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Showing posts from December, 2018

स्मार्ट फोन की स्मार्ट जानकारी

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सेल्फी कैमरा के बगल में क्या होती है कैमरे जैसी दिखने वाली चीज़, काम जानकार उड़ जाएंगे आपके होश  आप स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं तो आपने देखा होगा कि सेल्फी कैमरा की दूसरी तरफ दो छोटे कैमरे जैसे दिखने वाले सेंसर लगे होते हैं, ज्यादातर लोगों को ये सेंसर नहीं बल्कि कैमरा ही लगता है लेकिन असलियत में इन्हें प्रॉक्सिमिटी सेंसर बोलते हैं। आपको बता दें कि ये सेंसर हमारे स्मार्टफोन के लिए बेहद ही जरूरी होते हैं और अगर ये ना हों तो हमारे स्मार्टफोन की बैटरी जल्दी ही खत्म हो जाएगी। जानिए क्या होता है काम आपने गौर किया होगा कि जब आप किसी से कॉल पर बातें करते हैं तो आपके स्मार्टफोन का डिस्प्ले अपने आप ही बंद हो जाता है और जैसे ही आपका फोन कट होता है वैसे ही स्मार्टफोन की डिस्प्ले अपने आप ऑन हो जाती है। ऐसे में आज हम आपको बता दें कि ये सब प्रॉक्सिमिटी सेंसर की वजह से ही होता है। यह सेंसर आईआर ब्लास्टर होता है जो कॉल आने के दौरान जैसे ही आप स्मार्टफोन को अपने कान के पास लगाते हैं वैसे ही फ़ोन की डिस्प्ले को ऑफ कर देता है। बता दें कि प्रॉक्सिमिटी सेंसर आपके फोन क

।। भुनसारे चिरैया काय बोली ।।

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मेरे दोस्त, बुजुर्ग दोस्त। वीरेंद्र दुबे जी। Ignus. org के सक्रिय स्थापक सदस्य और साथी। हमने कई साल साथमें काम किया, आज भी हम उनसे संपर्क में हैं। आज भी काम करते हैं,उनसे सीखते हैं। दुबे जी की लेखन शैली आप को पसंद आएगी।  चिरैया काय बोली बरसों बाद रोज की आहट से हटकर बचपन के रोज की तरह गौरैया की चहचहाहट ने नींद खोली सपने से जागने से वे अनमने क्षण सहसा आ धमके आमने सामने ।। कहाँ चली गयीं सबकी सब एक एककर निगल गयीं तुमको भी उन्नति हरियाली खुशहाली कहती कपटी कवायतें आज अचानक कहाँ से आ चहकीं ? आ गयीं अपने पुराने घर नहीं रहा घरौंदा पर ।। खूब खूब चमकीले पानीदार दानों भर तुम्हारा जी भर सुस्वागतम , तुम्हारे साथ साथ कोहरे में आंख मलते चली आने वाली आने वाली ठिठुरती सुबह का भी ।। सरकुम: चिड़िया छोटी होती हैं। नाजुक ओर प्यारी होती हैं। मेरी एक चिड़िया हैं, देश परदेश गुमती हैं। देशमें प्यार जताती हैं, विदेश में डाटती हैं। आप मेरे लिए सदैव के लिए ming you हैं। गलती किये महीनों हुए, अबतो सुधर चुके हैं। मेने काम और जीवन को आगे डेवेलोप करनेका प्लान किया हैं। साथ जुड़ के

मेरे दिलमे तेरी धड़कन...

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एक बच्चा। जो मर रहा था। उसका हार्ट किसी ओर को दिया गया। मरने वाले का नाम जॉन स्मिथ था। उसकी मम्मी का नाम रेलया जिम ओर जिसे हार्ट दिया गया उस लड़कीका नाम सोजन्वे। आप जो तस्वीर देखते हैं, उस तस्वीर में एक माँ अपने बच्चे की हार्टबीट किसी ओर के शरीर में पहली बार सुन रही हैं। इस से अधिक यहाँ मेरे लिए लिखना सम्भव नहीं हैं। सरकुम: जिसे हम प्यार करते हैं उस को हम बिना बोले ही समज लेते हैं। जिनसे प्यार करते हैं उनकी धड़कन भी हम महसूस करते हैं। 

साधुओं के ड्रेस में फैशन...👍

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जीवन क्या हैं। एक तरफ खुशी और एक तरफ विश्वास। जो लोग अपने जीवन के रंग बना देते हैं, उनका चित्र आगे जाके बहोत सारे सफलता का रंग अच्छा हॉग हैं। आप जो तस्वीर देखते हैं और आपको लगता होगा कि मुजे भी ऐसी फोटो खिंचाने का मौका मिले। जी आप को इस के लिए उदयपुर जाना हैं। यहां ऐसे महतो को नया लुक उनके पंथ के नाम से वैसे ही कपड़े डिजाइन करते हैं जो लोग वो आर्य फेब्रिक आर्ट के नामसे संतो महतो को उनकी डिजाइन फशन डिजाइनर काम करते हैं। शंकरेश्वर दास इस फोटो में दिखस्ता हैं। आप भी आपकी बात उनतक पहुंचाओ आप के लिए भी आर्य समाज की पहनावा आएगा। आए गेरंटी के आप यहां काम करते हैं तो काम अच्छा होगा। आज यहाँ नवाचार के माध्यम से आगे बढ़ा हैं। सरकुम: मेरा ड्रेसकोड कन्फॉम हैं। जिसन मेरी पहचान बनाई हैं। पेंट ओर शर्ट साथ में सूज।

बेरहमी के उदाहरण...

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दोस्तों इतिहास में कई ऐसे योद्धा हुए है जो दिल के बहुत ही उदार इंसान थे। जिनके मरने के बाद भी लोग उनको याद करते रहे हैं। लेकिन इसके विपरित कई सारे ऐसे भी क्रूर यौद्धा हुए हैं। जिनको खून की नदिया बहाना पसंद था। जिनके सामने जाने मात्र से ही इंसान की डरकर जान निकल जाती थी। इन योद्धाओं के इशारों पर कई लोगों का कत्ल कर दिया जाता था। आज आपको इस आर्टिकल के माध्यम से ऐसे कुछ लोगों के बारे में बता रहे है। जिनके पास रहम नाम की कोई चीज नहीं थी। 1-तैमूर लंग – तैमूर लंगड़े के बारे में बता दे कि वह किसी राजवंश की पैदाइश नहीं था। लेकिन इस लंगड़े ने अपनी तलवार के दम पर भारत सहित दक्षिण, पश्चिम और मध्य एशिया पर राज किया था। इसके बारे मे कहा जाता है कि इस लगंड़े ने दिल्ली में एक ही दिन मे लाखों लोगों को मार दिया था। लोग इसके सामने आने से भी कतराते थे। 2-गायक जूलियस सीज़र – यह शख्स कहने मात्र को तो एक गायक था। लेकिन इसकी क्रूरता इतनी थी कि इसने अपने आप को भगवान घोषित कर दिया था। कहा जाता है कि जिसने में भी इसको भगवान मानने से इंकार कर दिया। इसने उन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी

एक बच्चे की बात...

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आपने हंसमुख लोग तो बहुत देखे होंगे। बात-बात पर हंसने वाले लोग भी देखे होंगे, लेकिन अगर आपके सामने कोई लगातार बस हंसता ही रहे तो? यकीनन आप उसे पागल बोलेंगे। लेकिन आज जो बात हम आपको बता रहे हैं, ये वाकया बहुत अलग है। इंग्लैंड की खबर ने सबके होश उड़ा दिए हैं। यहां एक 2 साल के बच्चे को आ रहा दौरा हर किसी के दिमाग को सन्न कर रहा है। चलिए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला।  इंग्लैंड के सोमरसेट में एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां 2 साल के बच्चे के साथ कुछ ऐसा हुआ जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। यहां बच्चे के लगातार हंसने का मामला सामने आया है। बच्चे की हंसी पिछले 17 घंटे से नहीं रूक रही थी। बच्चे को 17 घंटे तक लगातार हंसता हुआ देख माता-पिता डर गए। उन्होंने बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना जरूरी समझा। माता-पिता जब बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर गए तो सामने आई वजह चौंकाने वाली थी। दरअसल, डॉक्टर ने बच्चे का सिटी स्कैन किया, सिटी स्कैन से पता चला कि वह ब्रेन ट्यूमर का शिकार है। ब्रेन में ट्यूमर होने की वजह से उसके दिमाग में लगातार हलचल पैदा हो रही थी। इसी वजह से बच्

सुंदरता या...

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नमस्कार दोस्तों आप सभी का एक बार फिर से मेरे लेख में स्वागत है, तो दोस्तों जैसे की आप सभी तो जानते ही है की इस दुनिया में कितने प्रकार के लोग रहते है और हर एक प्रकार के लोग जो है उनका रहन सेहन और सभी कुछ अलग अलग होता है. तो आज जो तस्वीरें में आप सभी के सामने ले कर आया हुं उन्हें देखकर आप सभी की समझ में भी आ जायेगा की जैसे आज के जमाने में महिलाये मेकअप करती है और अपने आप को सुंदर सोचती है तो वैसे ही दुनिया में कई ऐसी प्रथाएं है जिन्हें अगर कोई देख ले तो हैरान ही रह जाए ये देखकर की महिलाओ को सुंदर दिखने के लिए क्या क्या करना पड़ता है. चलिए दोस्तों तो शुरू करते है और दिखाते है आपको कुछ ऐसी ही तस्वीरें. दोस्तों अापने लोगों को देखा होगा जो की ऐसी लड़की ढूंढते है जो की सुंदर हो और सुंदर से उनका अभीपराये होता है की गोरी हो और सुंदर हो देखने में. पर हर जगह ऐसा नहीं होता है, इंडोनेशिया में एक ऐसी जगह है जहाँ पर आज भी महिलाओ की सुंदरता को उनके दाँतो के हिसाब से आँका जाता है. जिस महिला के दाँत जितना नोकीले होंगे वो महिला उतनी ही सुंदर. और अपने दाँतो को ऐसे करवाने के लिए महिलाओ को

जीवंत जीवन ऐसा होता हैं...

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बच्चे को माता-पिता ने राक्षस समझ कर छोड़ दिया था,एक महिला ने सहारा दिया,फिर क्या हुआ पढ़े। नाइजीरिया के एक गांव में एक 2 साल का लड़का बिलकुल हड्डियों के ढ़ांचे में तब्दील हो गया था. उसके माता-पिता ने उसे अशुम, राक्षस मानकर सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया था. माता -पीता के अंधविश्वास की सज़ा एक मासूम बच्चे को यह मिली की वह बच्चा भूख के मारे कचराकुंडियों जो कुछ मिल जाता था खा लेता और अपनी भूख मिटाने की कोशिश करता रहता था. नाइजेरिया में मानवतावादी संघठन में काम करनेवाली अंजा रिंगरेन लोवेन ने इस बच्चे (होप) को जब देखा तो भूख और प्यास से बेताब था. अंजा ने उसे पानी पिलाया और खाना खिलाया. फिर उसे अस्पताल ले गई उसका इलाज करवाया. बच्चे के शरीर में कीड़े पड़ चुके थे. अंजा ने फिर उसे अपने 'अफ्रीकन चिल्ड्रेन्स ऐड एजुकेशन एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन' द्वारा चलायें जा रहे बाल विकास केंद्र में शामिल किया और अब वह वहां दूसरे बच्चों के साथ खुश और स्वस्थ हैं. अंजा ने उसे स्कूल में भी दाखिल कर दिया हैं और वह अब पढ़ाई कर रहा हैं. अंजा ने स्वंय एक नाइजेरियाई व्यक्ति से विवाह किया है

एक IDEA...

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में रोजाना 300 से 400 Km यात्रा करता हूँ।कम्पनी ओर बात करने हेतु में यात्रिओ को गाड़ी में बिठाता हु। ज्यादातर लोग गाड़ी में बंध कांच के साथ यात्रा कर सकते हैं। मगर कुछ लोगो को दिक्कत होती है।  यात्रा के दौरान गाड़ी में उल्टी होना आजकल आम बात हो गई है। पहले से ज्यादा इस समस्या के बढ़ने की वजह है हमारा खानपान और हाल ही में बढ़ा प्रदुषण और गाड़ी में होने वाली घुटन। मुजे बन्ध कांच की आदत हैं। कुछ लोगो को आदत नहीं होती हैं। आपको पता ही है कि उल्टी होने की समस्या के कारण बहुत से लोग सर्दियों व गर्मियों में चाहते हुए भी वातानुकूलित बसों या गाड़ियों में सफर नहीं कर सकते, क्योंकि गाड़ी के पूरी तरह से बंद होने से घुटन महसूस होने लगती है और उल्टी होने की संभावना बढ़ जाती है। आप इससे परेशान ना हों क्योंकि हम आज आपको बतायेंगे कि कैसे आप सफर में होने वाली उल्टी को रोक सकेंगे। इस बात के जवाब में एक उपाय है। सफर के दौरान होने वाली उल्टी को रोकने के लिए आपको चाहिए सिर्फ माचिस की एक तीली। तीली के आगे का लाल वाला हिस्सा जो फास्फोरस से बना होता है, उसको तोड़कर फेंक दें और बाकी बचे

एक व्यवस्था: किन्नर

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आम आदमी के जन्म से लेकर मृत्यु तक अलग अलग धर्मों के अलग अलग रीती रिवाज होते हैं। जो लग भग हर कोई जानता है क्योंकि इनके रीती रिवाज को हर कोई देख सकता है। लेकिन आज आपको किन्नरों के अंतिम संस्कार को लेकर कुछ जानकारी देंगे जो बहुत ही कम लोग जानते हैं। जी हाँ दोस्तों, कहा जाता है कि किन्नर की दुआओं में बहुत जल्दी असर होता है।  अगर किसी घर में किसी बच्चे का जन्म होता है तो वहां किन्नर जरूर जाते हैं और बच्चे को अच्छे जीवन की दुआएं देते हैं। आपको बतादें किसी किन्नर के मरने पर उसके अंतिम संस्कार आम आदमी के अंतिम संस्कार के विपरीत होता है और इनका अंतिम संस्कार रात में किया जाता है ताकि आम आदमी देख न सके। इनका मानना है यदि कोई व्यक्ति किन्नर का अंतिम संस्कार को देखेगा तो वो किन्नर फिर से किन्नर का ही जन्म पाता है। किन्नर के अंतिम संस्कार के पहले मजूद सभी किन्नर बॉडी को जूते चप्पल से भी पीटते हैं। अब आपके मन में ये सवाल जरूर उठेगा कि आखिर किन्नर के अंतिम संस्कार के पहले बॉडी को क्यों पीटते हैं जूते चप्पल से।  दोस्तों, ये सच्चाई जानकर आपको हैरानी होगी कि किन्नर ऐसा इसलिए करते

दो बहनें

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एक और ऐसी कहानी दो बहनों पूनम और कोमल की है । इनकी भी स्थिति बहुत खराब थी। दोनों बहनों की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि ये लोग अपनी शिक्षा भी जारी नहीं रख पाए थे, घर की हालात भी ठीक नहीं थी।  ऐसे में इनके लिए PMKVY एक उम्मीद की किरण बनकर आया। दोनों बहनों ने पीएमकेवीवाई से कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम किया। कौशल प्रशिक्षण के बाद अब दोनों बहने कपड़ा कंपनी के कर्मचारी के रूप में काम कर रही हैं । अब न केवल वे खुशी से अपने परिवारों का समर्थन व सहयोग करते हैं लेकिन बल्कि दोनों बहने उन महिलाओं के लिए एक आदर्श मॉडल बन गईं हैं जो अपने कौशल के माध्यम से आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना चाहते हैं। कुल मिलाकर कहें तो पीएमकेवीवाई, हर युवा और भारतीय महिला के लिए उज्ज्वल कल का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। यह सिर्फ परिवर्तन और उपलब्धियों की कहानियां भर नहीं हैं, बल्कि हर युवाओं/ महिलाओं को सही दिशा के साथ उन्हें कौशल युक्त और बेहतर आजीविका संपन्न बनाना है। सरकुम: सरकार के लिए कोई पार्टी का मतदार नहीं होता। योजना सब को मिलती हैं। हमें उसका लाभ लेना चाहिए। फिर ऐसा न हो कि कोई कहे ' सरकार ने उसे

एक ऐसी भी कहानी...

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हमारा देश सभी धर्मों का सन्मान करता हैं। हर धर्म को पहचानने के लिए हम सब ने अपने दिमाग में कई तस्वीरें बना रखी हैं। अगर किसी व्यक्ति ने पगड़ी पहन रखी हैं तो वह पंजाबी ही होगा या किसी ने अगर धोती पहनी हैं तो वह हिन्दू होगा या फिर किसी व्यक्ति ने अगर टोपी लगायी हैं और दाढ़ी रखी हैं तो वह मुसलमान ही होगा लेकिन यह सब हमारे दिमाग का सिर्फ एक मज़हबी फ़ितूर मात्र हैं।पर कभी आपने सोचा कि मुस्लिम सिर्फ दाढ़ी क्यों रखते हैं मूछें नहीं? आईएं आज हम आप को बताते हैं मुस्लिम धर्म से जुड़ी एक दिलचस्प बात। कहा जाता हैं कि हिन्दू धर्म ही सबसे पुराना और सनातन धर्म हैं।  हिन्दू धर्म का इतिहास कितना पुराना हैं इस बात की पुष्टि अभी तक नहीं हुई हैं, वही इस्लाम धर्म लगभग 1400 साल पुराना हैं।वेद व्यास जी अभी तक 18 पुराण लिख चुके हैं और भविष्य पुराण उनमे से एक हैं। हिन्दू धर्म के अंतर्गत कई तरह के पुराण और ग्रन्थ लिखे गए हैं और उन्ही ग्रन्थों में से एक भविष्य पुराण में इस्लाम से जुड़ी भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी। इस पुराण में लगभग 50000 श्लोक थे लेकिन तक्षशिला विश्व विद्यालय में रखे इस ग्रन्थ को मुग़ल शासन काल में जल

स्किल ओर योजनाए

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दुनिया  ये  मानकर चल रही रही है कि एक अरब का देश भारत  …आने वाले दौर में शक्तिशाली होने वाला है।  लेकिन वास्तविकता ये है कि  देश की आधी आबादी अब भी कुशल होने के लिए संघर्ष कर रही है,…इसलिए लगता है कि ये  ये सपना बहुत दूर है। इस वास्तविकता को हकीकत में बदला जा सकता था और यही वजह है कि भारत सरकार ने इस चुनौती को प्रमुखता के साथ स्वीकार कर लिया है किसी  ने एक प्रसिद्ध कहावत  कहा है कि ‘ एक बार को  मोटर्स के बिना उड़ना संभव है, लेकिन ज्ञान और कौशल के बिना ये असंभव है “।  यही स्किल यानी कौशल ,सभी मिशनों की रीढ़ की हड्डी या कहें  अहम भूमिका अदा करती है और एक देश विकास  केवल तभी कर सकता है जब उसके कर्मचारियों में तकनीकी, औद्योगिक और सॉफ्ट स्किल का सबसे अच्छा ज्ञान हो। या कहें वो तकनीकी रूप से कौशल हो। 2015 में, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने कौशल भारत कार्यक्रम  का आगाज किया । इस मिशन के तहत, भारतीय युवाओं के लिए उनके पेशेवर कौशल को  और बेहतर तरीके से पॉलिश करने का सर्वोत्तम मंच पेश किया । स्किल इंडिया का मकसद ही भारत भर में  व्यावसायिक प्रशिक्षण देना है  …इस योजना का मकसद भारत के

लोग हैं...

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तू अपनी खूबियां ढूंढ, कमियां निकालने के लिए                                     लोग हैं | अगर रखना ही है कदम तो आगे रख, पीछे खींचने के लिए                                     लोग हैं | सपने देखने ही है तो ऊंचे देख, नीचा दिखाने के लिए                                     लोग हैं | अपने अंदर जुनून की चिंगारी भड़का, जलने के लिए                                     लोग हैं | अगर बनानी है तो यादें बना, बातें बनाने के लिए                                  लोग हैं | तू बस संवार ले खुद को, आईना दिखाने के लिए                                     लोग हैं | खुद की अलग पहचान बना, भीड़ में चलने के लिए                                     लोग है | तू कुछ करके दिखा दुनिया को, तालियां बजाने के लिए                                     लोग हैं |

मेरा संपर्क करो...

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साथ में प्रेस नोट हैं। प्रेसनोट में लिखा हैं कि एक शिक्षक उल्टा लिख भी सकते हैं। पढ़ भी सकते हैं। उन्होंने लिम्का रिकॉर्ड के लोए आशा व्यक्त की हैं। मेरे उनसे कोई सीधा संपर्क नहीं हैं। मगर वो अगर रिकॉर्ड करना चाहते हैं और कोई अड़चन हैं तो मेरा संपर्क करे। ऐसे अध्यापक ओर नवाचार या नई बात करने वालो को यथायोग्य स्थान पर पहुंचाने के विचार के साथ हम 7रँगी स्किल फाउंडेशन चला रहे हैं। हमारे सभी स्थापक सदस्य इस बात पे जोर लगाए हुए हैं कि हमे ऐसी स्किल वाले लोगो को खोजना हैं। कुछ दिनों पहले मे whats aep से थोड़े समय दूरी बनाए हुए था। उत्तर प्रदेश से मेरे मार्गदर्शक ओर मित्र डॉ. अवनीश यसद्व ने मुजे कहा था। आप ये बन्ध न करो। बहोत सारे लोग हैं जो तुमसे सिखाते हैं, जुड़ना चाहते हैं। ऐसे कुछ और साथी भी थे जिन की आज्ञा से मैने whats aep फिरसे शुरू किया हैं। उनके हर सूचना को अमल किया हैं। ओट ऐसे ही इस सोसियल मीडिया के माध्यम से ऐसी स्किल को खोजने में जुटे रहेंगे। सरकुम: स्किल हैं तो पहचान हैं। पहचान हैं तो नाम हैं ओर रहेगा। नाम हैं तो काम मिलेगा और मिलता रहेगा। हुकुम मानो या न मान

21वीं सदी में भारत

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21वीं सदी में भारत की प्राथमिक शिक्षा नीतिगत बदलाव के दौर से गुजर रही है. इस नीतिगत बदलाव की कहानी को आगे बढ़ाने के लिए अनेक कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं. कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए रणनीतियों की शृंखला बनाई जा रही है. इस सभी का उद्देश्य एक है कि शिक्षा के क्षेत्र में सीखने के संकट (लर्निंग क्राइसिस) का समाधान कैसे खोजा जाए? शिक्षा का अधिकार कानून 2009 लागू होने के बाद से स्कूलों में बच्चों का नामांकन बढ़ा है. स्कूलों में बच्चों का ठहराव सुनिश्चित करने और बच्चों का प्रदर्शन बेहतर करने की रणनीतियों पर अमल की कोशिशें हो रही हैं. शिक्षा को आनंददायक बनाने के प्रयासों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. स्कूलों में भयमुक्त वातावरण बनाने की रणनीतियों पर विमर्श हो रहा है. स्कूल और समुदाय के बीच संवाद शुरू करने के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति को सक्रिय बनाने. बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों को स्कूल में बुलाने और बच्चों की शैक्षिक प्रगति से उनको अवगत कराने की बात हो रही है. शिक्षा को बच्चों के मौलिक अधिकार के रूप में देखने की कोशिश हो रहा है ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे. हर बच्चे को

अनोखे बच्चे...

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छोटे बच्चों को में IGNITE कहता हूं। ऐसे बच्चों को में वयार करता हु। जो कुछ अलग सोचते हैं,कुछ अलग करते हैं। एक बच्ची ने हमारे लिए कागज की पेन बनाई। सबसे कम उम्र के फैशन किड्स से लेकर म्यूजिक कॉम्पोजर तक के विचार और रिकॉर्ड के लिए हम तक पहुंच रहे हैं एक छोटी सी बच्ची रोज पंखीओ को दाने देती हैं, साथ में हर एक पंखी को नाम से बुलाती हैं। पंखी आते हैं और उसका मानते हैं।  आसाम का एक बहादुर लड़का अपने साथी को बचाने के लिए पानी मे कूद जाता हैं। आगे जाके एक पथ्थर पकड़कर बैठता हैं और इस के दोस्त के आने का इंतजार करता हैं। दोनो आज जिंदा हैं। ऐसे बहोत सारे बच्चे हम से जुड़ रहे हैं।हम आशा हैं हमारे पहला संस्करण अच्छे से प्रकाशित होगा। सरकुम: मेरे iGNITE के लिए में कुछ भी करूँगा। जिनकी मेने जिम्मेदारी ली हैं, उनके निभाने में में अगर कहि कम कर पायहु तो उसे पूरा करने को अभी भी तैयार हु।जो होगा अच्छा होगा। जो चाहत थी वो नहीं हो पाया महर होगा।

एक बाप ऐसा...

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आपको पता ही होगा कि दुनिया में आए दिन तरह तरह की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं और उनमें से कुछ खबरें फेक होती हैं तो वहीं कुछ कभी हकीकत भी होती हैं। लेकिन आज हम आपको जिस खबर के बारे में बताने जा रहे हैं पूरी तरह हकीकत और पूरी खबर जानने के बाद आप भी इस युवक तारीफ करेंगे जिसने अपनी बेटी को शर्म से बचाने के लिए खुद शर्मिंदा होने का फैसला ले लिया। बात ऐसी हैं कि... अमेरिका में स्थित एक स्कूल में 16 साल की बच्ची ने अपने यूनिफॉर्म में ही पेशाब कर दियाम जिस वजह से स्कूल वालों ने उसके पिता को फोन करके सूचित किया एवं उसे घर ले जाने के लिए स्कूल बुलाया। बच्ची का पिता जैसे ही स्कूल पहुंचा तो उन लोगों ने देखा कि उसके पिता की भी पेंट गीली थी एवं स्कूल वालों को समझते देर ना लगी कि आखिर पूरा माजरा क्या है। इसके बाद युवक अपनी बेटी से मिला एवं उसे बाहर खड़ी गाड़ी में बिठा दिया और फिर उसका बैग लेने अंदर आया तो पूरा स्कूल प्रशासन ताली बजाने लगा। युवक ने बताया कि मैंने अपनी बेटी को शर्मिंदगी से बचाने के लिए ऐसा किया था ताकि उस मासूम के दिमाग में यह कभी ख्याल ना आएगी उसने

प्लास्टिक सर्जरी...

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डॉक्टर डेविड मैट्लॉक का नाम अमेरिका के जाने माने प्लास्टिक सर्जनों में शुमार है. लॉस एंजेलिस में इनका बड़ा सा क्लिनिक है. इनका स्पेशलाइजेशन लेज़र वजाइनल रिजुवनेशन है और सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि डेविड ने दुनिया के 70 से ज़्यादा देशों से पेशंट्स देखे हैं. हॉलीवुड के कई मशहूर सितारे भी इनके पेशंट रहे हैं. डॉ. डेविड मैटलॉक डेविड अपनी सर्जरी की तकनीकें खुद ही डिज़ाइन करते हैं. यही तकनीकें उन्होंने आज़माई अपनी पत्नी वेरॉनिका पर. उन्हें अपने सपनों जैसी सुंदर बनाने के लिए. वेरॉनिका और डेविड की पहली मुलाकात डेविड के क्लिनिक में हुई. बेटी इसाबेला को पैदा करने के बाद वेरॉनिका वजाइनल रिजुवनेशन करवाने आई थीं. डेविड ने उनसे पूछा कि क्या वह एक ‘वंडर वुमन मेकओवर’ भी करवाना चाहेंगी? जिसमें शरीर के अलग हिस्सों का लाइपोसक्शन (चर्बी निकालना) होता है. डेविड कहते हैं, ‘मैं जो कुछ करना चाहता था, वह उन सबके लिए तैयार थी. यहां तक की शादी भी.’ पहली डेट पर ही डेविड ने वेरॉनिका को शादी के लिए पूछ लिया. पहले ऐसी दिखती थींं वेरॉनिका डेविड खुद अपने लुक्स और बॉडी का खास ध्यान रखते हैं. उन्होंने कई बार