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Showing posts from November, 2016

राष्ट्रपति भवन और दिल्ही का एक्सपोजर...

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आज सभी बच्चे तैयार थे!उन्हें एक्सपोजर के लिए जाना था!कल उनके साथ ऐसी ऐसी बाते की थी की वो अपने में विश्वास के साथ जाने वाले थे!गुजरात के महेंद्र परमार ने अपनी लिखी हुई कहानि का पुस्तक प्रकाशित किया था!उस लडके ने इस कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतियोगियो को अपनी एक बुक्स अर्पण की!ऐ ऐसा लड़का हैं जिसने आज तक अपने डिस्ट्रिक का मुख्यालय भी नहीं देखा था!वो लड़का आज राष्ट्रपति भवन में था! एक्सपोजर के लिए इन बच्चो को पांच ग्रुप में बाँटा गया था!सभी ग्रुप को विविध एरिया में भेजा गया था!बच्चोने उनके साथ काम किया!सवाल किए!उनकी समस्याओ के बारे में सूना!इसका क्या हल हो सकता हैं इसके बारे में भी उन्हों ने सोचा!डॉ पहर के बाद उन्हें वुश्व युवा केंद्र में लाया गया!यहाँ से भोजन के बाद हम सभी बच्चो के साथ राष्ट्रपति भवन की और बढे!यहाँ सारा माहोल अलग ही था!ऐ.पी.जे.अब्दुल कलाम इग्नाईट एवोर्ड:2016 में हम मोजूद थे!बच्चो को सन्मानित किया गया!राष्ट्रपति भवन में उन्होंने भोजन लिया!ना कोई आमोर ना कोई गरीब!यहाँ सभी लोग ऐसे थे जिनको राष्ट्रपति जी का निमंत्रण मिला था! बम्बू से बनाने वाली कई साडी चीजो के निर्म

राष्ट्रपति भवन और सृष्टि परिवार...

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आइआइएम अमदावाद से 2001 से जुडा हूँ!   धीरे धीरे अनेक प्रोजेक्ट से जुड़नेका मोका मिला! सृष्टि से 2002 से आज तक जुड़ा हूँ , और जुड़े रहना चाहूँगा! मेने महसूस किया हैं की सृष्टि सिर्फ एक ऑर्गेनाइजेशन ही नहीं एक वैश्विक परिवार हैं! मुझे राष्ट्रपति पुरस्कार तक पहुचाने से लेकर मुझे दिल्ही स्थित चिल्ड्रन क्रिएटीवीटी और को क्रिएटीविटी एंड इनोवेशन कार्यशाला में पिछले तिन सालोसे जुडनेका और बच्चो के साथ काम करने का मौका दिया हैं! डॉ. अनिल गुप्ता! मुझे उनसे लगाव हैं क्योकि वो मेरे दादा जी  जैसे दिखते हैं!मगर एक बात और भी हैं की वो खुद काम करते हैं बादमे किसीको सूचित करते हैं!उनके साथ या उनके पास रहके काम करनेका अनुभव ही कुछ अलग हैं! बड़े समरोह्मे भी छोटी छोटी बतोका सृष्टि परिवार के सभी साथी फोलोप लेते हैं!करते हैं!टिकट के कन्फोरमेशन जेसी बात के लिएभी वो हमारे लिए सुविधा खड़ी करते हैं!सुविधा देते हुए हमें प्यारसे सँभालते हैं!ग्रास रूट से जुड़े हुए लोगोको राष्ट्रपति भवन तक पहुँचना....वाह एक मिशन हैं!में चार सालसे देखता आया हूँ , कई लोग जो अपने गाव के बहार नहीं निकले वो राष्ट्रपति भवन के निमंत्