कई मतलब की कहानी...
कई कहानियां ऐसी होती हैं!जो कई सारे अर्थ निकालती हैं!पढ़ने वाले हर व्यक्ति को इस कहानी से अपने मतलब का अर्थ निकाल सकते हैं!
मगर इस कहानी को आप अवश्य पढ़ें...!
एक बार संख्या 9 ने 8 को थप्पड़ मारा
8 रोने लगा...
पूछा मुझे क्यों मारा..?
9 बोला...
मैं बड़ा हु इसीलए मारा..
सुनते ही 8 ने 7 को मारा
और 9 वाली बात दोहरा दी
7 ने 6 को..
6 ने 5 को..
5 ने 4 को..
4 ने 3 को..
3 ने 2 को..
2 ने 1 को..
अब 1 किसको मारे
1 के निचे तो 0 था !
1 ने उसे मारा नहीं
बल्कि प्यार से उठाया
और उसे अपनी बगल में
बैठा लिया
जैसे ही बैठाया...
उसकी ताक़त 10 हो गयी..!
और 9 की हालत खराब हो गई.
जिन्दगीं में किसी का साथ काफी हैं,
कंधे पर किसी का हाथ काफी हैं,
दूर हो या पास...क्या फर्क पड़ता हैं,
एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी है! इसलिये वक़्त उन्हें दो जो
तुम्हे चाहते हों दिल से!
रिश्ते पैसो के मोहताज़ नहीं होते क्योकि कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते पर
जीवन अमीर जरूर बना देते है "
भव्य जीवन की लालसा रखने या जीने में कोई बुराई नहीं हैं, लेकिन सावधान रहे क्योंकि आवश्यकताएँ पूरी हो सकती है, तृष्णा नहीं |एक सत्य ये भी है कि धनवानो का आधा धन तो ये जताने में चला जाता है की वे भी धनवान हैं |
आपका जीवन बेशुमार खुश हों...
शुभमस्तु...
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