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Showing posts from April, 2016

लिओनार्दो दा विंची Happy Birthday

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इटलीवासी, महान चित्रकार, मूर्तिकार, वास्तुशिल्पी, संगीतज्ञ, कुशल यांत्रिक, इंजीनियर तथा वैज्ञानिक था। लिओनार्दो दा विंची का जन्म इटली के फ्लोरेंस प्रदेश के विंचि नामक ग्राम में हुआ था। इस ग्राम के नाम पर इनके कुल का नाम पड़ा। ये अवैध पुत्र थे। शारीरिक सुंदरता तथा स्फूर्ति के साथ साथ इनमें स्वभाव की मोहकता, व्यवहारकुशलता तथा बौद्धिक विषयों में प्रवीणता के गुण थे। लेओनार्डो ने छोटी उम्र से ही विविध विषयों का अनुशीलन प्रारंभ किया, किंतु इनमें से संगीत, चित्रकारी और मूर्तिरचना प्रधान थे। इनके पिता ने इन्हें प्रसिद्ध चित्रकार, मूर्तिकार तथा स्वर्णकार, आँद्रेआ देल वेरॉक्यो (Andrea del Verrochio), के पास काम सीखने की छत्रच्छाया में रहकर कार्य करते रहे और तत्पश्चात् मिलैन के रईस लुडोविको स्फॉत्र्सा (Ludovico Sforza) की सेवा में चले गए, जहाँ इनके विविध कार्यों में सैनिक इंजीनियरी तथा दरबार के भव्य समारोहों के संगठन भी सम्मिलित थे। यहाँ रहते हुए इन्होंने दो महान कलाकृतियाँ, लुडोविको के पिता की घुड़सवार मूर्ति तथा "अंतिम व्यालू" (Last Supper) शीर्षक चित्र, पूरी कीं। लुडोविक

राष्ट्रपति भवनमें 'इनोवेटर्स'

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दिल्ही स्थित राष्ट्रपतिभवन में सन्मान समारोहका आयोजन हुआ! हिन्दुस्थान के गणमान्य अतिथि यहाँ मोजूद थे!भारतके राष्ट्रपति महामहिम प्रणव मुखर्जीने इस कोंफरंसका उदघाटन किया! भारत सरकार के आरोग्य एवं परिवार कल्याण विभाग के केन्द्रीय केबिनेट मंत्री श्री डॉ.हर्ष वर्धन और लगुमती मंत्रालयके केबिनेट मंत्री डॉ.नजमा हेपतुल्ला विशेष उपस्थित थे!इस समारंभमें नॅशनल इनोवेशन फौंडेशन के अधिकारीभी उपस्थित थे! फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन के कार्यक्रमको उदघाटित करते समय मुझे उपस्थित रहनेका मोका मिला,निमंत्रण मिला!मेरे लिए यह बड़े सौभाग्यकी बात हैं!नॅशनल इनोवेशन फाउंडेशन द्वारा यह कार्यमे में सहभागी बनपाया!ऐसा पहलीबार हुआ के राष्ट्रपति भवनमे भारतके इनोवेटर पहलीबार राष्ट्रपति भवन के महेमान बने! जय हिंद...!

अब क्या? ओम शांति !

आपने किसी ओवैसी, आज़म या बुखारी को इस बहादुर देशभक्त अधिकारी मोहम्मद तंज़िल अहमद की निर्मम हत्या पर बयान सुना क्या ? क्योंकि मोहम्मद तंज़िल अहमद न तो अफ़ज़ल थे और न ही याक़ूब | कोई सेक्युलर ब्रिगेड मातम नहीं मनाएगी | इस साहसी अधिकारी के बारे में थोड़ी सी जानकारी लीजिए आपको समझ आ जाएगा की आतंकियों ने 30 गोली मारकर क्यों हत्या की | क) इंडियन मुजाहिद्दीन के चीफ यासिन भटकल की गिरफ्तारी में थी मुख्य भूमिका | ख) पश्चिमी यूपी में इंडियन मुजाहिद्दीन के स्लीपर सेल की कमर तोड़ दी थी | ग) पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस्लामिक स्टेट के स्लीपर सेल का भंडाफोड़ किया था | घ) 'स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया' (SIMI) के स्लीपर सेल की कमर तोड़ दी थी | ङ) BSF के तेज तर्रार अधिकारी थे तंज़िल अहमद इसी वज़ह से प्रतिनियुक्ति (Deputation) पर NIA में हुए थे शामिल | च) पठानकोट हमले की जांच के लिए आई पाकिस्तानी SIT को तर्कों से पाकिस्तान की संलिप्तता स्वीकार करने पर बाध्य किया था | अब ये हमारा कर्तव्य है की इस देशभक्त की बहादुरी देश तक पहुचाएं अन्यथा अफ़ज़ल प्रेमी मीडिया, सेकुलर नेता और

ભારતની તેને નફરત થઇ...

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ડેવિડ હેડલી.મૂળ પાકિસ્તાનનો નાગરિક.આજકાલ હેડલીના અનેક   નિવેદન ચર્ચામાં છે.વાત શરૂં થાય ૧૯૭૧માં.ભારત અને પાકિસ્તાનનું યુદ્ધ ચાલતું હતું.ભારતની સેના પાકિસ્તાનનો ભૂક્કો બોલાવતી હતી.ભારતીય હવાઈ દળ ધ્વારા સેનાએ જોરદાર બોમ્બમારી કરી હતી.ભારતે તેને જમીન અને હવાઈ સેના ધ્વારા જેટની તૈયારી કરવામાં આવી હતી.આ યુદ્ધ ભારત જીત્યું.આ યુદ્ધમાં દાઉદ ગીલાની નામના વિદ્યાર્થીની શાળા ઉપર પણ બોમ્બમારી થઇ હતી.આખી શાળા ભૂક્કો થઇ ગઈ હતી.આ શાળાનો વિદ્યાર્થી એટલે દાઉદ ગીલાની.આ વિદ્યાર્થી   એટલે છોટા દાઉદ.આ વિદ્યાર્થી એટલે ડેવિડ હેડલી. ડેવિડ હેડલી અત્યાર સુધી આ ત્રણ નામ સાથે ઓળખાતો રહ્યો છે. ભારતને કટ્ટર દુશ્મન માનનાર ડેવિડ હેડલી.આજથી ચૌદ વર્ષ પહેલાં એટલેકે વર્ષ ૨૦૦૨માં પાકિસ્તાન ખાતે ડ્રગ્સના કેસમાં પકડાયો. અહીંથી તો જાણે તેને લોટરી લાગી.જેલમાં તેની મુલાકાત આઈએસઆઈએસ સાથે થઇ.પાકિસ્તાની બાપ અને ફોરેનર માનું સંતાન હેડલી. .દેખાવમાં વિદેશી લાગે. આ રંગ અને ભારેખમ શરીરને લીધે હેડલીને   પસંદ કરવામાં આવ્યો. મેજર અલીએ હેડલીની મુલાકાત આઈએસઆઈએસ સાથે જોડાયેલ મેજર સાથે કરાવી.લશ્કરે તોયબા અને પાકિસ્તાની મીલેટરી ધ્વારા

सृष्टि सन्मान:और राष्ट्रपति भवन ...

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मार्च का प्रथम सप्ताह!मुझे न्योता मिला! राष्ट्रपति भवनमे जानेके लिए मुझे न्योता मिला! नॅशनल इनोवेशन फाउन्डेशन के माध्यमसे मुझे यह मोका मिलाथा! ‘सृष्टि सन्मान’ के लिए मुझे यह न्योता मिलाथा! अहमदाबाद स्थित सृष्टि ऑर्गेनाइजेशन!डॉ.अनिल गुप्ता,हनी बी नेटवर्क ओर कई नामांकित सदस्योने मुझे यह सन्मान के योग्य समजा! अनेग गौरवपूर्ण व्यक्तिओने मुझे इस लायक समजा! सरकारी पाठशालामे किये गए किसी एक कामको ‘राष्ट्रपति भवन’तक प्रदर्शित करनेका मोका ‘सृष्टि’के आलावा कोन दे सकता हैं!जहाँ तक मेरे कामका सवाल था,मैने जोडाक्षर निकालके जो कहानिया लिखी वो मेरा फर्ज था! इस से बच्चे पढना शिख रहेथे! मेरे इस काम या फर्ज की बदोलत मुझे ‘फोईन’ में जानेका अवसर प्राप्त हुआ!फोइन याने ‘फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन ’ मुझे याद् नहीं हैं की भारत के किसी राष्ट्रपतिने समग्र भारतसे चुने हुए नवाचार करने वलोके साथ समय बिताया हो! एक सप्ताह तक राष्ट्रपति भवनमें रहनेकी व्यवस्था हुई हो!राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी सरके   द्वारा दिया हुआ यह एक अनूठा सन्मान!इस सन्मानमें मेभी शामिल हो पाया!मेरे लिए बड़ी गौरवपूर्ण घटना हैं! DR.ANIL

बच्चो के साथ राष्ट्रपति भवनमे...

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राष्ट्रपति भवनके कार्यक्रम के दोरान बच्चोको बाटला हाउस भेजा गया था! मेभी उनके साथ था!आज दूसरा दिन था! बच्चोको उन दिखी हुई समस्योके बारेमे सोचना था!अपना विचार देना था!हम भी सुबहसे तैयार थे!राष्ट्रपति भवनमे हम पहुँच चुके थे!बच्चेभी   धीरे धीरे आने लगे!सभी पैतालीस बच्चोको यहा अपने काम को अंतिम रूप देना था!उनकी सोच अब वैज्ञानिक अभिगमसे सवालका जवाब खोज रहे थे! उन सभीके लिए कई साडी सामग्रिकी व्यवस्था थी!कई बच्चोने चित्र बनाये!किसीने प्लान बनाया तो किसीने लिखके समजाया!इन बच्चोके सुजाव और आइडिया सुनने के लिएभी महानुभाव उपस्थित थे!नॅशनल इनोवेशन फाउन्डेशन के चेरपरसन डॉ.आर.ऐ.माशेलकर और हनी बी नेटवर्क के फाउंडर और नॅशनल इनोवेशन फाउन्डेशन के वा. चेरपरसन डॉ.अनिल कुमार गुप्ता उनके नए विचार सून रहे थे! इन विचारोको विशेष रूपसे देखने,सुनने और समजने के लिए मुझे जिम्मेदारी डी गई थी!मेरे आलावा इस काम में ‘रवि जे मथाई सेंटर फॉर इनोवेशन: आई.आई.एम अमदावादसे कु.मेघा गज्जर और मस्तिकी पाठशाला से राकेश पटेल भी जुड़े थे!मुझे मेघा गज्जर और राकेश पटेल को इस महत्वपूर्ण कार्यमे जुड़ने के लिए नॅशनल इनोवेश

Yes I am Teacher

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I'm a teacher. Behind that doctor, It's me, a teacher. Above those astronomers,It's me, a teacher. I carry the light even though they mostly make jokes of me.But i am a teacher.I don't qualify for a bungalow or a villa nor earn enough to buy an expensive House.Car like Corrupt Officers n Corrupt Politician.But yes, i am a teacher.Some think or even say that i have too many holidays, never knowing that i spend those holidays either correcting papers or planning what and how I'm going to teach when i go back to school,College,Institution. Because i am a teacher.Sometimes i get confused and even get stressed by the ever changing policies over what and how i have to teach. Despite all that i am a teacher and i love to teach and i'm teaching. On pay days i don't laugh as Corrupt Officers n others do, but by the next day i love to come with a smile to those that i teach.Because i'm a teacher.The main source of my satisfaction is when i see T