सोचेंगे हम सोचेंगे...नई राह को पाएंगे

गाना गाने में सहयोगी दो बाल कलाकार- रुचा एवं चारमी  

बच्चो के साथ काम करने का मजा कुछ और होता हैं । बच्चे सब से अलग हटकर सोचते हैं,हम जब किसी समस्या के समाधान के बारें में सोचते हैं तब हम विज्ञानं और पिजिक्स को सामने रखकर सोचते हैं! बच्चो में ऐसा नहीं होता  

समग्र देश से नवाचार भेजने वाले बच्चे और उनके सन्मान में हम कुछ जरा हटकर करना चाहते थे! हम ऐसा क्या करे, की बचचो को भी मजा आये और वो भी कुछ मजा कर  पाए। 

इस सोच ने हमे एक गाना तैयार करने का रास्ता दिखाया हमारे लिए कुच्छ सवाल थे ओ सब के सामने खड़े थे। हमारी पहली समस्या थी के समग्र देश के लिए अगर कोई गीत बनाना है तो इसे किस भाषा में बनाया जाएहमने इस गाने को हिंदी में बनाने का तय  किया मेने गीत के शब्द लिखे, मेरे साथ काम करने वाली हमारी टीम के सदस्यों को ये गाना सुनाया गया। सृष्टि ओर्गेनाइजेशन  के चेतन को ये लिखा हुआ गीत हमने भेजा  चेतन ने ये गाना पद्अमश्भीरी अनिल गुप्ता को दिखाया। श्री अनिल गुप्ता ने सुजाव दिया की इस में अब्दुल कलाम से जुदा कुछ जोड़ा जाए । अंतिम पद में इस लाइनों को भी जोड़ा गया  तक इस का कोम्पोजीशन तैयार नहीं किया था! ये काम भी हमे करना था! मेने इस गाने को कोम्पोज किया, अब इस गाने को रिकोर्ड करना था मेरे साथी,सहयोगी एवं मित्र श्री के.वि.पटेल (महेसाणा) ने इस के लिए तैयारी दिखाई। हमने महेसाणा में स्टूडियो बुक किया। हमारे साथ गाने वाले बच्चे जुड़े। बच्चो ने एक साथ मिलकर इस गाने को पांच घंटो में फाइनल रिकोर्ड कर दिया।आप को ये गाना सुनने में अवश्य मजा आएगा। में सभी साथियों का नाम इस लिए नहीं लिख रहा की,आप जो वीडियो देखेगे उस में सभी के नाम दिए गए ।हैं हमारी ' गमती निशाल ' में बच्चे इस गाने को रोज सुबह गा रहे हैं।  नई दिशा और नि सोच के लिए प्रोत्साहित करने वाला ये गीत आप सुने और इसे अवश्य फेलाए । आप इस गाने को सुनने एवं देखने के लिए करें

गीत सुनने के लिए क्लिक करे।

सोचेंगे हम सोचेंगे...

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