राष्ट्रपति भवन में FOIN
आज तक मुझे चार बार राष्ट्रपति भवन जाने का मौका मिला हैं। सभी समय कुछ नये काम से जाना हुआ हैं। एक बार FOIN (फेस्टिवल ऑफ़ इनोवेशन में जाने का अवसर मिला) एक बार मेरा सन्मान होने वलता तो जाने का अवसर मिला हैं । क्रिएटीविटी करने वाले बच्चो के साथ राष्ट्रपति भवन में बच्चो के साथ काम करने का अवसर मिला हैं। में एक सरकारी स्कुल का शिक्षक हु।मुझे ऐ सारे मौके Srishti .org के माध्यम से ही मिल पाया हैं। कुछ ऐसे लोग वहा आये जिहे देखकर मुझे अहसास हुआ की ये लोग जो है वो ही हकीकत में देश की सेवा करते हैं। ऐसे लोग जो पूरे भारत से आये थे और उन्होंने ऐसा काम किया जिसे आज राष्ट्रपति भवन में सन्मानित किया गया।
पद्मश्री अनिल गुप्ता जिन्हें लोग ग्रासरूट इनोवेशन गुरु के नाम से पहचानते हैं।वैसे ही ये तत्कालीन नॅशनल इनोवेशन फाउन्डेश के स्थापक सदस्य एवं वाइस चेरमेन रहे हैं। आज भी वो एन.आई.एफ में सेवा दे रहे है, जुड़े हुए हैं। उन के मार्गदर्शन से सिखा और सिखाने का मेने प्रयत्न किया हैं।उन के साथ एन.आई.एफ के चेरमेन और पद्म भूषन सन्मानित आर. माशेलकर सर के साथ काम करने का अवसर मिला हैं। फेस्टिवल ऑफ़ इनोवेशन जिसे (FOIN) भी कहते है। सृष्टि सन्मान के साथ देश से आये ग्रासरूट इनोवेटसे रूबरू मिलने का और उन के काम को आप तक पहुँचने का मुझे मौका मिला इस के लिए में हनी बी नेटवर्क, सृष्टि एवं इन से जुड़े सभी साथियों का आभार प्रगट करता हु। इन दिनों बच्चो के साथ क्रिएटीविटी पर काम करनेका मुझे मौका मिला हैं। आप यहा कुच्छ ऐसे लोगो के बारे में आप यहाँ देख सकें इस लिए कम शब्दों में परिचय के साथ उनका इंटरव्यू आप देख पाएंगे।ये एसे लोग हैं जिन्हें हम नहीं पहचान पाते अगर सृष्टि ने शोध यात्रा के दोरान उसे ग्रास रूट से खोजा न होता। ऐसे नवाचार करने वाले FOIN में आते हैं। इस से हम सबसे पहले समजते हैं
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