लोग हैं...
तू अपनी खूबियां ढूंढ,
कमियां निकालने के लिए
लोग हैं |
अगर रखना ही है कदम तो आगे रख,
पीछे खींचने के लिए
लोग हैं |
सपने देखने ही है तो ऊंचे देख,
नीचा दिखाने के लिए
लोग हैं |
अपने अंदर जुनून की चिंगारी भड़का,
जलने के लिए
लोग हैं |
अगर बनानी है तो यादें बना,
बातें बनाने के लिए
लोग हैं |
तू बस संवार ले खुद को,
आईना दिखाने के लिए
लोग हैं |
खुद की अलग पहचान बना,
भीड़ में चलने के लिए
लोग है |
तू कुछ करके दिखा दुनिया को,
तालियां बजाने के लिए
लोग हैं |
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