लोकमान्य
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अंग्रेजो को देश से भागने के काम मे ऐसे साथी जुड़ते गए जिन्हें लोकमान्य तिलक जी पर भरोसा था। भरोसा स्थानीय प्रदेश में नहीं,सारे देश में फेल चुका था। लोगो को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ने के लिए तिलक जी सभा भरते ओर घर घर जाकर उन से जुड़ने का अनुरोध करते थे। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी ने अपने विचारों से स्वाधीनता के लिए संघर्ष कर रहे भारत को नयी दिशा प्रदान की। उन्होंने "स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा" का नारा देकर भारत के जन-जन को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा, जो धीरे-धीरे पूरे भारत की सोच बन गया। आज उन की पावन स्मृति में कुछ लिख रहा हु। उन के लिए जितना भी लिखा जाए कम हैं। महर आज उन के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण दिवस पर छोटीसी जानकारी शेर करता हूँ। 23.07.2022