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Showing posts from June, 2017

किंजल का वर्ल्ड रिकॉर्ड:2002

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हमारे आसपास! हमारे सामने, हमारे करीब ! कई सारे लोग ऐसे होते हैं जो कुछ खास होते हैं!कुछ ख़ास करते हैं!कर पाएं हैं!एक लड़की जिसका नाम किंजल नायक!किंजल एक बाल में छिद्र करके उसमें दूसरा बाल पास करती हैं! मेने उसका इंटरव्यू किया था!उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड में भी शामिल हैं!लोग ऐसीबातोंको नजर अंदाज करते हैं!एक लड़की ऐसा करती हैं और उस को रेकॉर्ड बुक के लिए प्रमोट करने में जो टीमवर्क हमने किया था!आज भी मुझे याद हैं।उसमें हमने बहोत शिखा था! ये बात आज से 15 साल पहले की हैं!जो ऐसा समय था कि मेल करने के लिए भी सायबर कैफे जाना पड़ता था!एक बालमें छिद्र हो सकता हैं!एक लड़की उसमें दूसरा बाल पसार करती हैं!इस प्रक्रिया में उसे 30 सेकण्ड लगते थे! इस बातको वीडियो में ऐसे विडियो  करना था कि बाल पसार हुआ हैं उसे भी दिखाया जा सके!बस...दो दिन की महेनत और कई सारी टेक्निकल सेवाओं के सहाय से हमने उस लड़की का रिकॉर्ड करवाया था! आज किंजल नायक कहा हैं!मुझे मालूम नही हैं! हा लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड में उसके बारेमें आज भी लिखा हुआ में पढ़ता हूँ!2001 जुलाई 30 का एक डॉक्यूमेंट हाथ लगा और आज किंजल

कलाम सर को सलाम...

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कौन ज्यादा दलित? किस ने बड़े दलित को राष्ट्रपति पद के उम्मेदवार के लिए सहयोग दिया?में कलाम सर की बात कहना चाहता हौं !मगर आज कल राष्ट्रपति होने  से पहेले जो बात चलती हैं उस से मेने लिखना शुरू किया हैं!जिसे भी थोडासा अंदाज हैं की राष्ट्रपति चुनाव कैसे होते हैं!इन्हें मालुम ही हैं की श्री कोविंद जी हमारे नए राष्ट्रपति होंगे!राष्ट्रपति पद के लिए विरोध पक्ष ने श्रीमती मिरां कुमार को उम्मेदवार बनाया हैं!केसे गिने जाते हैं राष्ट्रपति चुनावमें मत और केसे तय होता हैं धरसभ्य और संसद्सभ्य के मत का मूल्य!आप इस मूल्य को सरकार बनाने वाले या बिगाड़ने वाले सदस्य के मतदान से नहीं हैं! विधानसभ्य और संसदसभी के मतदान और राष्ट्रपति चुनाव के लिए आप यहाँ पढ़ें! अब बात उस वख्त की हैं जब राष्ट्रपति कलाम सर तय हो चुके थे!एपीजे अब्दुल कलाम साहब का नाम जब भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया और उनके शपथ ग्रहण की तिथि तय हो गई तो प्रोटोकाल व व्यवस्था में लगे एक अधिकारी ने उनसे पूछा - सर, आपके शपथ ग्रहण समारोह में आपके परिवार और मित्रों में से किन किन को बुलाना है, लिखवाइये। कलाम साहब बोले - "

आहार...

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मांसाहारी और शाकाहारी!एक बड़ी चर्चाका विषय हैं।मेने पहले भी इसके बारे में लिखा हैं!मेने पहले लिखाथा क्या खाया नही,खाया की नहीं ये सवाल महत्वपूर्ण हैं!दोनों में अंतर हैं!क्या खाया?क्यों खाया! मोज शोख ठीक हैं!आप ऐ बतावो की क्या इतना अनाज हम पैदा कर पाएंगे कि सभी शाकाहारी हो जाय! आहार को सिर्फ आहार के रूपमें देखा जाना चाहिए!शाकाहार,मांसाहार,त्रुनाहार और समुद्री फल !कई बातें हैं!कई लहजे हैं!सवाल हैं कि क्या होना चाहिए!एक फेमिली रेस्टोरॉन्टमे पार्टी करती हैं तो साऊथ,पंजाबी,चायनीज या कुछ और मंजवाएंगे!उसी परिवार का जिसने उसदिन होटल में इडली मंगवाईथी उसे अगर बैंगलोर जॉब लगेगी तो वो नहीं जायेगा! कहेगा...खाना ठीक नहीं!तो क्या महाशय आपने खाने के लिए पढ़ाई की थी? अरे...खाना जिन्दा रहने के लिए हैं!आज मांसाहार से बात शुरू हुई तो शाकाहारी और मांसाहारी की शरीर रचनामें क्या भेद हैं वो भी देखते हैं ! ध्यान रहे,परमपिता परमात्मा ने प्राणियों के आहार का निर्धारण उनके शरीर की विशेष संरचना बनाकर किया है। मांसाहारी और शाकाहारी प्राणियों के शरीर की रचना में परमात्मा ने

कई मतलब की कहानी...

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कई कहानियां ऐसी होती हैं!जो कई सारे अर्थ निकालती हैं!पढ़ने वाले हर व्यक्ति को इस कहानी से अपने मतलब का अर्थ निकाल सकते हैं! मगर इस कहानी को आप अवश्य पढ़ें...! एक बार संख्या 9 ने 8 को थप्पड़ मारा 8 रोने लगा... पूछा मुझे क्यों मारा..? 9 बोला... मैं बड़ा हु इसीलए मारा.. सुनते ही 8 ने 7 को मारा और 9 वाली बात दोहरा दी 7 ने 6 को.. 6 ने 5 को.. 5 ने 4 को.. 4 ने 3 को.. 3 ने 2 को.. 2 ने 1 को.. अब 1 किसको मारे 1 के निचे तो 0 था ! 1 ने उसे मारा नहीं बल्कि प्यार से उठाया और उसे अपनी बगल में बैठा लिया जैसे ही बैठाया... उसकी ताक़त 10 हो गयी..! और 9 की हालत खराब हो गई. जिन्दगीं में किसी का साथ काफी हैं, कंधे पर किसी का हाथ काफी हैं, दूर हो या पास...क्या फर्क पड़ता हैं, एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी है! इसलिये वक़्त उन्हें दो जो तुम्हे चाहते हों दिल से! रिश्ते पैसो के मोहताज़ नहीं होते क्योकि कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते पर जीवन अमीर जरूर बना देते है " भव्य जीवन की लालसा रखने या जीने में कोई बुर

चाणक्य ओर...

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सम्राट चंद्रगुप्त ने एक बार चाणक्य से कहा, चाणक्य,नि काश तुम खूबसूरत होते? चाणक्य ने कहा, 'राजन, इंसान की पहचान उसके गुणों से होती है, रूप से नहीं।' तब चंद्रगुप्त ने पूछा, 'क्या कोई ऐसा उदाहरण दे सकते हो जहां गुण के सामने रूप छोटा रह गया हो।' तब चाणक्य ने राजा को दो गिलास पानी पीने को दिया। फिर चाणक्य ने कहा, 'पहले गिलास का पानी सोने के घड़े का था और दूसरे गिलास का पानी मिट्टी के घड़े का, आपको कौन सा पानी अच्छा लगा।' चंद्रगुप्त बोले, 'मटकी से भरे गिलास का।' नजदीक ही सम्राट चंद्रगुप्त की पत्नी मौजूद थीं, वह इस उदाहरण से काफी प्रभावित हुई। उन्होंने कहा, 'वो सोने का घड़ा किस काम का जो प्यास न बुझा सके। मटकी भले ही कितनी कुरुप हो, लेकिन प्यास मटकी के पानी से ही बुझती है, यानी रूप नहीं गुण महान होता है।' इसी तरह इंसान अपने रूप के कारण नहीं बल्कि उपने गुणों के कारण पूजा जाता है। रूप तो आज है, कल  नहीं लेकिन गुण जब तक जीवन है तब तक जिंदा रहते हैं, और मरने के बाद भी जीवंत रहते हैं।

સાચો પ્રેમ

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કોઈને ન સમજાવી શકાય તેવી આ વિગત.શું ઉદાહરણ આપી શકાય તેની મુંજવણ.હું આ વાર્તા જેવીજ મારી એક બીજી વાર્તા કહું છું. પેલી વાર્તામાં એમ છે કે... હું નૃત્ય કરું એટલે વરસાદ આવે જ. જ્યાં સુધી વરસાદ ન આવે ત્યાં સુધી નૃત્ય કરવાની મારી તૈયારી છે. આ વાર્તા મને એક મિત્રએ મોકલાવી હતી.થોડાક ફેરફાર સાથે આ વાર્તા અહીં મુકું છું.આશા છે આપ આ વાર્તા વાંચશો. એ મિત્રનો આભાર જેણે આ વાર્તા મોકલી. સવારના નવ. કદાચ તેટલા વાગ્યાની આસપાસનો સમયહતો! પોતાના હાથના અંગૂઠા પર લીધેલા ટાંકા કઢાવવા માટે એક દાદા વેઇટિંગ રૂમમાં બેઠા હતા! ડ્યુટી પરની નર્સ.નર્સ પોતાના કામમાં થોડી વ્યસ્ત હ્તી! પોતે ઉતાવળમાં છે એવું દાદાએ નર્સને એકાદ વખત કહ્યું એટલે નર્સે એમનો કેસ હાથમાં લીધો!દાદાના અંગૂઠા પરનો ઘા જોયો, બધી વિગત જોઇ. નર્સે દાદાને ટેબલ પર સૂવડાવ્યા! પછી પૂછ્યું,’દાદા તમારી ઉતાવળનું કારણ હું પૂછી શકું?  ’‘બહેન! ફલાણા નર્સિંગહોમમાં મારી પત્નીને દાખલ કરેલી છે એની સાથે નાસ્તો કરવાનો સમય થઇ ગયો છે! છેલ્લાં પાંચ વરસથી સવારે સાડા નવ વાગ્યે એની જોડે જ નાસ્તો કરવાનો મારો અતૂટ

कूड़ा कचरा...

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एक दिन एक व्यक्ति ऑटो से रेलवे स्टेशन जा रहा था। ऑटो वाला बड़े आराम से ऑटो चला रहा था। एक कार अचानक ही पार्किंग से निकलकर रोड पर आ गयी। ऑटो चालक ने तेजी से ब्रेक लगाया और कार, ऑटो से टकराते टकराते बची। कार चालक गुस्से में ऑटो वाले को ही भला-बुरा कहने लगा जबकि गलती कार- चालक की थी। ऑटो चालक एक सत्संगी (सकारात्मक विचार सुनने-सुनाने वाला) था। उसने कार वाले की बातों पर गुस्सा नहीं किया और क्षमा माँगते  हुए आगे बढ़ गया। ऑटो में बैठे व्यक्ति को कार वाले की हरकत पर गुस्सा आ रहा था और उसने ऑटो वाले से पूछा तुमने उस कार वाले को बिना कुछ कहे ऐसे ही क्यों जाने दिया। उसने तुम्हें भला-बुरा कहा जबकि गलती तो उसकी थी। हमारी किस्मत अच्छी है, नहीं तो उसकी वजह से हम अभी अस्पताल में होते। ऑटो वाले ने कहा साहब बहुत से लोग गार्बेज ट्रक (कूड़े का ट्रक) की तरह होते हैं। वे बहुत सारा कूड़ा अपने दिमाग में भरे हुए चलते हैं। जिन चीजों की जीवन में कोई ज़रूरत नहीं होती उनको मेहनत करके जोड़ते रहते हैं जैसे क्रोध, घृणा, चिंता, निराशा आदि। जब उनके दिमाग में इनका कूड़ा बहुत अधिक हो जाता है त

યોગ...યોગ રે ભાઈ યોગ...

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ભારતીય પરંપરા મુજબ, યોગની વ્યાપક (અને મને બહુ ગમતી) વ્યાખ્યા છેઃ કર્મમાં કૌશલ્ય તે યોગ.World Record લેવાને બદલે પોતપોતાના કર્મમાં કૌશલ્ય માટે ધ્યાન આપવું એ ઉત્તમ યોગ છે.  અને એવા તો ઝાંસા મારતા જ નહીં કે યોગને અમે લોકપ્રિય બનાવ્યો કે દુનિયાભરમાં ફેલાવ્યો.  અને હા,ભારતમાં અનેક વ્યક્તિઓ એ આજે અને પહેલાં યોગના પ્રચાર પ્રસાર માટે ખૂબ કર્યું છે. યીગથી બધું જ મટી શકે.શાંતિ માટે યોગ્ય જરૂરી છે.આનંદીબેન પટેલ ને હવે શાંતિ છે.છતાં પાછાં નીતિન પટેલ સાથે યોગ કરવા બેઠાં હતાં.મને લાગે છે આસપાસ બેઠેલા ને આ દિવસે સવારે ઉજાગરો થયો હશે. માતૃભાષા હોય કે પછી યોગ જેવો વારસો, ગિનેસ બુકના રેકોર્ડોથી કે યોગના નામે એક દિવસ ઉજવવાથી તેની જાળવણી થતી હોત તો, તે અત્યારના સમય સુધી શી રીતે પહોંચ્યો હોત? સંસ્કૃતિ-અધ્યાત્મ-યોગ-આસનો-પ્રાણાયામ-પતંજલિ અને ધંધાની મસ્ત ભેળસેળ કરનારા બાબા રામદેવ હવે ધંધાદારી માણસ છે. તેમની ભેળસેળના રવાડે ચડવું હોય  પસંદગી તમારી, પણ એ શું છે એના વિશે મહેરબાની કરીને ભ્રમમાં રહેતા નહીં કે ભ્રમ ફેલાવતા નહીં.અને સંસ્કૃતિના નામે શુદ્ધતાના દાવા કરતા રામદેવના પતંજ

ફરી ફરી યાદ કરજો

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આપણા ગુજરાતી દૈનિક અખબારો જે વિસ્તારને સિયાચીન તરીકે ઓળખાવે છે એનું ખરું નામ સિયાચીન નથી પણ સિઆચેન છે. સિઆ એટલે ગુલાબ અને ચેન એટલે પ્રદેશ. એક જમાનામાં અહીં ગુલાબો થતાં એટલે આ વિસ્તારને સિઆચેન તરીકે ઓળખવામાં આવતો. મહારાજા હરિસિંહના કાશ્મીર પ્રદેશનો એ કારાકોરમ ઘાટમાં આવેલો ઉત્તરીય વિસ્તાર છે. આ પ્રદેશ લગભગ ત્રેવીસ-ચોવીસ હજાર ફૂટની ઊંચાઈ ઉપર આવેલો, બારેય મહિના હિમથી ઢંકાયેલો રહે છે. એનું ઉષ્ણતામાન બારેય મહિના ઓછામાં ઓછું માઈનસ દશ ડિગ્રી વધુમાં વધુ માઈનસ પચાસ ડિગ્રી થઈ જાય છે. આ પ્રદેશ  વિશ્વનું સહુથી વધુ ઊંચાઈવાળું યુદ્ધ ક્ષેત્ર છે. આ પ્રદેશમાં ભારતીય સૈનિકો પ્રત્યેક શિખરની ટોચ ઉપર ચોકી ધરાવે છે અને જ્યાં કોઈ પશુપંખી કે વનસ્પતિનો છોડ સુધ્ધાં નજરે નથી પડતો ત્યાં ચોવીસે કલાક તેઓ શસ્ત્રો તાકીને બેઠા છે. એમને નિયમિત ખોરાક નથી મળતો. જે મળે એનાથી ચલાવવું પડે છે. હાથપગના આંગળા હિમડંખથી સડી જાય છે અને પછી એને કાપી નાખવા પડે છે. જવાનોનો પરિવાર સાથેનો સંપર્ક ક્યારેક થાય છે, ક્યારેક નથી થતો. આ યુદ્ધ ક્ષેત્રની મુલાકાતે હેલિકોપ્ટર મારફતે કુતૂહલવશ પત્રકારો જાય છે ખરાં પણ પગપાળાં ચાલીન

विश्व योग दिवस आज क्यों?

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21 जून पूरे कैलेंडर वर्ष का सबसे लम्बा दिन है। साल का यह 172 क्रम वाला दिन हैं!लिपयर होता तो 173 वां दिन होता! आज के ही दिन 1947 के दिन लार्ड माउंट बेटन ने इस्तीफा दिया और राष्ट्रपति के हाथों भारत को गवर्नर जनरल के पद से इस्तीफा दिया था!विश्वमें FARMAT को साबित करने वाले गणित शास्त्री एंड्र ने अपने दावे को आज के दिन साबित किया था! आज सबसे लंबा दिन हैं!क्योंकि सूर्य और उसका तेज इस दिन सबसे अधिक प्रभावी रहता है।और इसी लिए इस दिन को योग दिवस के लिए पसंद किया होगा! बेंगलुरू में 2011 में पहली बार दुनिया के अग्रणी योग गुरुओं ने मिलकर इस दिन 'विश्व योग दिवस' मनाने पर सहमति जताई थी। इस दिन को किसी व्यक्ति विशेष को ध्यान में रखकर नहीं, बल्कि प्रकृति को ध्यान में रखकर चुना गया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के लिए पिछले सात सालों के दौरान यह इस तरह का दूसरा सम्मान है। इससे पहले यूपीए सरकार की पहल पर वर्ष 2007 में संयुक्त राष्ट्र ने महात्मा गाँधी के जन्मदिन यानि ' 2 अक्टूबर' को ' अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस ' के तौर पर घोषित किया था। प्राचीन आध्या

રાષ્ટ્રપતિ ચૂંટણી: મતનું મૂલ્ય

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વિશ્વના સૌથી મોટા લોકશાહી દેશના સર્વોચ્ચ બંધારણીય પદ એટલે કે રાષ્ટ્રપતિ પદની ચૂંટણી માટેનું જાહેરનામું બહાર પડી ચૂક્યુ છે. આપણા વર્તમાન રાષ્ટ્રપતિ મહામહિમ પ્રણવ મુખરજીએ 25 જુલાઇ 2012થી પદ સંભાળ્યુ હતુ એટલે 24 જુલાઇ 2017ના રોજ એમનો કાર્યકાળ પુરો થાય છે. આપણા દેશમાં રાષ્ટ્રપતિની ચૂંટણી કેવી રીતે કરવામાં આવે છે એ ભારતના નાગરીક તરીકે આપણે જાણી-સમજી શકીએ એ માટે અટપટ્ટી પ્રક્રિયાને સરળ ભાષામાં આપ સૌ મિત્રો સાથે શેર કરુ છું. રાષ્ટ્રપતિની ચૂંટણીમાં લોકોએ ચૂંટેલા ધારાસભ્યો અને સંસદસભ્યો લોકોના પ્રતિનિધી તરીકે ભાગ લે છે અને મતદાન કરે છે. આ ચૂંટણીમાં સૌ પ્રથમ ધારાસભ્યના મતોનું મૂલ્ય નક્કી કરવામાં આવે છે. આ માટે જે તે રાજ્યની કૂલ વસ્તીને તે રાજ્યના ધારાસભ્યોની સંખ્યા વડે ભાગવામાં આવે છે અને ત્યાર બાદ ફરીથી તેને 1000 વડે ભાગવામાં આવે છે. (આ ગણતરી માટે 1971ની વસ્તીગણતરી મુજબની વસ્તી ધ્યાનમાં લેવાય છે. 2026 સુધી એ મુજબ જ ગણતરી થશે)  જો આપણે ગુજરાતની વાત કરીએ તો 1971માં ગુજરાતની કુલ વસ્તી 2,66,97.488 હતી એને ગુજરાતના ધારાસભ્યોની સંખ્યા 182 વડે ભાગતા 1,46,690 આવે. આ સંખ્યાને ફરીથી 1000 વડે

સારો દિવસ...હું છું..

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એક માણસનો દિવસ બહુ ખરાબ ગયો. તેણે રાત્રે ઈશ્વર જોડે ફરિયાદ માંડી. માણસે કહ્યું, ‘ભગવાન, ગુસ્સે ન થાઓ તો એક પ્રશ્ન પૂછું?’ ભગવાને કહ્યું, ‘પૂછ, જે પૂછવું હોય એ પૂછ.’ માણસે કહ્યું, ‘ભગવાન, તેં આજે મારો આખો દિવસ એકદમ ખરાબ શું કામ કર્યો?’ ભગવાન હસ્યા.....   પૂછ્યું, ‘પણ શું થયું?’ માણસે કહ્યું, ‘સવારે અલાર્મ વાગ્યું નહીં, મને ઊઠવામાં મોડું થયું...’ ભગવાને કહ્યું, ‘અચ્છા પછી...’ માણસે કહ્યું, ‘પછી મોડું થતું હતું એમાં સ્કૂટર બગડી ગયું.  માંડ-માંડ રિક્ષા મળી.’ ભગવાને કહ્યું, ‘અચ્છા પછી...’ માણસે કહ્યું, ‘ટિફિન લઈ ગયો નહોતો, કૅન્ટીન બંધ હતી...  એક સૅન્ડવિચ પર દિવસ કાઢ્યો. એ પણ ખરાબ હતી.’ ભગવાન માત્ર હસ્યા. માણસે ફરિયાદ આગળ ચલાવી, ‘મને કામનો એક મહત્વનો ફોન આવ્યો હતો અને ફોન બંધ થઈ ગયો.’ ભગવાને પૂછ્યું, ‘અચ્છા પછી...’ માણસે કહ્યું, ‘વિચાર કર્યો કે જલદી ઘરે જઈ AC ચલાવીને સૂઈ જાઉં, પણ ઘરે પહોંચ્યો તો લાઇટ ગઈ હતી.  ભગવાન....  , બધી તકલીફ મને જ.  આવું કેમ કર્યું તેં મારી સાથે?’ ભગવાને કહ્યું, ‘જો,

पतंजलि:कनैया कुमार

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नागपुर। जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष छात्र नेता कन्हैया कुमार ने आज बीजेपी, आरएसएस और पीएम नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला। राष्ट्रवाद के मुद्दे पर कन्हैया कुमार  ने कहा कि समाज के कई तबके भय के माहौल में रह रहे हैं और मौजूदा परिदृश्य में पतंजलि ब्रांड का फेस वॉश नहीं लगाने के लिए भी किसी को राष्ट्रविरोधी ठहराया जा सकता है। डॉ. बी आर अंबेडकर की जयंती के एक दिन पहले अपनी हिंदी किताब के मराठी संस्करण बिहार ते तिहाड़ का विमोचन करने पहुंचे कन्हैया कुमार ने कहा, देश में अभी भय का ऐसा माहौल है कि अगर आप पतंजलि का फेस वाश इस्तेमाल नहीं करते तो आप राष्ट्रविरोधी कहे जाएंगे। उल्लेखनीय है कि पतंजलि आयुर्वेद कंपनी योगगुरू बाबा रामदेव द्वारा शुरू की गयी एफएमसीजी कंपनी है। कन्हैया कुमार ने कहा कि बाबासाहब ने ऐसा संविधान तैयार किया कि इसमें समाज के हर सदस्य को कई प्रकार से आजादी मुहैया करायी गयी है। लेकिन संविधान में निहित आजादी समाज के एक बड़े हिस्से को नहीं मिल सकी है। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा परिदृश्य में, गरीब, दलित, महिलाएं, आदिवासी, पिछडे वर्ग, अल्पसंख्यक और यहां तक कि बु