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Showing posts from December, 2017

31.12.2017

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आज 2017 का अंतिम दिवस हैं।सबसे पहले ये बात करलू की साल बदला हैं,में नहीं।में ओर मेरा काम नहीं बदले गा।में इस साल को अच्छे और बुरे संदर्भ में देखने की जगह में इस साल को मेरे साथ जुड़े 365 दिनों के रूप में देखता हूँ।सबसे पहले तो आज 2017का समापन हो रहा है आने वाला नववर्ष 2018 आपके सम्पूर्ण परिवार के  मंगल मय, सुख समृद्धि एवं खुशियों से भरा रहे। वर्ष 2017 में जाने अनजाने कोई गलती हो गई हो तो मुजे क्षमा करें। कुछ गलतियां ऐसी होती हैं जिसे कोई और भुगतता हैं।मेने ऐसी गलती की हैं,में भी ऐसी गलती का शिकार बना हु।पिछले साल की हुई गलती यो को आज भूल के नए सालमे में आगे देखना चाहूंगा। 👫 સેલ્ફી ની જગ્યાએ,કોઈકનું દુઃખ ખેંચી શકો તેવો પ્રયત્ન કરજો. દુનિયા તો શું,ઈશ્વર પોતે પણ LIKE કરશે. मेरे एक दोस्त ने मुजे आज भेजा।किसी का दुःख कम करने का प्रयत्न कभी मुजे खुद दुःखी कर चुका हैं।में जितना हो सकेगा उतना ओरो के दुःख दूर करने की कोशिश करूंगा।भगवान like करता हैं तो भी तो आज कोई हमे like करता हैं।भगवान का शुक्र हैं जो कुछ पिछले साल हुआ,मेरी जिंदगी में महत्वपूर्ण रहा और  आगे मुजे इससे ओर आगे सोचने

ऐसी खुशी

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हम खुश हैं? क्या हम सचमुच खुश हैं। हमे कैसे मालूम पड़े की सामने वाली व्यक्ति खुश हैं।आज कहीं से निकलते समय कुछ बच्चों को देखा।उनके पास खेलने के लिए कुछ नहीं था।फ़िरभी 3 या 4 बच्चे खेल रहे थे।खुश थे।सिर्फ बच्चे ही ऐसे होते हैं जो अपने चहरे पर गलत दिखा नहीं सकते।खेलने के एक भी साधन के बगैर वो खुश थे।बहोत खुश थे। में भी खुश हो गया,उनकी खुशी देखकर। याद रखने के लिए कुछ छिपा के रखा हैं। हर कोई हर बात पे कुश नहीं हो सकता,प्रत्येक व्यक्ति किसी एक बात पे तो खुश रह सकता हैं।ये मेरा मानना हैं।आज में खुश हूं।आज का दिन मुझे याद रहेगा।मेरे हिस्से क्या आएगा मालूम नहीं हैं,हा मेरे हिस्से खुशियां अवश्य होगी। #मेरी खुशियां

टिकट कहाँ है...?

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  टी सी ने बर्थ के नीचे छिपी लगभग तेरह - चौदह साल की लडकी से पूछा टिकिट नहीं है साहब काँपती हुई हाथ जोड़े लडकी बोली, "तो गाड़ी से उतरो " टीसी ने कहा, इसका टिकट मैं दे रहीं हूँ, पीछे से ऊषा भट्टाचार्य की आवाज आई जो पेशे से प्रोफेसर थी । "तुम्हें कहाँ जाना है ?" लड़की से पूछा" पता नहीं मैम ! तब मेरे साथ चल बैंगलोर तक ! "" तुम्हारा नाम क्या है ? चित्रा ! "बैंगलोर पहुँच कर ऊषाजी ने चित्रा को अपनी एक पहचान के स्वंयसेवी संस्थान को सौंप दिया और अच्छे स्कूल में एडमीशन करवा दिया, जल्द ही ऊषा जी का ट्रांसफर दिल्ली होने की वजह से चित्रा से कभी-कभार फोन पर बात हो जाया करती थी, करीब बीस साल बाद ऊषाजी को एक लेक्चर के लिए सेन फ्रांसिस्को (अमरीका) बुलाया गया । लेक्चर के बाद जब वह होटल का बिल देने रिसेप्सन पर गई तो पता चला पीछे खड़े एक खूबसूरत दंपत्ति ने बिल भर दिया था,"तुमने मेरा बिल क्यों भरा ?मैम, यह बम्बई से बैंगलोर तक के रेल टिकट के सामने कुछ नहीं है। अरे चित्रा ! ! ? ? ? (चित्रा कोई और नहीं इंफोसिस फाउंडेशन

फिर अकेला...

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जब में पढ़ता था। स्कूल में शिखाया जाता था कि मनुष्य सामाजिक प्राणी हैं।समाज में वो जुड़ता हैं।साथ चलता हैं।कभी आगे तो कभी पीछे हो जाता हैं।कभी समज नहीं पाता हैं,कभी समजा नहीं पाता हैं।एक तरफ काम और दूसरी तरफ जिम्मेदारी ओर समाज से जुड़ने का,जुड़े रहने का अवसर या जिम्मेदारी !14 तारीख़ को गुजरात में चुनावी उत्सव था।उस वख्त हमारे परिवार में शोक का माहौल था।सीधे परिवार के सदस्य के देहांत का दिन था।परिवार जैसे टूट चुका था।आज उनकी 13 वी हैं। ॐ शांति #बाबू मोशाय...

मेरा दोस्त

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कुछ दोस्त खास होते हैं। वो सदैव आसपास होते हैं।श्री जयेश पटेल।उनकी लाडली खुश्बू की शादी होने वाली हैं।एपेंडिक्स का ऑपरेशन करना था।ग्राम भारती में प्रणव मुखर्जी सर IGNIT सन्मान के लिए आने वाले थे। शिक्षकों को IGNIT एवॉर्डी ओर अन्य बच्चो के साथ जुड़ना था।सृष्टि के सहयोग और GCERT के आदेश से इन शिक्षकों को नेशनल वर्कशॉप में कार्य करने का अवसर मिला।श्री जयेश पटेल शायद नहीं भी आते तो उनके पास रीजन था।मगर वो आये।बाकी के सभी सहकर्मी का शुक्रिया,मगर श्री जयेश पटेल का विशेष रूप से सुक्रिया। #Thanks jayn #खुश्बू की खुश्बू...

IGNIT:2017

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बच्चो के नवाचार। APJ अब्दुल कलाम सन्मान समारोह का आयोजन हुआ।नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन,हनी बी नेटवर्क ओर सृष्टि इनोवेशन के सहयोग से संम्पन हुआ।पिछले 8 सालों से ये सन्मान दिया जाता हैं। इस बार पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी और गुजरात के राज्यपाल ओ.पी.कोहली उपस्थित रहे।एन आई एफ के चेरमेन डॉ आर.माशेलकर जी की विशेष उपस्थिति में आयोजित हुआ।29 नवाचार के लिए 56 बच्चो को यहाँ सन्मानित किया गया।22 दिसम्बर 2017 के दिन ग्राम भारती अमरापुर में ये आयोजन संम्पन हुआ।21 तारीख को क्रिएटीविटी वर्कशॉप में जुड़ने के लिए GCERT ने शिक्षकों को जोड़ने में सहयोग किया।नवाचार प्राप्त करने वाले एवॉर्डी  बच्चो के साथ गुजरात के बच्चो ने अपने विचार बाटें।GCERT की ओर से में सृष्टि का शुक्रिया अदा करूँगा की गुजरात के अध्यापको को ये मौका दिया।GCERT ने भी सहयोग किया।बच्चो के ओर शिक्षकों के नवाचार के लिए आए कार्यशाला एवं सन्मान समारोह नई ऊर्जा संचारक होगा।

कलाम:काम को महत्व दो...

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अब्दुल कलाम।मेरे ओर मेरे जैसे कई के पथदर्शक। आज के समय में उनके जैसे व्यक्तिको पथदर्शक मानने वाले बहॉत सारे लोग हैं।आज उनके देहांत के बाद भी उनकी सोच को आगे बढाने वाले व्यक्ति ओर संस्था हैं। आज उनका एक पोस्टर आपको शेर करता हूँ।अपने काम के प्रति लगाव रखने के लिए उन्होंने एक संदेश दिया हैं।अपने काम और तरक्की में इतना समय लगाओ की किसी की बुराई करने का समय न मिले।हम क्यो किसी की बुराई करें। जैसे किसी को अधिकार से वंचित रखना हिंसा हैं।वैसे ही किसी को काम करने से रोकना या अड़चने पैदा करना भी एक अत्याचार हैं।अगर में आपको सहाय नही कर सकता कोई बात नहीं।मगर मेरा फर्ज हैं कि में आपको काम से न रोकू। अगर में काम नहीं कर रहा हूँ तो मेरे पास समय हैं।मगर मेरे पास काम नहीं हैं तो में उस वख्त से किसी को नीचा दिखानेका प्रयत्न करता हूँ ।इसका मतलब यही हैं कि जिसके पास काम नहीं या काम छोड़ ने के बाद 2 घंटे का समय हैं।वो अपने फ्री टाइम को महत्व देता हैं।किसी की बुराई करने में कुछ पल लगते हैं।हर बार कोई सोरी बोलेगा ओर फिर से हम उसकी गलती भूल जाएंगे वैसा नहीं हैं। कुछ काम और गलती कभी नहीं भूले जाते

आराध्या की सोच

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एक छोटी बच्ची। घरमें अपने परिवार के साथ रहती हैं।घरमें सभी सुविधा हैं।ऐसी कोई चीज नहीं जो सुख सुविधा के लिए हो और इस बच्ची के घर न हो। सभी सुविधा के बीच एक सवाल ये हैं कि सारी सुविधा वयस्को के लिए हैं।जैसे आए वॉश बेसिन।घरमें कुल मिला के चार वॉश बेसिन हैं  इस गुड़िया की हाइट का एक भी वॉशबेसिन नहीं हैं। अब रोज की जरूरत हैं।रोज दिन में दो बार ब्रश करना हैं।हर बार हाइट का प्रॉब्लम सामने आता हैं।छोटी बच्ची सदैव छोटी नहीं रहने वाली।इस लिए इस कि हाइट को देखते हुए कुछ फर्क किसी भी सुविधा में नहीं किया जाता।करेगा भी कोन।अब रोज की मगजमारी करने से अच्छा हैं,इसका कुछ रास्ता निकाला जाए।आराध्या नामकी इस गुड़िया ने अपना रास्ता खुद निकाला हैं।आप भी ऐसे कोई फोटोग्राफ हैं तो उसकी जानकारी मुझतक पहुंचाए। #Bnoवेशन

मेरा अधिकार

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आज का दिन। गुजरात चुनाव में दूसरे चरण का मतदान हो रहा हैं।93 विधानसभा सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान होगा।कुल मिलाके 2 करोड़ से अधिक मतदार मतदान करने के लिए अधिकृत हैं। आज मतदार का दिन हैं।पिछले 2014 में लोकसभा और 2012 में विधानसभा के सापेक्ष में देखा जाय तो अबतक का मतदान कम दिखाई पड़ता हैं।आचारसंहिता का अमल ओर उसमें से कुछ दूसरे टीको के रास्ते अपनाते हुए उम्मीदवार आज अपना आखरी जोर लगाएंगे। आप भी इस अधिकार का उपयोग कर चुके होंगे।आशा हैं।आप के इस प्रयत्न से लोकशाही को जीवंत रहेनेमें सुविधा होगी। #लोकमत

My Rucha

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ऋचा... मेरी ऋचा... आज से 12.12.2001 को वो मेरे घरमें पैदा हुई।अब वो 17 साल की हो चुकी हैं।पैदा होने से आज तक हमने बहोत लड़ाई की हैं।एक दूसरे को हम भूल भी नहीं सकते,भूलना भी नहीं चाहते।एक दूसरे को हम याद भी रखते हैं।परेशान भी करते हैं।एक दूसरे को परेशान करने की कोई तक हम छोड़ते नहीं हैं।एक सिंगर,डांसर ओर डबिंग आर्टिस्ट के तौर पे उसने अपना नाम बनाया हैं।आज तक बहोत से गाने वो गा चुकी हैं।,सुगम गीत या लोकगीत उसने लाइव या रेकॉर्डिंग में गाये हैं।आज वो 17 साल की हैं, वो मेरी उम्र की हो वैसे मुझसे पेश आती हैं।में उसे प्यार से 'मेरा नसीब' कहता हूं। में आशा रखता हूँ कि मेरा नसीब सदैव खुश रहे। #Love you Rucha... #मेरा नसीब मेरी जिंदगी...! रुचा के गाया हुआ गाना... सोचेंगे हम सोचेंगें... जय हो...

नया सवेरा...

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अपने नजरियों का फर्क होता हैं।हम हमारे ओर अन्य के बीच अपने जीवन को देखना हैं।इस हालत में कुछ खास बातें देखनी हैं। क्या हम सहिमें काम करते हैं? क्या हमारे नाम से काम का महत्व नहीं हैं? क्या हर चीज को अपने ही नजरिये से सोचना सही हैं।अगर हा, तो भी ये चित्र उपयोगी हैं।अगर ना कहोगे तो भी इस चित्र को आप जुटला नहीं सकते।अगर मेरी सोच ही सही हैं तो दो बातें होगी। 1.या अपनी सोच के वजन को उठाके जिओ... 2.अगर आप कुछ अलग और सही करते हैं तो आप सही हैं।सही याने उपयोगी।हम बहोत समय फिजूल बातो में गवां देते हैं।मगर तब जाके काम याद आता हैं।हम तनाव महसूस करते हैं।हमारी सोच से दुनिया नहीं चलती।दुनिया को आवश्यकता हैं वैसे हमे काम करना हैं।अपने जीवन को बढ़ाना हैं।क्या सिर्फ समय बर्बाद करना ध्येय के प्रति गद्दारी नहीं हैं।क्या सामान्य जीवन में हम विशेष कार्य करने को बाधक हैं।हम हमारे काम से अगर लगाव हैं तो आप को आप के काम को छोड़के किसी चीज को महत्व नहीं देना हैं।जो प्राप्त किया हैं वो सदैव ओर अनंत तक अपने पास हैं।रहेगा और रहना चाहिए।मगर अब आगे भी बढ़ना हैं।भले ही कुछ मुश्किल या चीजे जो सहज न दिखे

अधिकार का कदम...

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मतदान... महादान... मतदान मेरा अधिकार... मतदान मेरा अधिकार, अब बनेगी मेरी सरकार। दान करेंगे,दान करेंगे। गुजरात के युवा मतदान करेंगे। दान करेंगे,दान करेंगे। हमारे अधिकार से हम दान करेंगे। दान करेंगे,दान करेंगे। अवश्य अब हम,सदैव मतदान करेंगे। एक दोस्त ने फोटो भेजा। मुजे अच्छा लगा।गुजरात के किसी प्रदेश से मिला हैं ये फोटो।हमे भी मतदान के प्रति जागृत करेगी ये फोटो।शादी के बाद मंडप से सीधे आने वाले या,मतदान करके मंडप में बैठे हुए कई मतदार के बारेमें  हमने सुना या कहीं रूबरू या न्यूज़ में देखा या पढा होगा। हैं।हमें हमारे देश को बदलना हैं।हमारी सोच वाला बनाना हैं तो अवश्य मतदान करना पड़ेगा। आप भी इस संदेश को अवश्य फैलाये। हमे मतदान करना हैं। हम अवश्य मतदान करेंगे। आप भी,में भी हम सब,हमारे सब। आई नहीं we... में नहीं हम...! #we can...

मतदान महादान...

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मतदान... आज कल मतदान की बात हैं। नेता पक्ष और प्रतिपक्ष आमने सामने जबान लड़ा रहे हैं।आखिरी व्यक्ति मतदार हैं। आज एक दोस्त ने फोटो शेर किया हैं।हम ये सोचना हैं कि क्या हम करेंगे...! We can... हमे करना होगा। बहोत सवाल होंगे।बहोत काम भी होंगे। बहोत सारी विड़बना भी आएगी,काम बढ़ता जाता हैं।काम बढ़ता जाएगा।मगर हमे अब एक काम करना हैं।गुजरात के सरकार के निर्माण में हमे हमारा योगदान देना हैं। आप ओर में। एक अधिकार से सरकार बनायेगे।ओर हम बोल सके कि इस सरकार के चुनाव में मेने भी मतदान किया था।अगर देखा जाए तो लोकशाही का ये महापर्व हैं।मेरा,आपका ओर हमारा ये महोत्सव हैं।हम उसे अपने विचारों से सजाएं ओर अपने अधिकार का उपयोग करे।हम ऐसे प्रतिनिधि मतदान करे जो हमे अपना लगे।कोई धर्म,पार्टी,समाज के नजरिये से न देखे।उम्र  या किसी तरह का लोभ या डर से मतदान न करें।अपने पन का अहसास दे पाए ऐसी ही सरकार के गठन में आप अपना अमूल्य मतदान करे।दान अवश्य करें।

मतदान का महत्व

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मतदान... आज किसी ने एक फोटो शेर किया। एक माजी मतदान कर ने जा रही हैं।मतदान के लिए खड़ी हैं।इस बात का आज के दिन इस लिए महत्व हैं कि पिछले चुनाव के चलते इस बार पहले चरण में मतदान कम हुआ हैं।अपने छोटे बड़े अधिकार के लिए जागृत व्यक्ति अपने मताधिकार के लिए भी जागृत हो। शादीसुदा जोड़े भी वोटिंग करते हैं।लोक शाही का ये पर्व हैं।जूनागढ़ के पास सिर्फ एक महंत जी के लिए भी सरकार पूरा दिन मतदान बूथ बनाती हैं।हम कुछ नहीं करना हैं।सिर्फ मतदान केंद्र तक पहुंचने की मानसिक तैयारी करनी हैं।

प्रथम चरण मतदान...

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गुजरात में चुनाव का माहौल हैं।प्रथम चरण का मतदान खत्म हो चुका हैं।पिछली बार से यहाँ 2%मतदान कम हुआ हैं।में सरकारी कर्मचारी हूँ।में कुछ बोल नहीं सकता।में सिर्फ गुप्त मतदान कर सकता हूं।मगर में जरूर कहूंगा कि मतदान ज्यादा होना चाहिए। अगर हमारी उंगली पे चुनाव की शाही नहीं लगी हैं तो 5 साल तक हमें किसी सरकार पर उंगली उठाने का अधिकार नहीं। मुजे याद हैं 2012 में हमने मतदार जागृति के लिए एक डॉक्यूमेंट तैयार किया था।वीडियो में हमने मताधिकार ओर मतदार जागृति के लिए संदेश दिया था।आज भी में आप को मतदान करने की ही विनंती करता हूँ। सरकार हमारी नहीं हो सकती,मगर सरकार के हम जरूर हो सकते हैं। अपने मताधिकार का उपयोग करने वाले व्यक्ति को ही सारे अधिकार मिलने चाहिए। क्या...हम कर्तव्य करेंगे? क्या...हम सरकार के होंगे? क्या...हमे दूसरे अधिकार चाहिए? इन सारे सवालों के जवाब एक ही हैं।मताधिकार हमारा भारतीय होने का गौरव हैं।विश्व की सर्वाधिक मतदार वाली लोकशाही के हिस्से में हम भी एक हैं। इस गर्व के साथ मतदान अवश्य करें... #Bnoवेशन #We can मुमकिन हैं...!

दो भगवान

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भगवान। वैसे देखा जाए तो सिर्फ नाम। अगर सही मायनों में देखा जाय तो विश्व के सर्जक।आज हम विज्ञान के साथ ज्यादा ओर धर्म के साथ जरूरत के आधार पर जुड़के हैं। आज ट्विटर पर ये फोटो मुजे मिला।एक छोटा बच्चा मूर्ति के पास हैं।बच्चे के हाथमें छाता हैं।छाते से बच्चा भगवान को दूप से बचाता हैं। कहते हैं कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं।तो कहना चाहिए कि भगवान भगवान को छाता दिख रहे हैं।काश हम भी धूप से बच पाते। जय गणेश #Bnoवेशन #We can मुमकिन हैं...

133: राजेन्द्र प्रसाद नॉट आउट

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आज से 133 साल पहले की बात हैं। उस दिन हमारे देशमें एक व्यक्ति का जन्म हुआ।उन्होंने पढ़ाई की।शिक्षा में वो बचपन से तेज थे।देश जब अंग्रेजो का गुलाम था,ये बात राजेन्द्र प्रसाद को पसंद नही थी।युबा अवस्थामें जाते जाते उन्होंने अपने आप को देश के प्रति समर्पित कर दिया। देश आजाद हुआ।हमारे बंधारण के आधार पे राष्ट्रपति का चुनाव करना था।सभी दल ने एक साथ मिलके राजेन्द्र प्रसाद को इस जिम्मेवारी के लिए चुना।हमारे देश के प्रथम राष्ट्रपति,स्वतंत्र सेनानी ओर शिक्षाविद के साथ विचारक के रूप में हम उन्हें याद करते हैं।आज के इस पवित्र दिवस पर हम उन्हें याद करके अपना कर्तव्य अदा करें। #india

We can...?

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जो है उसे देखो, जो होगा उसे देखलेंगे। मेरे दोस्त ने आज मुजे ये संदेश दिया।हररोज मुजे दोस्त व्हाट्स एप या अन्य व्यवस्था के माध्यम से संदेश देते हैं।इस संदेश के पीछे उन्होंने लिखा था की इन दो लाइन पर में लिखू। मेरा लिखना एकदम सरल और सहज मुद्दों पर होता हैं।ये ऊपर वाली बात तो एकदम से अलग थी। मेण्य उसे दो बार पढा।जो हैं इसे देखो।ये वर्तमान में जीने की बात हैं।में आप को दो उदाहरण देता हूं। जो हैं उसे देखो...  मेरे एक दोस्त।वो शादी से परत आ रहै थे।वहां से वो गाड़ी में बेठे।कुछ आगे चलते गाड़ी में पंक्चर हो गया।उनके  पास दो विकल्प थे।एक वो दूसरी गाडीमें चला जाय।उनकी नियत  प्रगति को पाने के लिए आगे बढ़ते रहै।उनका दूसरा रास्ता था वे उस पंचर वाली गाड़ी के साथ खड़े रहें।वो व्यक्ति गाड़ी वाले के साथ खड़े रहे।उन्होंने  टायर चेंज किया और प्रगति की ओर बढ़े। किसी के साथ कुछ समय चलने के बाद अगर कोई दिक्कत हैं तो उसे सुधारनी चाहिए,नहीं कि उसे छोड़ देना चाहिए। एक प्रसिद्ध कहानी हैं।एक व्यक्ति ने आश्रम बनाया। यह व्यक्ति सदैव सबको सहयोग करता था।उस के सहयोग से बहोत लोग कुछ पा रहे थे,पाने

HIV AIDS

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आज का दिन विश्वमें विशेष तौर पे मनाया जाता हैं।लोक जागृति से जुड़े इस दिन को मनाया जाता हैं।इस दिन को स्वास्थ्य से जुड़ के पूरे विश्वमें मनाया जाता हैं।AIDS को इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम या एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिंड्रोम के नाम से मेडिकल फिल्डमें पहचाना जाता हैं।AIDS के साथ दूसरा शब्द जुडा हैं।वो शब्द हैं एचआईवी जिसे ह्यूमन इम्यूनो वायरस कहा जाता हैं।जो मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है। इस रोग को पहली बार 1981 में मान्यता मिली। ये एड्स के नाम से पहली बार 27 जुलाई 1982 को जाना गया। एचआईवी संक्रमण आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे में प्रेषित हो जाता है,यदि उन्होंने शारीरिक द्रव या रक्त श्लेष्मा झिल्ली के माध्यम से कभी सीधे संपर्क किया है। पहले की अवधि में, एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों पर बहुत से सामाजिक कलंक लगाये जाते थे। अनुमान के मुताबिक, ये उल्लेख किया गया है कि, 33 लाख लोग एचआईवी से संक्रमित हैं और 2 लाख लोगों का हर साल इसकी वजह से निधन हो जाता है। एचआईवी एक वायरस है, यह रोग प्रतिरक्षा प्रणाली की टी-कोशिकाओं पर हमला करता है और ईसके कारण एक रोग होता है ये एड्स