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Showing posts from February, 2020

स्कुल कैसे हो...

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आज कल अब रॉड पे बड़े पोस्टर लगेंगे। हमारी स्कुल में इतना बड़ा केम्पस हैं। हम इंटर नॅशनल स्कुल हैं। हम ये करते है, वो करते हैं। कुछ लोग अपनी स्कुल को अलग दिखाते हैं। परमिशन गुजरात सरकार के नियमो से लेते है और पाठ्यक्रम हर सत्र के बाद बदलते हुए अपने आप को, अपनी स्कुल को अभिनव दिखाने का प्रयत्न करते हैं। जैसे CBSC: सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एज्युकेशन। इसका मतलब है कि सेकंडरी स्कूल ही CBSC हो सकती हैं।अगर ऐसा है तो कक्षा 1 से 5 को कोण CBSC कह सकता हैं। मगर पेरेंट्स कुछ नहीं देखते। जैसे इंटरनॅशनल: इंटर नॅशनल का सीधा मतलब है आंतर राष्ट्रीय। जो स्कुल अपने आप को इंटर नॅशनल स्कुल कहते है उन की अपने देश को छोड़ियो अपने शहर में भी दूसरी ब्रांच नहीं होती। मगर पेरेंट्स कुछ नहीं देखते। जैसे जॉय फूल: एप्रिल फूल जैसा ये शब्द पैरंट्स के लिए शायद यही अर्थ लेकर आता हैं। जहाँ बच्चो को उन की उम्र के अनुसार आनंद मिले ऐसा होना चाहिए। आनंद के साथ वो कुछ जानकारी से अवगत हो। मगर ऐसी स्कुल हो तो कोई बात नहीं, सिर्फ ऐसा नाम लिखकर पैसा लेते हैं। मगर पैरंट्स कुछ नहीं देखते। जैसे ड्युअल लेंग्वेज: ब

अमेरिका में रूमा देवी का सन्मान...

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न्यूयाॅर्क में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास ने ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान की अध्यक्ष रूमा देवी जी को आमंत्रित कर सम्मानित किया जहां उन्होंने एक कार्यक्रम में अमेरिकन प्रतिनिधियों को संबोधित कर राजस्थान की शिल्प कलाओं के विकास पर वार्ता की। कौंसल जनरल आॅफ इंडिया के प्रमुख संदीप चक्रवर्ती ने इस दौरान उम्मीद जताई कि अमेरिका के हाई स्कुल व कालेज विद्यार्थी भारत में बाङमेर जाकर हमारे आर्ट ओर क्राफ्ट का अध्ययन करेंगे। जिसके फलस्वरूप अमेरिका के हाई स्कुल व कालेज अपने पाठ्यक्रमों में इसे शामिल कर पढा सकेंगे। कार्यक्रम में पर्यटन व शिक्षा के क्षेत्र से संबंधित प्रतिनिधि मंडल को संस्थान के सचिव विक्रम सिंह ने पावर प्रजेंटशन के माध्यम से बाङमेर व राजस्थान की विभिन्न सांस्कृतिक धरोहरों पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।इस वख्त 7स्किल कीबोर्ड से मुझे जुड़ने का मौका मिला। वहीं मैंसाचुसेट्स स्टेट के नीमध शहर की पब्लिक लाइब्रेरी में राजस्थान की शिल्प कलाओं पर आयोजित कार्यशाला में जीवंत प्रदर्शन व नई पीढ़ी को सांस्कृतिक विरासत से जोङने पर रूमा देवी का उदबोधन हुआ । न्यूयार्क में हुआ अभिनंदन समारोह प्रवास

देखें, आगे क्या होता है।

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वर्षों तक वन में घूम-घूम, बाधा-विघ्नों को चूम-चूम, सह धूप-घाम, पानी-पत्थर, पांडव आये कुछ और निखर। सौभाग्य न सब दिन सोता है, देखें, आगे क्या होता है। मैत्री की राह बताने को, सबको सुमार्ग पर लाने को, दुर्योधन को समझाने को, भीषण विध्वंस बचाने को, भगवान् हस्तिनापुर आये, पांडव का संदेशा लाये। कृष्ण की चेतावनी ‘दो न्याय अगर तो आधा दो, पर, इसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल पाँच ग्राम, रक्खो अपनी धरती तमाम। हम वहीं खुशी से खायेंगे, परिजन पर असि न उठायेंगे! दुर्योधन वह भी दे ना सका, आशीष समाज की ले न सका, उलटे, हरि को बाँधने चला, जो था असाध्य, साधने चला। जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। कृष्ण की चेतावनी हरि ने भीषण हुंकार किया, अपना स्वरूप-विस्तार किया, डगमग-डगमग दिग्गज डोले, भगवान् कुपित होकर बोले- ‘जंजीर बढ़ा कर साध मुझे, हाँ, हाँ दुर्योधन! बाँध मुझे। यह देख, गगन मुझमें लय है, यह देख, पवन मुझमें लय है, मुझमें विलीन झंकार सकल, मुझमें लय है संसार सकल। अमरत्व फूलता है मुझमें, संहार झूलता है मुझमें। कृष्ण की चेतावनी ‘उदयाचल मेरा

आदिवासी लड़की IAS बनी: केरल

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 केरल में एक जगह है. वायनाड. यहां से राहुल गांधी सांसद हैं. लेकिन आज हम इसकी बात किसी और वजह से कर रहे हैं. वायनाड से ही इतिहास रचने वाली एक और लड़की है. श्रीधन्या सुरेश. केरल की पहली ट्राइबल लड़की, जिसने IAS की परीक्षा क्लियर की. श्रीधन्या ने 22 साल की उम्र में UPSC (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) का पहला अटेम्प्ट दिया. आखिरकार तीसरे अटेम्प्ट में उनकी 410वीं रैंक आई. 2019 में. लेकिन श्रीधन्या के लिए ये इतिहास रचना आसान नहीं था. उनके पिता मनरेगा में मजदूरी करते थे. और बाकी समय धनुष-तीर बेचा करते थे. उन्हें सरकार की तरफ से थोड़ी सी ज़मीन मिली थी घर बनवाने के लिए, लेकिन पैसों की कमी की वजह से वो उसे पूरा बनवा भी नहीं पाए. उसी घर में श्रीधन्या अपने माता-पिता, और दो भाई-बहनों के साथ रहती आ रही थीं. पोज़ुथाना गांव के कुरिचिया जनजाति से आती हैं श्रीधन्या. पैसों की कमी के बावजूद उनके पेरेंट्स ने उनको पढ़ाया लिखाया. कोझीकोड के सेंट जोसफ कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की. जूलॉजी में. पोस्ट ग्रेजुएशन भी वहीं से किया. उसके बाद वो केरल के अनुसूचित जनजाति विकास विभाग में क्लर्क के तौर पर काम करने लग

संस्कृत भाषा की मजा...

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संस्कृत हमारी भाषा हैं। कहते हैं सभी भाषाओं की जननी संस्कृत हैं। वैज्ञानिकों ने शोध कर के बताया कि कॉम्प्यूटर सबसे अधिक संस्कृत को एक्सेप्ट करता हैं। इस भाषा की बहोत सारी नवली बाते हैं।उस में से एक आप के लिए। न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नाना नना ननु। नुन्नोऽनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नन्नुनन्नुनुत्।।  -हे नाना मुख वाले (नानानन)! वह निश्चित ही (ननु) मनुष्य नहीं है जो जो अपने से कमजोर से भी पराजित हो जाय। और वह भी मनुष्य नहीं है (ना-अना) जो अपने से कमजोर को मारे (नुन्नोनो)। जिसका नेता पराजित न हुआ हो वह हार जाने के बाद भी अपराजित है (नुन्नोऽनुन्नो)। जो पूर्णनतः पराजित को भी मार देता है (नुन्ननुन्ननुत्) वह पापरहित नहीं है (नानेना)। एक ही वर्ण को अलग अलग लिखने से क्या चमत्कार हुआ आप ने देखा होगा। एक्सी कोई बात या सर्जन आप के पास हैं तो अवश्य हम तक पहुंचाए।

कोफ़ी पेंटिग

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युग्वी केतुल सोनी। आठवी कक्षा में पढ़ती हैं। उसका शोख पेंटिंग हैं।आप जो ये पेंटिग देख रहे है वो 42 मिनिट में तैयार किया हैं। कोफ़ी पिते समय बची हुई कोफ़ी से पेंटिग किया हैं। उस के परिवार में सभी व्यक्ति किसीन किसी कला में माहिर हैं।उस के नानाजी एक अच्छे और मैजे हुए पपेटियर हैं। उन की मम्मी शिक्षा से जुडी हैं।ऐसे कलाकारों को खोजने के लिए 7स्किल फाउंडेशन कार्यरत हैं। अपनी प्रतिभा को पहेचान वाली युग्वी आज तक भोज्य सारे चित्र अलग अलग तरीकेसे बनाये हैं। अगर कोई सपोर्ट मिलाता है तो उस के चित्रों का प्रदर्शन करना चाहेंगे।अभी के लिए युग्वी को ढेर सारी शुभकामना एवं अभिनन्दन।

1000 तक के पहाड़े: एक मूर्खतापूर्ण विचार

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आप की ये बात हजम नहीं हुई 4 साल से 1000 के पहाड़े और 1 लाख बच्चे सुन रहा हु। मैथ में 5 क्षेत्र हैं। संख्याज्ञान गणित की 4 प्रक्रिया गूंजाश अपूर्णाक भूमिति पहाड़े अगर देखा जाय तो 100 में से 0.01 % हिस्सा हैं। अक्षय खत्री जी को अभिनन्दन।रमेश तन्ना जी ने अच्छा लिखा हैं। आप ने रमेश तन्ना जी से लिखवाया है कि आप प्रकाश जावड़ेकर जी को प्रभावित कर पाए। गुजरात के CM सर से भी आप ने ये काम बताया हैं। 4 साल से 1 लाख बच्चे कहते हो। 1 लाख बच्चे है तो1000 स्कुल मानते हैं। गुजरात में 36578 Govt स्कुल हैं। 14 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूल हैं। क्या आप ने जहाँ काम किए ऐसी100 स्कुल के नाम भी दे पाओगे? रिकॉर्ड किसी का और आप की आदत से मजबूर किसी की सिद्धि को अपने नाम करना। जैसे जहांगीर को ही देखलो। अमदावाद आप ने आप की कंपनी लॉन्च करी तब से में 1 लाख और पहाड़े सुन रहा हु। आप की डीसा वाली स्कुल में std:6 के बच्चे 7 का पहाड़ा नहीं बोल पा रहे हैं। एक बार आप ने मुझे कुछ फोन पे बताया था। मेने आप के दर्शन पाने के लिए 2 बार श्री Rajendra D Joshi सर को बिनती कर चूका हूँ। शायद उनकी व्यस्तता के कारण

Innovation in Drawing....

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कुछ चित्र ख़ास होते हैं। देखने वाला जो चाहता है, उसीमें वो उसे देखता हैं। उस में कुछ और भी हो सकता हैं। कुछ ख़ास प्रकार के चित्रकार एक ही चित्र में दो चित्रका निर्माण करते हैं। ऐसे चित्रों को पजल्स पेंटिंग कहते हैं।आप के लिए यहाँ दो चित्र में एक साथ दे रहा हूँ। वैसे तो चित्र को उल्टा करके ही आप को देखना हैं। ऐसा करने से ही आप को दूसरा चित्र कुछ चित्र ख़ास होते हैं। देखने वाला जो चाहता है, उसीमें वो उसे देखता हैं। उस में कुछ और भी हो सकता हैं। कुछ ख़ास प्रकार के चित्रकार एक ही चित्र में दो चित्रका निर्माण करते हैं। ऐसे चित्रों को पजल्स पेंटिंग कहते हैं।आप के लिए यहाँ तीन चित्र में एक साथ दे रहा हूँ। वैसे तो चित्र को उल्टा करके ही आप को देखना हैं। ऐसा करने से ही आप को दूसरा चित्र दिखाई देगा।मगर यहाँ आप को चित्र उल्टाने की जरूरत नहीं हैं। आप को सीधा और उल्टा दोनों और से चित्र को यहां दे रहे हैं। अगर आप के पास भी ऐसे कोई चित्र हैं,अगर आप ऐसी चीज या पेंटिग बना सकते हो तो हम तक अवश्य पहुंचाए। हम ऐसे चित्रों को इकठ्ठा कर रहे हैं। ऐसे स्किल वाले चित्रकारों को हम खोज रहे हैं। ऐ

जेंसी का भरत नाट्यम

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नृत्य निर्दर्शन:#NCOS:2020 नृत्य के कई प्रकार हैं। एक प्रकार हैं, भरत नाट्यम। छोटी छोटी लडकिया जब भरत नाट्यम से प्रार्थना करती हैं तब देखने वाले अचंबित हो जाते हैं। ऐसी घटना कुछ दिनों पहले बनी। कार्यक्रम था नॅशनल कोन्फ्रन्स ओन स्किल:2020. अब नाम से ही काफी हो जाता हैं कि स्किल एवं विशेष स्किल वाले बच्चों के साथ ही ये काम होना था। समग्र गुजरात से 12 और देश के भिन्न भिन्न विस्तारो से 9 एंट्री आई थी। कुल 21 एंट्री और एक का चयन। 21 एंट्री में कुल 49 बच्चे। आखिर में जेंसी पटेल सहित उस के दो साथी कुल मिलाकर 3 का चयन हुआ। प्रार्थना के शब्द थे ' हर तरफ...हर जगह...भगवान या ऊपर वाले को हर जगह मानती और प्रस्थापित करती ये प्रार्थना ने नॅशनल कोन्फ्रन्स ऑन स्किल:2020 के साथ 7स्किल फाउंडेशन की ये पहल को भी चार चांद लगा दिए। जेंसी पटेल के साथ हेली दरजी और माहि पटेल का भी नॅशनल एवॉर्ड देकर सन्मान किया गया। ऐसे छोटे बच्चे अगर आप के आसपास हैं, उन के पास कोई नया विचार हैं तो आप हम तक अवश्य पहुंचाए। इन बच्ची को 7स्किल फाउंडेशन की कोन्फ्रन्स में सन्मानित किया गया। उनके नृत्य को देखने के ल

रंगोली

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कुछ कलाकार ख़ास होते है। कुछ कलाकारों की कला में विशेष कौशल्य उन्हें औरों ऐ अलग करते हैं।ऐसे ही एक कलाकार को मिलना हुआ।कलाकार का नाम अमित। महाराष्ट्र के सोलापुर से यहां आए थे। 7स्किल फाउंडेशन द्वारा आयोजित 'नॅशनल कोन्फ्रन्स ओन स्किल:2020' में अपनी कला के प्रति विशेष कौशल्य के कारण उन्हें 7स्किल में नॅशनल एवॉर्ड से सन्मानित किया गया। अपनी सबसे बड़ी और सबसे तेज रंगोली केबलिए उन्हें ये राष्ट्रिय सन्मान देते हुए हम गर्व महसूस करते हैं। ऐसी कला को बढ़ावा देने के लिए मुझे आप को और हम सबको आगे बढ़ना चाहिए। ऐसे और भी साथी हैं। अब आप की जिम्मेदारी हैं कि ऐसे कलाकारों को या नवाचार कटने वालो को आप हम तक पहुंचाए। हमारा पता हैं। आप पूरी रंगोली बनती हुई देखने के लिए (रंगोलो को देखने के लिए क्लिक करें) bhaveshpandya2008@gmail.com Www.bhaveshpandya.org मोबाईल: 09925044838