इंतजार ओर व्यवस्था
कुछ ऐसा हो जो हमारे हक में हो। कुछ ऐसा हो जो हमारे विचारों में या हमारे विचारों से प्रभावित हो।हमे लगता हैं कि हम कुछ नही कर पाते हैं। मेरे एक दोस्त हैं। बारिश के बारे में सच्ची आगाही कर सकते हैं।उनका कहना हैं कि वारिश की आगाही करने के लिए उनके होरे आने चाहिए। ये होरे को हमारे वेदों ने भी स्थान दिया हैं।कोई भी पंचांग ऐसा नही होता जिसमें ये होरे न छपे हो।मगर हम होरे का अभ्यास नहीं करते ओर बारिश की राह देख रहे होते हैं। हम भी जब किसी की राह देख ते हैं तो हमे उसका इंतजार होता हैं।जैसे हमे बारिश का इंतजार होता हैं।बारिश आती हैं साथ में कीचड़ ओर अन्य सवाल भी सामने आते हैं।बस,वैसे ही हम जिसका इंतजार करते हैं,साथ में कुछ ऐसा आ ही जाता हैं जो हमे ओएसन्द नहीं। एमजीआर इसका मतलब ये तो नहीं कि हम बारिश का इंतजार न करे।बस,आदत सी बनालो ओर बारिश को प्यार करो। @#@ बारिश हैं तो बबाल हैं। बारिश नहीं तो हाल बेहाल हैं। क्यो डोर होंगे हम बारिश से, बारिश का सदैव इंतजार हैं।