कोंन खुश


बच्ची ओर मा।
दोनो साथ चल रहे हैं।
मा कुछ सोच के साथ चल रही हैं।बच्ची जो हैं बहोत खुश हैं।सीधा दिखता हैं कि उसकी किताबे लाई गई हैं,सो वो बहोत खुश हैं।सोचिए अपने कंधे पे इतना बोझ वो लड़की कैसे उठा पाएगी।
उसकी माँ शायद इसी फिक्र में चलती हैं।
गुजरात काउंसिल ऑफ एज्युकेशन रिसर्च एंड ट्रेंनिग(GCERT) के पूर्व नियामक श्री नलिन पंडित ने मुजे ये फोटो भेजा हैं।
क्या शिक्षा इतनी भारी भी हो सकती हैं।क्या ऐसे ही पढ़ाई खत्म करके हम समृद्ध भारतका निर्माण करेंगे?क्या ऐसे ही स्किल्ड भारत का निर्माण होगा?आज की शिक्षा व्यवस्था में कई सवाल हैं।उन सवालों के सामने हम क्या कर सकते हैं? हमे क्या करने की आवश्यकता हैं,ऐसी बहोत सारी समस्याएं हैं जो आज भी नजर अंदाज की जा रही हैं।

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जॉय फूल लर्निग पसंद करने वाले मातापिता आने बच्चो को लर्निग के साथ जॉय कर पाए ऐसी स्कूल में दाखिल करवाने के लिए नहीं सोचते हैं।आज तो सिर्फ परसेंटाइल की बात चलती हैं।

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