महीनों की महेनत...पलको में...
हमारे देशमें आज भी कई लोग भूखा सोने हैं!दुख के साथ कहे तो अपने देशमें दो रुपयोंमें इडली बेचने वाली सरकार लोकप्रिय बन जाती हैं!
आज भी सरकार BPL कार्ड वाले को पशु भी न खाए ऐसा अनाज देके अपनी जिम्मेदारी निभनेका प्रचार करती हैं!यहाँ केंद्र सरकार,राज्य सरकार या किसी प्रदेशकी बात नही हैं!यह पूरे देशकी कहानी हैं!सवाल ये नहीं कि सरकार क्या देगी!व्यक्ति पैदा हुआ हैं तो कुछ न कुछ खानेको मिलेगा ही!
औ में बात कर रहा हूँ!थाली में जुठा छोड़ने का निर्णय हम दो सेकंड में करते हैं!उस अन्न को पकने में कितने दिन ओर श्रम लगा होगा!विश्वमें एक चावल ऐसा हैं जिसके उत्पादन में हम अभी कुछ ज्यादा नही कर पाए!विश्वमें सभी देशों में चावल की खेती होती हैं!हम एक निवाला छोडेंगे!वो चावल का एक निवाला तैयार होनेमें 130 से अधिक दिन लेता हैं!कितने लोग ओर आयोजन पूर्वक श्रम तब जाके हमारे हाथमें एक निवाला आता हैं!
ये पोस्टर मेरे मित्र और सहयोगी डॉ.मनोज अमीन ने भेजा था!कहते हैं कि किसी एक चित्रको देखने के बाद अगर समजाना न पड़े तो वो काफी हैं!व्यावसायिक तबीब डॉ. अमीन कई सारी संस्थाओ से जुड़े हैं!
क्या आपने निवाले को छोड़ने से पहले ऐसा कभी सोचा हैं!अगर हाँ,तो छोड़ो!आप सचमे अच्छे हैं!अगर आज से पहले आपने ऐसा कभी नही सोचा तो छोड़ो'आज आप के पास एक तक हैं!'गलती सुधार लो!
जय हिंद
#thanks@मनोज अमीन
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