हमारी चाह....
हम क्या चाहते हैं।
सबसे फके उसे तय करो।
जो तय करते हैं इस के लिए आप कर ही पाएंगे ऐसे खयाल रखो।ऐसा खयाल ओर ऐसी जानकारी और इस के पीछे किया गया काम आप उसे कर पाएंगे ऐसा विश्वास दिलाता हैं।
ऐसा विश्वास और ऐसी हिम्मत ही हमे सफल बनाने के लिए काफी हैं।सवाल ये हैं कि जो भी तय किया हैं उसे हम हांसिल करना क्यों चाहते हैं।इसका जवाब अलग अलग हो सकता हैं।हम ऐसे सवाल ओर उस के जवाब भी खोजने चाहिए।
मन चंगा तो कथरोट में गंगा। मन बनाना हैं।गुजरात के सीनियर केबिनेट मंत्री और राजकीय अग्रणी एवं शिक्षा मंत्री श्री भुपेंद्रसिंहजी चुडासमा जी का ये तकिया कलाम हैं 'मन बनालो' यही आजका संदेश हैं,जरूरत हैं।एक प्रज्ञा चक्षु याह्या सपाटवाला अगर दो बार यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडल प्राप्त कर पाते हैं,phd के लिए दो बार नीट पास कर सकरे हैं तो हम देखने वाले क्यो बड़ा करने का न सोचें?
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आज सोचो ओर आज से अमल करो।जो होगा अच्छा होगा या हो पायेगा।यही सफ़लताकी निशानी बन सकती हैं।
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