नया सवेरा...

अपने नजरियों का फर्क होता हैं।हम हमारे ओर अन्य के बीच अपने जीवन को देखना हैं।इस हालत में कुछ खास बातें देखनी हैं।
क्या हम सहिमें काम करते हैं?
क्या हमारे नाम से काम का महत्व नहीं हैं?
क्या हर चीज को अपने ही नजरिये से सोचना सही हैं।अगर हा, तो भी ये चित्र उपयोगी हैं।अगर ना कहोगे तो भी इस चित्र को आप जुटला नहीं सकते।अगर मेरी सोच ही सही हैं तो दो बातें होगी।

1.या अपनी सोच के वजन को उठाके जिओ...
2.अगर आप कुछ अलग और सही करते हैं तो आप सही हैं।सही याने उपयोगी।हम बहोत समय फिजूल बातो में गवां देते हैं।मगर तब जाके काम याद आता हैं।हम तनाव महसूस करते हैं।हमारी सोच से दुनिया नहीं चलती।दुनिया को आवश्यकता हैं वैसे हमे काम करना हैं।अपने जीवन को बढ़ाना हैं।क्या सिर्फ समय बर्बाद करना ध्येय के प्रति गद्दारी नहीं हैं।क्या सामान्य जीवन में हम विशेष कार्य करने को बाधक हैं।हम हमारे काम से अगर लगाव हैं तो आप को आप के काम को छोड़के किसी चीज को महत्व नहीं देना हैं।जो प्राप्त किया हैं वो सदैव ओर अनंत तक अपने पास हैं।रहेगा और रहना चाहिए।मगर अब आगे भी बढ़ना हैं।भले ही कुछ मुश्किल या चीजे जो सहज न दिखे।आप ही कहिए,क्या आप कुछ नया नहीं करोगे तो आप इस वख्त जमाने में कैसे टीक पाओगे।
मुजे रोज नया सोचने का ओर काम करने का मौका मिलता हैं।सबको ये मौका नहीं मिलता।ज्यादातर जिन्हें मौका नहीं मिलता वो दूसरो की गलती निकालते हैं।आशा हैं अपनी ही सोच को सही बताने वाले इस पोस्टर को देखे।अगर में सही नहीं भी हु तो क्या में कुछ नया करता या करती हूं।मेंजो नया करती या करता हु इससे भले कुछ व्यक्तियो का नुकसान होता हैं।शायद कुछ लोगो को ये पसंद ननाये।वो आपकी आलोचना करें करे।मेरा मानना हैं कि जो गलती करेगा वो सीखेगा।पुरानी बातें दोहरा ने से गलती नही होगी,मगर कुछ नया भी नही होगा।अगर कुछ नया करने में मेरी गलती हैं,गलती होती हैं तो में उसका स्वीकार करूँगा।जीवनमें व्यक्ति सफलता से नही,निष्फलता से शिखता हैं।कुछ ऐसा करे कि रोज एक बार निष्फलता मिले।और तो ओर अगर आपका काम या व्यवहार सही नहीं हैं फिर भी आप अपनी बात को पकड़ के रखेंगे तो समझना होगा कि आप जहां हैं,बस अब और आगे जाने की उम्मीद नहीं हैं।आप की सोच भले ही बुरी नहीं हैं।आप का नजरिया भले साफ हैं।मगर सोच को बदले।
नव विचार से सर्जन होगा,
नए भारत को सजाना होगा।
सोच को अपनी बढ़ाएंगे,नया सवेरा लाएंगे।

कुछ सोच बदले,सब कुछ बदलता दिखेगा।
We can मुमकिन हैं...!

Comments

Popular posts from this blog

ગમતી નિશાળ:અનોખી શાળા.

ન્યાયાધીશ અને માસ્તર

અશ્વત્થામા અને સંજય જોષી