खादी
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खादी का सन्मान करता हूँ।खादी का सन्मान करता रहूंगा।गांधीजी के साथ खादी को जोड़ा गया हैं।गांधी जी ने खादी को गरीबी से जोड़ा था।गरीबी दूर करने के लिए उस वख्त खादी ही एक मात्र विकल्प गांधीजी ने पसंद किया था। आज हमारे देश ने तरक्की की हैं।आज गरीबो की खादी नेताओ तक पहुंची हैं।कोई एक नेता आज गरीब नहीं हैं।शायद इसी लिए गरीबी से खादी को हम जोड़ नहीं पा रहे हैं। आज जो नेता खादी के नाम से कपड़े पहनते हैं,वो हैं तो खादी लेकिन गांधीजी वाली नही। आजकल नेता के कुर्ते में से अगर में रुमाल बनाऊ तो रुमाल की कीमत 2000 हो सकती हैं। खादी पहनने से कोई देशप्रेमी नहीं होता,ओर कोई मिल का कपड़ा पहनने से देश का गुनहगार नहीं बनता।मगर हमे खादी खरीदनी ओर पहननी चाहिए। #गांधी विचार