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Showing posts from June, 2020

गणेश जी...

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कुच्छ साल पहले की बात हैं ।  कही से एक गीत चला था ।  वाई से उसे गीत कहा नहीं जा सकता ।  वो एक पैरोडी सोंग या कुच्छ ऐसा ही कहा जा सकता हैं । उसे गीत भी मान लो तो कोई हरकत नहीं हैं ।  इस पैरोडी ने बहोत लोगो को खुश किया था । कई लोगो ने उस की नक़ल करते हुए कुछ ऐसा बनाया था ।  ऐसा ही बना ने के बारें में मैंने भी सोचा ।  मुझे मेरे दो शीर यानी दो बच्चियों ने सहाय करते हुए हम ने एक पैरोडी बनाई ।   हमारे लिए समस्या थी पैरोडी किस पर बनाई जाए ।  थोडा सोचने के बाद हमने गणेश जी के उपर पैरोडी बनाने के बारे में तय किया । किसी भी संगीत के साधन के बगेर हम ने इसे घर में ही रिकोर्ड किया । आप को भी अवश्य सुनने और देखने में ख़ुशी होगी ।  रुचार्मी परिवार के द्वारा बनाई गई इस पैरोडी सोंग को सुन ने के लिए आप यहा क्लिक   करें ।   

पद्मजा का अनूठा कार्य

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आप मानते हैं की कोई सरकारी जॉब छोड़ दे? क्या आप मानेगे की कोई व्यक्ति अधिकारी हो और अपने मिशन के लिए अपनी सरकारी ओफिसर की जिम्मेदारी छोड़ दे? आंध्सरप्ररदेश सरकार में ब्कालोक डेवलपमेंट ऑफिसर की जिम्मेदारी छोडकर कुछ ऐसा काम करें जिस में उन्हें कोई लाभ व्यक्तिगत रूप से नहीं मिलने वाला हैं? अगर आप ऐसी व्यक्ति को मिलना चाहते हैं तो आप को आंद्रप्रदेश की पद्म जा को मिलना पड़ेगा । वो वर्ष 2007 से ये काम कर रही हैं । वो किसी से पैसा नहीं मांगती,इन के काम को देखकर जो पैसा उन्हें मिलता है,उसी से वो अपने काम को आगे बढ़ा रही हैं ।पद्मजा को सृष्टि सन्मान मिला हैं । इस सन्मान को पाने के बाद उन्हों ने खा की ये मेरा नहीं, मुज से जुड़े लोगो का सन्मान हैं ।ट्रायबल क्षेत्र में वो काम कर रही हैं ।आंद्रप्रदेश के  पार्वती पुरम जंगल के पास  विनायक नगर डिस्ट्रिक में वो काम कर रही हैं । पद्मजा का मानना हैं की   लोगो के स्वास्थ्य से जुडी समस्याओ को खत्म करना और उन्हें आरोग्य के प्रति जागृत करना सबसे बड़ी सेवा कही जाती हैं ।उन का मानना हैं की हमारा कर्म ही हमारे साथ चलती हैं ।पद्मजा एक साध्वी जैसा जीवन पसर

राष्ट्रपति भवन में FOIN

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आज तक मुझे चार बार राष्ट्रपति भवन जाने का मौका मिला हैं । सभी समय कुछ नये काम से जाना हुआ हैं । एक बार FOIN (फेस्टिवल ऑफ़ इनोवेशन में जाने का अवसर मिला) एक बार मेरा सन्मान होने वलता तो जाने का अवसर मिला हैं  । क्रिएटीविटी करने वाले बच्चो के साथ राष्ट्रपति भवन में बच्चो के साथ  काम करने का अवसर मिला हैं । में एक सरकारी स्कुल का शिक्षक हु ।मुझे ऐ सारे मौके Srishti .org    के माध्यम से ही मिल पाया हैं । कुछ ऐसे लोग वहा आये जिहे देखकर मुझे अहसास हुआ की ये लोग जो है वो ही हकीकत में देश की सेवा करते हैं । ऐसे लोग जो पूरे भारत से आये थे और उन्होंने ऐसा काम किया जिसे आज राष्ट्रपति भवन में सन्मानित किया गया । पद्मश्री अनिल गुप्ता जिन्हें लोग ग्रासरूट इनोवेशन गुरु के नाम से पहचानते हैं ।वैसे ही ये तत्कालीन नॅशनल इनोवेशन फाउन्डेश के स्थापक सदस्य एवं वाइस चेरमेन रहे हैं । आज भी वो एन.आई.एफ में सेवा दे रहे है, जुड़े हुए हैं । उन के मार्गदर्शन से सिखा और सिखाने का मेने प्रयत्न किया हैं ।उन के साथ एन.आई.एफ के चेरमेन और पद्म भूषन सन्मानित आर. माशेलकर सर के साथ काम करने का अवसर मिला हैं । फेस्ट

गुजरात के नव सर्जक राष्ट्रपति भवन में

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पद्म श्री अनिल गुप्ता (स्थापक सृष्टि,हनी बी नेटवर्क) हर दो साल के बाद राष्ट्रपति भवन मे नवसर्जको के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन होता हैं । हनी बी नेटवर्क एवं सृष्टि के माध्यम से श्री अनिल गुप्ता द्वारा साल में दो बार shodh यात्राका आयोजन होता हैं । जब गर्मी का मौसम होता है, तब शोधयात्रा गरमी वाले स्थान में टी की जाती हैं । इस परिवार के श्री रमेशभाई पटेल एवं श्री चेतन पटेल द्वारा शोधयात्रा के पूर्व प्री प्लान होता हैं ।बहोत सारे लोग जिन्हें नवाचार में रूचि है,वो इस यात्रा में जुड़ते हैं । दिन में आठ से पंद्रह किलोमीटर चलना होता हैं ।  रस्ते में आने वाले गाव में कुछ नया करने वाले लोगो कोखोजा जाता हैं ।  उन्हें तो मालुम भी नहीं होता की उन का काम कितना बड़ा हैं, मगर ग्रासरूट इनोवेशन के गुरु अनिल गुप्ता इन को पहचान लेते हैं,उन्हें सन्मानित करवाते हैं ।  वैसे ही हमारे कुछ ग्रासरूट इनोवेटर्स राष्टपति सन्मान पाते हैं ।  गुजरात से कुच्छ इनोवेटर को ये मौका मिला है । हमारे साथी और आज केनेडा स्थाई हुए केतन ठाकर इस बात को समजा रहे हैं ।    इस काम के बारें में जानकारी के लिए क्लिक करे  औ

वेल्लन एन और हर्बल ट्रीटमेंट

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भारत में केरला ।  सबसे शिक्षित राज्य का गौरव हमारे देश में केरल के पास हैं ।  ग्रासरूट इनोवेटर का नाम हैं  वेल्लन एन. जो की  बयानार डिस्ट्रिक्ट से आये हैं । इस डिस्ट्रिक में   सुलतान तहसील में काम कर रहे हैं । ये तहसील भोत ही अंतरियाल प्रदेश में पड़ता हैं ।  वहा शिक्षा एवं सुविधा में भोत पिछड़ा हुआ प्रदेश हैं । यहा आरोग्य से जुडी सुविधाओ का अभाव है,इस कारण  वेल्लन एन. ने हर्बल ट्रीटमेंट में खासा काम किया है ।  ट्रायबल बेल्ट में वो काम क्र रहे हैं ।  केरल सरकार  ने इस हर्बल की जानकारी को फेलाया और स्थानीय लोगो को सिखाया भी हैं ।  केरल स्टेट गवर्मेंट ने उन के काम को देखते हुए और इस काम को बढ़ावा मिले इस लिए एक डॉक्युमेंट्री का निर्माण किया हैं ।    हर्बल ट्रीटमेंट के माध्यम से उन्हों ने भोत सरे लोगो को स्वास्थ के संबधित जाग्रति के लिए आगे बढ़ाने में प्रोत्साहन दिया हैं ।   उन के पास हर्बल ट्रीटमेंट की जो जानकारी हैं,इसे भी स्थानीय सरकार द्वारा पुस्तिका के स्वरूप में प्रकाशित किया हैं ।  वेल्लन एन. का मानना है की हमारी कुदरती संपदा को हमे ही संभालना है और हमे ही उस में ज्यादा से ज

हर्बल मेडिसिन और एना कुट्टी

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केरला से एक महिला  । उन का नाम   एना कुटी जोसेफ हैं ।  वो किसान हैं, उन के पास  ढाई एकड़ जमीन हैं ।  इस जमीं में से उन्होंने कुछ हिस्सा हर्बल खेती के लिए निकला हैं । इस खेत में वो भिन्न भिन्न प्रकार की वनस्पति की खेती कराती हैं ।  आसपास के कई गाव से उन के पास लोग सरवर के लिए आते हैं । पठारी,बुखार,जुकाम,साँस लेने में दिक्कत होना, मसा,भगंदर एवं  हड्डियों की परेशानी जेसी समस्या से जुज रहे लोग उन के पास आते हैं ।  सिर्फ जितना खर्च उन्हें होता है उतना ही पैसा वो लेती हैं ।  उन से बात चित करने में हमे दिक्कत आ रही थी क्यों की वो पढ़ी लिखी नहीं हैं, n वो हिंदी समज पाती   हैं । मेरे और एना जोसेफ के बिच एन.आई.एफ के साथी क्रिश मेथ्यु ने हमारी समस्या को कम कर  दिया । में सवाल करता उसे वो केरलियन भाषा में वो अनुवाद करके एना अम्मा को कहते,अम्मा जवाब देती उसे क्रिश अंग्रेजी में हमे  बताते ।  अनेकतामे एकता यही तो हमारे देश की सच्चाई हैं । अम्मा से बात करते हुए मालूम पड़ा की उन के पिताजी भी हर्बल मेडिसिन के बड़े जानकार थे ।  अम्मा ने ये सब आप ने पिताजी से सिखा हैं । उन के पास जितनी हर्ब

संकुल फ़ीस लेंगे या नहीं? महामंथन

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आज VTv न्यूस पर महामंथन देखा।गुजरात की सब से पहली HD news चेनल के तौर पे इसे जाना जाता हैं। सदैव निष्पक्ष और ज्यादा जानकारी के कारण में सिर्फ एक ही लोकल चेनल देखता हूँ। जो है VTv। इस चैनल में सबसे लंबा रोजाना कोई कार्यक्रम है तो वो है ' महामंथन'। आज के महा मंथन कार्यक्रम में #BJP के श्री महेश कसवाला, कोंग्रेस से श्री नरेंद्र रावत,शिक्षाविद एवं कटार लेखक श्री अशोक पटेल और पूर्व शिक्षा अधिकारी श्री के.आर.पोटा जी भी उपस्थित थे। कुछ बाते हुई। मे  कार्यक्रम में जुड़ने के लिए 30 मिनिट तक कोल करता रहा। कार्यक्रम के शुरू से अंत तक। में मेरे सवाल नहीं पहुंचा पाया इस बात का मुझे खेद हैं। इस कार्यक्रम में #इसुदान गढवी अच्छा संचालन कर रहे हैं।सच को सच और जुठ को जुठ कहने में वो हिचकिचाहट नहीं रखते। मेने कई बार उन्हें किसी भी बड़े पैनलिस्ट को डांटते या रोकते हुए देखा हैं। आज की बात के लिए में  कहूंगा की चर्चा करनी थी गरीबी की रेखा पर और चर्चा चली रेखा की गरीबी पर। आज के महामंथन का विषय था स्कुल में फ़ीस लेने के लिए कुछ लोग दबाव बना रहे हैं। लोग याने संस्थान के संचालक। मेरा कोल नहीं ल

हम पढकर दिखलायेंगे

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कोरोना.... कोविद :2019... चीन से आया...दुनिया में फेला... सब कुछ बांध हो गया, कहिए सारा भारत बंध ! कहिए की साडी दुनिया को लोक करदिया एक वयारासने! मार्च से लेकर आज तक हमारी गमती निशाल बांध रही, हम कुछ कर भी नहीं सकते थे!बच्चे प्यारे होते हैं, जिन के कारण हम और हमारे घर चलते है, वो बच्चे क्यों प्यारे न हो? मगर आज से हमारी स्कुल शुरू होंगी! बच्चे अभी शायद नहीं आयेंगे! सबसे पहले हम घर घर जाकर बच्चो को और उन के माता पिता को अब से कैसे स्कुल चलेंगी इस के बारे में जानकारी देंगे बाद में बच्चो को स्कुल में लायेंगे! हमारी गमती निशाल मे हम क्या करेंगे वो तो अब बच्चो से मिलकर तय करेंगे! आप के पास कोई सुजाव है तो आप हम तक इसे अवश्य पहुंचाए! में आशा रखता हूँ की हमारी संस्थान कुछ इस तरीके से आगे बढ़ेगी की बच्चो के स्वास्थ्य को हम अच्छे से संभाल पाए और उन से जुडकर शिक्षा का कार्य क्र पाए! एक पुरानी याद भी आज आप से शेर क्र रहा हु, एक सुनहरी याद देखने के लिए  यहाँ क्लिक करें!

7 स्किल फाउंडेशन की कार्य शाला

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कौशल्य  की आज मांग हैं ।  जिन के पास कौशल्य है,वो कभी बेरोजगार नहीं रहते ।  पीछले दस सालो से हम ऐसे व्यक्तिओ को खोज रहे हैं,जिन के पास कोई ख़ास स्किल हो । छोटी छोटी कार्यशालाओ के माध्यम से हम इस काम में लोगो को नजदीक से देखते और समजते हैं । सोसियल मिडिया एवं एक दुसरे से अवगत होकर हम ऐसे स्किल्ड पर्सन से जुड़े रहे हैं । 7 स्किल फाउन्डेशन के चेरमेन श्री प्रवीन माली दोगुने उत्साह से इस काम को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर रहते हैं । ऐसी ही एक कार्यशाला का आयोजन हमने २७ जनवरी को किया । महेसाणा के पास नानी दाऊ स्थित उत्कर्ष विद्यालय में इसका आयोजन हुआ था । हमारे पार्टनर के तोर पे युवा ग्रीन फाउडेशान  सरे देश से कई सरे स्किल वाले साथी जुड़े थे ।  गुजरात सहित देश के एनी १७ स्टेट से स्किल्ड पर्सन आये और उन के काम के बारें में उन्हों ने अपनी बात रखी ।   हम उन के बारें में एक किताब भी बनाने जा रहे हैं । जो की अगली कोंफ्र्न्स में विमोचित होगी ।  इस कार्यशाला में हमारे साथी एवं पार्टनर बने 90.4 fm पालनपुर के साथी ।  उन्हों ने प्रचार प्रसार में हमे अच्चा सहयोग दिया और हमारी कोंफ्र्न्स हम सबकी हो

विश्व पर्यावरण दिवस

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आज विश्व पर्यावरण दिवस हैं। पर्यावरण में असंतुलन हमे परेशानी और समस्या के साथ नई बीमारी के सामने खड़ा करता हैं।पर्यावरण का संरक्षण एवं संवर्धन हमे आगे का जीवन आसान कर के देता हैं। एक समय था जब हम कम जरूरत के साथ जीते थे। आज की लाइफ स्टाइल ऐसी हो गई है कि जिस में हम हर पल पर्यावरण को नुकशान पहुंचाते आ रहे हैं। और इसी बजह से जागृति के लिए सारे विश्व में इसे आज के दिन मनाया जाता हैं। हमारा खाना , पीना और जीवन जरूरत की सारी चीजें हमे पर्यावरण से मिलती हैं। आप ने महसूस किया होगा की पिछले कुछ सालों से भूकंप के झटके ज्यादा हो रहे हैं। कितनी क्षमता वाला भूकंप है वो महत्व पूर्ण नहीं हैं। मगर भुस्तर शास्त्रीयो का कहना हैं की एक छोटा सा भूकंप पानी के स्तर को   80   से   100   फिट नीचे ले जाता हैं ,   अब सवाल ये है कि भूकंप आते क्यों हैं। इस का एक मात्र जवाब हैं पर्यावरण में अस्थिरता । अस्थिरता क्यों हैं ?   जवाब हैं हमारी बेदारकारी और पर्यावरण के प्रति हमारी जाग्रति का अभाव। सो हमे आज के दिन प्रयत्न करना है कि हम कम से कम पर्यावरण को नुकशान करेंगे। आज के दिन मेरे और आप के द्वार

पढ़े लिखो ने मजाक किया: गर्भवती हथनी की मौत

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केरल,  शिक्षा  में समग्र देश में सबसे पहले नंबर पर आता हैं। अब सवाल ये हैं की क्या शिक्षा याने पढाई लिखाई और उस के ग्रेड को ही हम मानते हैं? केरल जैसे शिक्षित राज्य में एक गर्भवती हथिनी मल्लपुरम की सड़कों पर खाने की तलाश में निकलती है। क्यों की वहा अब जंगल ज्यादा नहीं हैं, n ही सर्कस के माध्यम से उन्हें खाने को मिल रहा हैं । समजिए की आज जो हालत गरीब एवं माध्यम वर्ग की है, वैसी ही हालत केरल में हाथियों की हैं । हमारी बात करे तो हम लोक डाउन के बाद शायद फंसे हुए हैं मगर ये हाथी जेसे विराट प्राणी तो जब से मेनका गाँधी ने सर्कस या खेल में प्राणियो के काम करने पर पाबंदी लगे हैं तबसे उन के यही हालत हैं । कुछ बेशर्म लोग गुमने गए थे, उन्हें एक भद्दा मजाक सुजा ।उन्होंने हथनी को  उसे अनन्नास ऑफर किया। वह हथनी उन मनुष्य पर भरोसा करके खा लेती है। वह नहीं जानती थी कि उसे पटाख़ों से भरा अनन्नास खिलाया जा रहा है। पटाख़े उसके मुँह में फटते हैं। उसका मुँह और जीभ बुरी तरह चोटिल हो जाते हैं। बात यहाँ ख़त्म नहीं होती।  अब हुआ ये की मुह में जख्म के कारण वो विवश थी । मुँह में हुए ज़ख्मों की वजह से वह क

सोचेंगे हम सोचेंगे...नई राह को पाएंगे

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गाना गाने में सहयोगी दो बाल कलाकार- रुचा एवं चारमी   बच्चो के साथ काम करने का मजा कुछ और होता हैं  ।  बच्चे सब से अलग हटकर सोचते हैं,हम जब किसी समस्या के समाधान के बारें में सोचते हैं तब हम विज्ञानं और पिजिक्स को सामने रखकर सोचते हैं! बच्चो में ऐसा नहीं होता  ।   समग्र देश से नवाचार भेजने वाले बच्चे और उनके सन्मान में हम कुछ जरा हटकर करना चाहते थे! हम ऐसा क्या करे, की बचचो को भी मजा आये और वो भी कुछ मजा कर  पाए ।  इस सोच ने हमे एक गाना तैयार करने का रास्ता दिखाया ।  हमारे लिए कुच्छ सवाल थे ओ सब के सामने खड़े थे ।  हमारी पहली समस्या थी के समग्र देश के लिए अगर कोई गीत बनाना है तो इसे किस भाषा में बनाया जाए । हमने इस गाने को हिंदी में बनाने का तय  किया ।  मेने गीत के शब्द लिखे, मेरे साथ काम करने वाली हमारी टीम के सदस्यों को ये गाना सुनाया गया । सृष्टि ओर्गेनाइजेशन  के चेतन को ये लिखा हुआ गीत हमने भेजा  ।  चेतन ने ये गाना पद्अमश्भीरी अनिल गुप्ता को दिखाया । श्री अनिल गुप्ता ने सुजाव दिया की इस में अब्दुल कलाम से जुदा कुछ जोड़ा जाए  । अंतिम पद में इस लाइनों को भी जोड़ा गया  ।  

પપેટ શૉ.

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પપેટ શૉ. પપેટ એટ્લે શું? પપેટના પ્રકાર કેટલા? પપેટના પ્રકાર ક્યા કયા? પપેટ  કેવી રીતે બનાવી શકાય? આ અને આવી અનેક બાબતો અંગે જાણવા માટે આ કાર્યક્રમનું નિર્માણ થયું. #GIET દ્રારા ચાર કાર્યક્રમની શ્રેણી તૈયાર કરી દૂરદર્શન પર રજૂ થઈ હતી. આશરે 15 વર્ષ પહેલાં તૈયાર કરેલ કાર્યક્રમનો વિડીયો મને મળ્યો. આપને શેર કરું છું. કદાચ આપ ન ઓળખી શકો એવુંય બને. પપેટના મુખ્ય પ્રકારમાં ગ્લોઝ પપેટ, ફિંગર પપેટ,સ્ટીક પપેટ અને લાકડાનાં દોરી વડે ચલાવવામાં આવતાં પપેટ.આ બધાં જ પ્રકારના પપેટ બનાવવા માટે શું જોઈએ અને શું કરીએ તો પપેટ બની શકે તે અંગે આ કાર્યક્રમમાં  આપ જોઈ શકશો. એ સમયે દૂરદર્શન ઉપર સવારે દસ થી અગિયાર વાગ્યા સુધી  શૈક્ષણિક કાર્યક્રમ આવતા હતાં. અમદાવાદ  132 ફૂટ રીંગ રોડ ઉપર હેલ્મેટ સર્કલ પાસે આવેલ ગુજરાત શૈક્ષણિક અને ટેકનોલોજી ભવન આવેલ છે. ત્યાં એક વિશાલ સ્ટુડિયો આવેલ છે. મારા મિત્ર અને મોટા ભાઈ એવા જયેશભાઈ પટેલ (રાજ વિદ્યાનગર પ્રાથમિક શાળા,કાંકરેજ. બનાસકાંઠા) સાથે અમે ચાર ભાગ બનાવ્યા. જો આ વિડીયો ઉપયોગી થયો હોય તો મને જાણ કરશો. બાકીના ત્રણ ભાગ હું શોધી રહ્યો છું. મળશે એટ્લે આપ ને

અકબર ભલે હો મહાન ....

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ઍક રાજા. એનું નામ અકબર. અકબર ઍક મહાન રાજા. ના... અહીં વાર્તા લખવાની નથી. પણ... કેમ અકબર કરતાં હું મહાન. આ અંગે આપ આ સાંભળશો તો જ સમજાશે. મારી ઍક કવિતા. અનેક વખત જાહેરમાં બોલવાનો અવસર મળ્યો છે. થયુ એવું કે મારા મિત્ર કાંતિભાઈ પરમાર મારા ઘરે આવ્યાં. સાથે એમનાં બાળકો લાવ્યા. પછી કહે પેલી અકબર વાળી કવિતા કહો ને...! મે કહ્યુ ભાઇ અત્યારે આ નાનાં બાળકો ને એ શું સમજાય. હુ બોલ્યો એટ્લે તુરંત એ નાનો કિરણ આખી કવિતા મારી સામે બોલી ગયો. છેવટે મે બોલી એનું એણે રેકોર્ડિંગ કર્યું અને મને મોકલી આપ્યું. આ કવિતા અનેક વખત અનેક મારા વકતવ્યોમાં બોલવાનો મને  અવસર મળ્યો છે. મારાં અનેક બાળગીતો અને ખાસ કવિતા પૈકી એક આ કવિતા આપને ગમે તો મને જણાવશો. જો આપને પસંદ ન પડે તો ક્યાં અને શું સુધારો કરવો એ અંગે પણ જાણ કરશો તો ગમશે. ભલે અકબર હો મહાન, એથી મહાન હું છું. એ હતો નવ નવનો ચાલીસનો સરતાજ હું છું. આ કવિતા સંભાળવા માટે  અહીં ક્લિક કરો.  

IGNITE फोरम

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IGNITE याने प्रजवलित करना।  अब्दुल कलाम सर से जुदा हैं ये सन्मान ।  हनी बी नेटवर्क एवं सृष्टि के मध्यमा से पिछले कुछ सालो से नॅशनल इनोवेशन फाउन्केडेशन के लिए बच्चो के लिए कार्यशाला का आयोजन हो रहा हैं  । दो दिनों की कार्किय शाला होती हैं  । कुछ संस्थाओ के माध्यम से भी ऐसी कार्य शाला का आयोजन होता हैं  ।  सृष्टि एवं हनी बी नेटवर्क जैसी संस्थान के स्थापक पद्म श्री अनिल गुप्ता  इस प्रतियोगिता को ओन लाइन फोर्मेट से दुनिया के सभी बच्चो को जोड़ने का ख्वाब देखते  । हैनिस काम के लिए आइआइएम में एक कार्य शाला का आयोजन हुआ  ।   इस काम में मुझे भी जुड़ने का मौका मिला  । हमने सोचा की पद्म श्री अनिल गुप्ता सर की इस कार्यशाला को कार्टून फोर्मेट में एनिमेशन के माध्यम से आगे बढाए ।  इस कार्य शाला के बाद स्थानीय चेनलो ने इंटरव्यू किये  ।  श्री गुप्ता सर के क्या विचार है,और इसे केसे आगे बढाया जायेगा इस जानकारी के लिए आप निचे डी गई लिंक से जानकारी प्राप्त करें ।   सृष्टि और Honey Bee नेटवर्क जैसी संस्थाओं के स्थापक प्रो. अनिल गुप्ता सर के माद्यम से हम आगे कदम करते गये। मुझे खेद हैं की किसी कार

सृष्टि सन्मान

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भारत के प्रथम नागरिक  राष्ट्रपति। उन का अगर निमंत्रण मिलता है तो हमारे लिए गर्व की बात हैं। पद्म श्री अनिल गुप्ता सर के माध्यम से मुझे ये मौका मिला  ।सृष्टि के माध्यम से मुझे वहा सृष्टि सन्मान मिलाने वाला था  ।    मुझे  निमंत्रण मिला। उस वर्ष मुझे सृष्टि सन्मान मिला। इस सन्मान से पहले एक न्यूज़ चेनल ने मेरा इंटरव्यू किया। एक दोस्त ने वीडियो मुझतक पहुँचाया। आप भी इस वीडियो को देखिए। भाषा में नवाचार को वर्ल्ड रिकोर्ड में स्थान मिला । मेने संयुक्ताक्षर के बगेर कहानिया लिखी  । कहानियो के माध्यम से गणित और विज्ञानं भी पढाता था  । गणित एवं विज्ञान सिखाने के संशोधन के बाद द्रितिश काउन्सिल ने मुझे मानद डोक्टरेड से सन्मानित किया । अब बारी थी राष्ट्रपति भवन में सन्मान की । मेरे इस सन्मान से पहले मेरा इंटरव्यू चेनल ने किया  । ये वीडियो कहीं से एक दोस्त ने खोज निकला और मुझे भेजा ।आज कुछ सालो बाद में इसे आप के सामने रख रहा हूँ ।आशा है, आप को भी ये वीडियो पसंद आएगा  । मेरे काम से जुड़े न्यूज़ के लिए  आप यहाँ क्लिक करें...