राष्ट्रपति भवन और सृष्टि परिवार...

आइआइएम अमदावाद से 2001 से जुडा हूँ! धीरे धीरे अनेक प्रोजेक्ट से जुड़नेका मोका मिला! सृष्टि से 2002 से आज तक जुड़ा हूँ,और जुड़े रहना चाहूँगा! मेने महसूस किया हैं की सृष्टि सिर्फ एक ऑर्गेनाइजेशन ही नहीं एक वैश्विक परिवार हैं!
मुझे राष्ट्रपति पुरस्कार तक पहुचाने से लेकर मुझे दिल्ही स्थित चिल्ड्रन क्रिएटीवीटी और को क्रिएटीविटी एंड इनोवेशन कार्यशाला में पिछले तिन सालोसे जुडनेका और बच्चो के साथ काम करने का मौका दिया हैं!
डॉ. अनिल गुप्ता! मुझे उनसे लगाव हैं क्योकि वो मेरे दादा जी  जैसे दिखते हैं!मगर एक बात और भी हैं की वो खुद काम करते हैं बादमे किसीको सूचित करते हैं!उनके साथ या उनके पास रहके काम करनेका अनुभव ही कुछ अलग हैं!
बड़े समरोह्मे भी छोटी छोटी बतोका सृष्टि परिवार के सभी साथी फोलोप लेते हैं!करते हैं!टिकट के कन्फोरमेशन जेसी बात के लिएभी वो हमारे लिए सुविधा खड़ी करते हैं!सुविधा देते हुए हमें प्यारसे सँभालते हैं!ग्रास रूट से जुड़े हुए लोगोको राष्ट्रपति भवन तक पहुँचना....वाह एक मिशन हैं!में चार सालसे देखता आया हूँ, कई लोग जो अपने गाव के बहार नहीं निकले वो राष्ट्रपति भवन के निमंत्रण से दिल्ही पहुंचे वो बड़ी बात हैं!
ऐसे कई सरे लोगोको जोड़ना,उनकी कदर करना और उन्हें सन्मान देना और दिलवाना बहोत बड़ी बात हैं!सहज और सरल सेक्रेटरी श्री रमेशभाई पटेल! मेरा साथी और दोस्त चेतन पटेल! सागर पंचाल!केयुर पनारा और हिरल जी!वाह क्या टीम थी.जिन्होंने ऐसे कई सरे छोटे बड़े काम किये की जिस के बिना यह काम संपन न हो पता!में इन सबसे और इस वैश्विक परिवार से जुड़ा हूँ इस का मुझे गौरव हैं!

# Thanks Dr ANIL GUPTA Sir

# Thanks chetan patel 

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