talk about such a President who was an independent candidate who had won the first time as an independent candidate in the history of India! Yes, that was the rule of Indira Gandhi that the party candidate lost and Indira ji won her Independent candidate! Since then, Indira has become India! Like today, Modi is India! He was involved in the independence movement of Ireland. He used to study there that way! V.V.Giri came to India! His country was a slave! The British was the Shashan! The rail service was new! Here the staff of the employee and others who exploite

No problem....you are not sharp...

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Today is the time of Sharp tomorrow! Sharp people and Sharp stuff we like most! They say that whoever has sharpness, he will do anything too! Everybody needs an example in understanding! Everything is related to education! It does not seem necessary to understand everything, except for simple and simple practical examples! There was a companion in a project with me! They were the people of Madras! They always guide, love and understand! Once they said, 'If you have four pencils, you have missed the point of three! There is a pencil left Sharp! Who would you like to write? I told them to write a sharp pencil! Then he said, 'It is good to be look sharp, but if you do not do anything, Sharp looks! Then there is no point! Whatever works, he will forget it! If he makes a mistake then he should accept it! After doing nothing, it is easy to get rid of mistake! Why do you want to remove that mistake from someone else's work! Sharp can not work! Not only does Sha

आप का साथ...

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नए अस्पताल का उद्घाटन था!उस निमंत्रण में जो लिखा था,उसके ऊपर में लिख रहा हूँ!एक कदम आगे!ओर सहयोग के बारेमें लिखा था!जो आप बाजू में देख सकते हैं! नया कदम आपके सहयोग और दुआ के बिना संम्भव नहीं हैं!कई लोग जब हमारे साथ होते हैं,तब जाके हम उनसे ऐसा सुनते हैं!हमने भी कई लोगो को कहा होगा, में तुम्हारे साथ हूँ!ऐसा बोलना ओर उसके ऊपर अमल करना एक बात हैं!ऐसा बोलके उसे निभाना दूसरी बात हैं! इस बात को बोलके निभाना  मुश्किल तब होता हैं जब बात सिर्फ बोली गई हो!मेने कई ऐसे लोगो को देखा हैं वो हर पल,हर स्थिति,हर हाल में हमे सहयोग करते हैं!मेरे जीवनमें ऐसे कई सारे लोग हैं,जिन्होंने मुजे किसीभी हालमें मुजे नहीं छोड़ा हैं।किसीने पैदा किया,किसीने समजाया,किसीने सिखाया ओर किसीने मुजे निभाया ओर संवारा! जो आज मेरे साथ हैं!सदैव मेरे रहे हैं!हर हालमें, हर सवाल में!गलती कोन नहीं करता?जो गलती को माफ करदे वो ही जिंदगी हैं!कई लोगो के बगैर जैसे हम नहीं हैं,वैसे ही कई सारे लोग भी हमारे बगैर न हो ऐसा कर्म करें!अगर नहीं करपाये तो सहयोग न करें।हा, उसे परेशान न करे,उसके कार्यमें आपत्ति न बने! आप हैं तो में हूँ!

राष्ट्रपति चुनाव की खट्टी मिठ्ठी...

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आज हमारे राष्ट्रको नए राष्ट्रपति मील हैं!इस से पहले राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया के बारे में यहाँ जानकारी दी गई थी!आज हम बात करेंगे रामनाथ कोविंद जी के चुनाव के बारेमें! आपको ये जानना जरूरी हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में पहेली पसंद ओर दूसरी पसंद ऐसे दो मत देने होते हैं!इसे इलेक्ट्रोल वोट कहते हैं! आज की परिस्थितिमे उसे समजे!बंधारण में लिखा हैं कि राष्ट्रपति के चुनावमें कुल इलोक्ट्रोल वोट को आधा करके उसमें एक जोड़ने से जो मतसंख्या होती है,कमसे कम उतने या अधिक मतप्राप्त करने होंगे!अगर सारे देश के 1000 इलोक्ट्रेल वोट हैं तो कमसे कम 501 मत जो प्राप्त करेगा वो जीतेगा!अगर पहली पसंद में किसी दो उमेदवार को समान मत मिलते हैं तो दूसरी पसंद के वोट की गिनती करनी होती हैं!आज तक के भारतमे ऐसा कभी नहीं हुआ कि दूसरी पसंदगी से राष्ट्रपति को विजेता गोशीत किया गया हो! वैसे तो ये 14 व राष्ट्रपतिका चुनाव हैं!शुरू में ऐसा हुआ कि जो उपराष्ट्रपति थे वोही उसके बाद पांच साल के लिए राष्ट्रपति बनते थे! आज तक सर्वसामान्य उमेदवार,या ज्यादा से ज्यादा दो उम्मीदवार राष्ट्रपतिका चुनाव लड़े हैं!कभी भारत में द

Tv & mobil...

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आप कार्टून देखते होंगे!आज से 13 साल पहले की बात हैं!दूरदर्शन को छोड़ के प्राइवेट चेनल नई नई आई थी!स्टार प्लस पे सांस बहु की बाते चलती हैं!महिलाएं खास कर इन सीरियल्स में इतनी मस्त ओर व्यस्त होती हैं कि वो दूसरी ओर देखते नहीं हैं!आज के समय मे टी.वी.  के साथ मोबाइल,टेबलेट ओर एनरोइड भी ऐसे उपकरण हैं कि व्यक्ति इतना व्यस्त हो जाता हैं!पूछो मत!इस कार्टून में महिला दिखाई गई हैं!कार्टूनिस्ट के लिए वो सिर्फ केरेक्टर हैं!पुरुष भी आज कल एनरॉइड में व्यस्त होते हैं!पूछो मत!मगर आज इस कार्टून बहोत कुछ कहा हैं!में जूठ नहीं कहूंगा!आप समझदार हैं!

शार्प नहीं...कोई बात नहीं...

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आज कल शार्प का जमाना हैं!शार्प लोग ओर शार्प सामग्री हमे ज्यादा पसंद हैं!कहते हैं कि जिस के पास शार्पनेस हैं,वो कहि भी चलेगा!हर चीज को समझने में एक उदाहरण चाहिए!में शिक्षा से जुड़ा हूँ!मुजे इसके अलावा कुछ मालूम नही की हर चीज को समजने के लिए सहज और सरल के अलावा व्यावहारिक उदाहरण चाहिए! मेरे साथ एक प्रोजेक्ट में एक साथी थे!वो मद्रास के रहनेवाले थे!वो मुजे सदैव मार्गदर्शन देते,प्यार करते और समजाते!एक बार उन्होंने कहा'अगर आपके पास चार पेंसिल हैं,तीन की पॉइंट गीस चुके हैं!एक पेंसिल बची हैं जो शार्प हैं!आप किस से लिखना पसंद करेंगे? मेने उन्हें शार्प पेंसिल से लिखने की बात बताई!तब जाके उन्होंने कहा'शार्प होना अच्छा हैं,मगर कुछ न करने से शार्प दिखते हैं!तो कोई मतलब नहीं हैं! जो काम करेगा,वो ही भूल करेगा!वो गलती करे तो इसका स्वीकार करना चाहिए! कुछ न करने के बाद गलतिया निकलना आसान हैं!क्यो की वो गलती किसी के काम में से निकालनी हैं!काम करने वाला शार्प भले न हो!सिर्फ शार्प दिखने से काम नहीं होता! हमे हमारी पहचान बनानी हैं!नही की हमारी ऐडवटाइज़ बना के प्रचार करना!जो काम करेगा वो

निर्दलीय राष्ट्रपति

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कल हमारे नए राष्ट्रपति तय हो गए!कोविंद जी अब हमारे राष्ट्रपति हैं!NDA के उम्मीदवार जीत गए हैं!आज से वो हमारे 14 राष्ट्रपति होंगे!इस से पहले राष्ट्रपति के चुनाव के बारेमें मेने लिखा था!आज तक के सभी राष्ट्रपति किसी पोलोटिकल पार्टी या पार्टी समूह से जुड़े थे!जैसे कोविंद जी NDA से जुड़े थे!राष्ट्रपति या उप राष्ट्रपति बनने के बाद व्यक्ति किसी राजकीय पार्टीका सदस्य नहीं बन सकता हैं! आज में ऐसे राष्ट्रपति के बारे में कहूंगा जो निर्दलीय उमीदवार थे!जिन्होंने भारत के इतिहासमें पहलीबार निर्दलीय उमेदवार बनके जीत हांसिल की थी!हा, जी वो इंदिरा गांधी की राजकीय चल थी कि पार्टी का उमेदवार हारा ओर इंदिरा जी ने अपना निर्दलीय उमेदवार जिताया!तब से इंदिरा याने इंडिया बन गया!जैसे आज मोदी यानी भारत हैं! वो आयरलेण्ड के स्वतंत्रता आंदोलन में जुड़े थे।उस वख्त वो वहां पढाई करते थे! वी.वी.गिरि भारत आये!अपना देश गुलाम था!अंग्रेजो का शाशन था!रेल सेवा नई थी!यहाँ कर्मचारी ओर अन्यका शोषण करने वाले अंग्रेजो से वो भिड़े! स्वतंत्र भारत के वो पहले श्रम मंत्री थे!केरल ओर कर्नाटक में वो  गवर्नर थे!राष्ट्रपति बनने से

महीनों की महेनत...पलको में...

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हमारे देशमें आज भी कई लोग भूखा सोने हैं!दुख के साथ कहे तो अपने देशमें दो रुपयोंमें इडली बेचने वाली सरकार लोकप्रिय बन जाती हैं! आज भी सरकार BPL कार्ड वाले को पशु भी न खाए ऐसा अनाज देके अपनी जिम्मेदारी निभनेका प्रचार करती हैं!यहाँ केंद्र सरकार,राज्य सरकार या किसी प्रदेशकी बात नही हैं!यह पूरे देशकी कहानी हैं!सवाल ये नहीं कि सरकार क्या देगी!व्यक्ति पैदा हुआ हैं तो कुछ न कुछ खानेको मिलेगा ही! औ में बात कर रहा हूँ!थाली में जुठा छोड़ने का निर्णय हम दो सेकंड में करते हैं!उस अन्न को पकने में कितने दिन ओर श्रम लगा होगा!विश्वमें एक चावल ऐसा हैं जिसके उत्पादन में हम अभी कुछ ज्यादा नही कर पाए!विश्वमें सभी देशों में चावल की खेती होती हैं!हम एक निवाला छोडेंगे!वो चावल का एक निवाला तैयार होनेमें 130 से अधिक दिन लेता हैं!कितने लोग ओर आयोजन पूर्वक श्रम तब जाके हमारे हाथमें एक निवाला आता हैं! ये पोस्टर मेरे मित्र और सहयोगी डॉ.मनोज अमीन ने भेजा था!कहते हैं कि किसी एक चित्रको देखने के बाद अगर समजाना न पड़े तो वो काफी हैं!व्यावसायिक तबीब डॉ. अमीन कई सारी संस्थाओ से जुड़े हैं! क्या आपने निवाले को

Our Happiness

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Many times this happens.We are not satisfied with our lives! There are many people in the world who want to live like you! A farmer's child sees the plane flying in the sky and sees the dream of sitting or blowing in it! The same driver, Seeing the village, she misses the house! This is the truth! This is life! If the man was happy with the peso, then the rich people dance in the road! Often such poor and middle class performs only! If there is anything from the power, then why should the security of the security of the ruling party? Those who live by the truth are happy! If beauty and fame Only the life of Satisfaction, then the film stars should have a successful married life! There is a little story! There was a young man! There was a train in the train! He was unemployed! When he saw that his maiden was sitting on his feet, there were expensive shoes in his feet! Youth was unhappy! He has come to you, he is cursing you! Your poverty! When the station came, On th

Roll no. 56

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A few years ago, the film had come in! Nana Patekar acted! It was a unique movie! The name of that movie was, Ab 56. Today the name of the film that is going to be talked about is 'Role number 56', the film is for children who leave studies! There are many lakhs of children who leave studies! These are the studies that are discarded! It was selected at many international film festivals! Many of these honors have been received by the film and its character! There are no established artists! Even then this story will keep us! You are requested to ... Whose children read! That is directly related to education or in any way! Please ... you see a movie! ट्रांसलेशन:मित्तल मुसारिया(मोडासा)

हमारी खुशी

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कई बार ऐसा होता हैं! हम अपने जीवन से संतुष्ठ नहीं होते!विश्वमें कई लोग ऐसे हैं जो आपके जैसी जिंदगी जीना चाहते हैं!एक किसान का बच्चा आसमान में उड़ते विमान को देख के उसमे बैठनेके या उड़ानेका ख्वाब देखता हैं!उसी वख्त विमान चालक उपर से कई सारे घर या गाँव देखकर उसे घर की याद सताती हैं!यही सच्चाई हैं!यही जीवन हैं! अगर पेसो से आदमी खुश होता तो अमीर लोग रोड पे डांस करते!अक्सर ऐसा गरीब एवं मध्यमवर्ग ही करता हैं!अगर सत्ता से सबकुछ हैं तो सत्ताधारी सिक्यॉरिटी को सिक्योरिटी क्यो !?जो सच्चाई से जीते हैं वो ही खुश हैं!अगर सुंदरता ओर प्रसिद्धि ही संतुष्टि वाला जीवन हैं तो सभी फिल्मस्टार की शादीशुदा जिंदगी सफल होनी चाहिए! एक छोटीसी कहानी हैं! एक युवक था!ट्रेन में मुसाफिर था!वो बेरोजगार था!उसने देखा तो उसकी बाई ओर जो महाशय बैठे थे उनके पैरों में महंगे शूज थे!युवान दुखी हुआ!उसने मनहिमन अपने आ आपको कोसा!अपनी गरीबीको कोसा!जब स्टेशन आया तो उसकी दाई ओर जो महाशय बेठेथे वो उतरने लगे!युवान ने देखा तो उनका एक पैर नहीं था! क्यो हम अपने आपको कोसते हैं!जो हमारा नहीं हैं,वो हमारा था ही नहीं!अगर कल हो भी

Only one & 1

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मेरे दोस्त! मेरे साथी हैं! हम साथमे काम करते थे! हम साथमें काम करते हैं! ओर,हम साथमें काम करेंगे! आपको होगा कि वन ऐंड 1 में ये काम वाली बात कैसे आई!देखिये आज के दिन अगर देखे तो आपको ये महसूस होगा कि 'साले...जो पढाई करनेमे टाइम दिया!वो पढ़ाई कुछ काम नहीं आती!'अगर मार्क्स के मिलने से तपस्वियों के मार्क्स अच्छे आएंगे!वो समजे है इसकी कोई गेरंटी नहीं हैं! हम आज बात ये नहीं करते हैं कि अव्वल आना एक बात हैं!अभिनव होना दूसरी बात हैं!आप मार्क्स के रूपमें स्थान प्राप्त कर सकते हो!आपको यूनिक सोचना हैं!यूनिक बनना हैं!आपकी सोच आपको अव्वल नहीं !प्रथम या एक नंबर के बजाय 'एक मात्र' की पहचान देगी! अलग सोचनेका अर्थ ये नहीं है कि...सवाल पैदा करे!इसका मतलब हैं कि नया नहीं सोचना तो ठीक,गलत तो नहीं सोचना हैं!कई बातें ऐसी होती हैं जिसको आप कभी नही समज पाओगे!बहोत सारी चीजे ऐसी हैं जिसको हम नहीं समजे हैं!हम ये समझना जरूरी हैं कि हम क्या समजेंगे!इस चित्रको देखे तो कोई कहेगा एक छाता अलग हैं!कई जवाब हो सकते हैं!हा, एक बात है।जितने जवाब होंगे इसमें एक के9मन होगा कि एक अलग हैं!अगर द

Trust & Love

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दुनिया बढ़ती जाती हैं!जो पहले था वो आज पुराना हो चुका हैं!पहले था और आजभी हो ऐसा क्या हैं!अगर उसे खोज न सके तो हमे हमारे आसपास देखना पड़ेगा!समजना पड़ेगा!भले आज सबकुछ बदला हैं! दो शब्द ऐसे हैं जिन का महत्व आज भी नहीं बदला हैं!वो हैं विश्वास और प्रेम!ये शब्द हैं मगर उसे समजपाना ओर समजाना बहोत मुश्किल हैं! सच्चा प्यार हो जाता है!विश्वास आहि जाता हैं!मगर विश्वास पैदा नहीं होता!विश्वासका निर्माण करना पड़ता हैं!प्यार हो जाता हैं मगर विश्वास पैदा करना पड़ता हैं!आप देखते हैं कि पिक्चरमें हाथी के पेरोमें जो व्यक्ति सो रहा हैं!उसे कोई फिकर नहीं हैं!नीचे सोने वाली व्यक्ति को विश्वास होगा!मगर हाथीभी अपने साथिको नहीं मारेगा क्यो की वोभी  इसे प्यार करता हैं! हो सकता हैं कि हाथी को मालिक से प्यार हो,ओर मालिक को विश्वास!इसका उल्टा भी हो सकता हैं!यहाँ किसे विश्वास या प्यार है वो बात ही नहीं हैं!बात ये हैं कि दो जीव हैं, भले हाथी ओर मनुष्य हो!कोई और भी हो सकता हैं!महत्वपूर्ण हैं कि परस्पर प्यार और विश्वास हैं! अगर देखा जाय तो इन शब्दोंका अर्थ देना मुश्किल हैं!इन शब्दों को सिर्फ निभाना होता है

સંગીતકાર લાબું જીવે...

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આધુનિક સમય.આજે વિશ્વમાં સંગીત અને કલાનો આજે સુવર્ણ કાળ હોય તેવું લાગે છે.આજકાલ સંગીત કે વાદ્યકલા કોમ્યુટર આધારીત થઈ ગયું છે.કોમ્પ્યુટર ને આધારે સંગીતની તર્જ બની જાય છે ત્યારે રિયાજ અને તેની ઉપાસનાનું મહત્વ ઓછું થયું છે. એક સમયમાં સંગીતકાર,કલાકાર  અથવા ગાયક એમના કૌશલ્યને આધારે જ જીવન જીવતા હતા.આપણી આસપાસ સંગીતના ઉપાસકો કે નૃત્યકારોને  હંમેશા લાંબુ આયુષ્ય ભોગવતા આપણે જોયા છે.આવું કેમ થાય છે તે અંગે અનેક મુદ્દાઓ છે જે અંગે આપણે ચર્ચા કરીશું. સંગીતમાં વાદન દ્વારા શ્રેષ્ઠ એક્યુપ્રેશર થાય છે. સંગીતમાં જ વ્યસ્ત અને મસ્ત રહેવાથી પોતાના કે આસપાસના તણાવથી સો ટકા છુટકારો મળેછે. કલાકાર જ્યારે સંગીતમય હોય છે ત્યારે સંપૂર્ણ ધ્યાનસ્થ હોય છે.ગાયન દ્વારા શ્રેષ્ઠ પ્રાણાયામ સહજ રીતે થાય છે. સારા તેમજ સુંદર ધ્વની થી આત્માને ઊર્જા મળે છે.કારણ કે સંગીત આત્મા નો ખોરાક છે. સંગીત ના નાદથી આધિ,વ્યાધિ અને ઉપાધિ મટે છે. આખા વિશ્વમાં રહેલી બધા જ પ્રકારની એનર્જી, સંગીતના ધ્વની થી મળી રહે છે.અને એજ કારણે સંગીત જે નૃત્યની આરાધના કરનાર લાંબુ જીવન જીવેછે.

વાંચો પછી ખાવ...

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આજકાલ સ્વાસ્થ્ય અંગે જાગૃતિ વધી છે.શું ખવાય કે ન ખવાયની સાથે કેટલું ખવાય અને કઈ રીતે ખવાય તે અંગેય આજ કાલ ચર્ચા લાગે છે.મારા એક મિત્રએ મને એક વૈદ્ય દંપતીની વાત કરી. વૈદ્ય જોબન મોઢા અને વૈદ્ય નેહા ટાંક મોઢા દંપત્તિ.આ દંપતી  વિશ્વની સૌથી પ્રતિષ્ઠિત ગુજરાત આયુર્વેદ યુનીવર્સીટી, જામનગરમાં વર્ષોથી સમગ્ર દુનિયાના વિદ્યાર્થીઓને  આયુર્વેદમાં તૈયાર કરે છે. વિશ્વભરના દર્દીઓની આયુર્વેદ તથા પંચકર્મથી સારવાર કરે છે. તેમના દ્વારા આયુર્વેદના ગ્રંથોના આધારે તૈયાર કરાયેલી  થોડી ટીપ્સ પણ આપવામાં આવે છે.આ બાબતો સૌને ઉપયોગી હોઈ અહીં  નોંધુ છું. આપણાં પરિવારમાં જે ખોરાક બનાવવામાં આવે છે.એ જ ખોરાક આપણે ખાઈએ છીએ.સ્થાનિક અને ભૌગોલિક રીતે ગુજરાતી થાળી આપણાં માટે ઉત્તમ ખોરાક છે. કહેવાય છે કે દુનિયાની કોઈ જ વસ્તુ અમૃત કે ઝેર નથી. આ માટે આ વૈદ્ય દંપતી કહે છે.કોઈ પણ નો  અતિરેક એને ઝેર બનાવે છે.  સમજણ પૂર્વકનો ઉપયોગ અમૃત હંમેશ માટે હોય જ છે. જમવામાં હમેશા તાજો ગરમ ખોરાક જ મહત્વનો છે.ભલે વાસી ન હોય પરંતુ ઠંડો ખોરાક જોઈએ એટલો લાભ આપી ન શકે. ફાસ્ટ ફૂડ રેસ્ટોરાંમાં જે ટાઢાબોલ સલાડ પીરસ

याद रखना...

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हम आज जो हैं! आज हमारे साथ जो भी कुछ हो रहा हैं!देखिए अगर बुरा होगा तो हमारी गलती!अगर अच्छा हुआ तो हमेशा वो किसी के सहयोग से हुआ होगा! अगर कोई ऐसा हैं जिसे हम आज सहयोग नहीं दे सकते या किसी कारण वश सहयोग नहीं कर रहे हैं!में कहूंगा कि कोई समस्या निहि हैं! जिसने आप को सिखाया हैं उसे याद करके उस काम को आगे बढ़ा सकते हैं! कोई कहता हैं कि कोई अपना निहि हैं!मगर में कहूंगा कि क्या आप किसी के संपूर्ण होबपाये हैं!हमारे साथ सिर्फ बदनाम होने के लिए अगर कोई जुड़ा हैं तो उसका तो नाम होना ही चाहिए!हमे ऐ ,नहीं भूलना हैं कि हम मदद करेंगे तो कोई आगे आएगा!कैसे विकास होगा!कैसे विश्व शांति होगी!कैसे विश्व सत्ता बनेंगे! अगर मुझे आम आदमी पार्टी पसंद नही हैं तो इसका मतलब ये नहीं की में मतदान करने ही न जानेकी गोशना करूँ!कोई सहयोग करता हैं तब ये नहीं सोचता के मेरी इस हेल्प की किम्मत क्या है?!यहाँ में दो शब्दों के माद्यम से मेरी बात रखूंगा! मूल्य और किम्मत...! देखिर, गांधी के मूल्य हैं! गांधी विचार के मूल्य हैं! एक बेईमान अधिकारी या नेता की कोई एक किम्मत हैं!हमे किसीभी समय सहयोग करने वाला भले श

आसपास की बात

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हमारे आसपास! जिसे हम विकास कहते हैं!जिसे आधुनिक समय के उपकरण कहते हैं!वैसे उपकरण आजकल हमारी जिंदगी को बदनाम और बरबाद करते हैं! एक समय था! जो लोग टेलीविजन को इडियट बोक्ष कहते थे वो ही लोग या उनके जैसे आज मोबाइल और खास करके एनरोइड मोबाईल या इसके जैसे उपकरण को वो दुश्मन मानते हैं! एक तरफ जमाने के साथ कदम मिलाने के लिए हमे टेक्नोलॉजी का उपयोग करना आवश्यक हैं!हा, टेक्नोलॉजी हमारी दुश्मन बनेगी या हमे सपोर्ट करेगी वो हम तय करने चाहिए। होता ये हैं कि हमने जिसे सपोर्ट के लिए ख़रीदा हैं हम उसके गुलाम बन जाते हैं!मेरी एक मित्रने मुझे ऐ पोस्टर भेजा हैं! एक किताब जो की आधुनिक उपकरण के सहाय से कबरमें जा रही हैं!कहते हैं कि अच्छे चित्र कई सारे शब्द समजता हैं!हमारी आजकी परिस्थिति में आप इसे अवश्य समजेंगे!

हेरिटेज सिटी अमदावाद

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अहमदाबाद की बात हैं! कर्णावती नगर की बात हैं! बादशाह अहमद शाह से जुडी एक बात हैं! कहते हैं!एक बार बादशाह शिकार के लिए गए थे!उस समय एक कुत्ते पे सस्सा धाया,बादशाह ने शहर बसाया! उस वख्त ऐ देखकर अहमदशाह को हुआ की ऐ धरती में ऐसा कुछ हैं की एक सस्सा कुत्ते पे धाक जमाता हैं!ऐसी एक दन्तकथा जेसी बात हैं! हा,अहमदशाह ने इसे बसाया!विश्व के इतिहास में किसीभी समय,किसीभी वख्त,किसीभी नाम से आज का अहमदाबाद जुड़ा हैं! कुछ दिन पहेले यूनेस्को ने हमारे देश को,गुजरात को नइ पहेचान दी! आज अहमदाबाद के लोगो के लिए एक अच्छी खबर हैं!यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज सीटी में अहमदाबाद को गोषित किया गया है!कर्णावती या अहमदाबाद!मुझे कोई लेनादेना नहीं हैं!में किसीभी नाम से इसे प्यार करता हूँ!सन्मानित करता हूँ! हा,अब क्या होगा! देखने के लिए हम बेठे हैं!आप और में इस ऐतिहासिक पल या शहर से जुड़े हैं!आह अमदावाद...वाह...अमदावाद...मगर पिछले कई सालो से सरकार में भाजप हैं!अब तो तिन साल से केन्द्रमें भाजपा की सरकार हैं!फिरभी नाम क्यों नहीं बदला!अब तो वर्ल्ड हेरिटेज सिटी होने के बाद तो नाम नहीं बदला जायेगा! एक बात

दबंग को दबाव्

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आज कल बच्चे दबाव में हैं!बच्चो को घर में से दबाव झेलना पड़ता हैं!शिक्षा को सफलता या असफलता के मापदंड के लिए केंद्र में रखा जाता हैं! आज एक शब्द सुनने को मिलता हैं!वर्च्युअल क्लास!सॉफ्ट मटेरियल और ऐसे ऐसे कई सारे नाम जो हम सुनते हैं इसका मतलब हैं मशीन का दबाव! मुझे मेरे एक साथी ने पूछा,'छोटे बच्चों में किस बात का दबाव होता हैं?'मेने कहा ' बड़े जो पढ़ लिख के नहीं बन पाए,उस को बनाने का सपना,सपने को पूरा करने का दबाव बच्चो में होता हैं! जैसे एक मशीन की सहायता से किसीभी चीज को पकड़ना,या पकड़ी हुई चीज को दबाना या उस के ऊपर दबाव बढ़ाने में हम सफल होते हैं!बस!इसी तरह आज कल शिक्षा से जुड़े लोग सफलता प्राप्ति के लिए पेरेंट्स पे दबाव बना ने के लिए कई सारे हथकंडे अपनाते हैं! मेरी व्यक्तिगत सोच ऐसी हैं कि बच्चों को विविध विद्याशाखा के बारे में जानकारी नहीं हैं!आज कल के फैशन में डॉक्टर, इजनेर या ऐसी दो चार लाइन को छोड़ के कोई कुछ नया नहीं सोचता! मेरा आप से अनुरोध है की आप आप के संतानों पे दबाव पैदा न करे। मेरे एक करीबी दोस्त का लड़का अंग्रेजी माध्यम स्कुल में गया!मेरा मानना है

અનુપમ શાળા...

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બનાસકાંઠા જિલ્લો. સામાજિક,રાજકીય અને ભૌગોલિક ભિન્નતા ધરાવતો જિલ્લો.એક માત્ર દરીયો જ નથી.બાકી તમામ ભૌગોલિક ભિન્નતા ધરાવતો જિલ્લો.આ જિલ્લામાં છેલ્લા કેટલાક સમયથી એક નવતર અભિગમ કાર્યરત છે. 'અનુપમ શાળા' એ અનોખી ઓળખ ધરાવતી શાળાઓને માટે વપરાતો શબ્દ છે. અનેક નવતર પ્રવૃત્તિ અનુપમ શાળાઓમાં થાય છે.આ અભિનવ શાળાઓ માટે જિલ્લા શિક્ષણ અને તાલીમ ભવન,પાલનપુર દ્વારા વિશેષ સાહિત્ય તૈયાર કરવામાં આવી રહ્યું છે. આ શાળાઓ માટે.શાળાની વિશેષ ઓળખ અને કાર્યપ્રક્રિયા અને અભિગમની સમજ આપતું ગીતનું સર્જન  શ્રીમતી નીપા ભટ્ટ દ્વારા કરવામાં આવ્યું હતું.આ ગીત જોઈએ... અનુપમ શાળા મારી શાળા,અનુપમ શાળા...2 રાજી થઈને છોકરાં આવે, જીવન મૂલ્યો માણવા...2 કૌશલ્યના અનુબંધની  વાત અનુપમ આવે, સાથે સૌના જીવનમા વિચાર અનેરા લાવે....2 વાર્તાની છે વાત નિરાળી, છોકરાં લાવે તાણી. યોગ ધ્યાનને પ્રાર્થનામાં, નવતર વાતો માણી.....2 મારી શાળા,અનુપમ શાળા.. પંખીની ચિંતા કરતાં આ અનુપમનાં પારેવાં, શાળામાં સહયોગી છે, એસૌ છે મળવા જેવાં. છોકરા અહીંયા રોજ આવે, સિદ્ધિ હાંસલ કરવા, અહીંયા