HIV AIDS

आज का दिन विश्वमें विशेष तौर पे मनाया जाता हैं।लोक जागृति से जुड़े इस दिन को मनाया जाता हैं।इस दिन को स्वास्थ्य से जुड़ के पूरे विश्वमें मनाया जाता हैं।AIDS को इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम या एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिंड्रोम के नाम से मेडिकल फिल्डमें पहचाना जाता हैं।AIDS के साथ दूसरा शब्द जुडा हैं।वो शब्द हैं एचआईवी जिसे ह्यूमन इम्यूनो वायरस कहा जाता हैं।जो मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है। इस रोग को पहली बार 1981 में मान्यता मिली। ये एड्स के नाम से पहली बार 27 जुलाई 1982 को जाना गया।
एचआईवी संक्रमण आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे में प्रेषित हो जाता है,यदि उन्होंने शारीरिक द्रव या रक्त श्लेष्मा झिल्ली के माध्यम से कभी सीधे संपर्क किया है। पहले की अवधि में, एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों पर बहुत से सामाजिक कलंक लगाये जाते थे। अनुमान के मुताबिक, ये उल्लेख किया गया है कि, 33 लाख लोग एचआईवी से संक्रमित हैं और 2 लाख लोगों का हर साल इसकी वजह से निधन हो जाता है।
एचआईवी एक वायरस है, यह रोग प्रतिरक्षा प्रणाली की टी-कोशिकाओं पर हमला करता है और ईसके कारण एक रोग होता है ये एड्स के रूप में जाना जाता है। यह मानव शरीर के तरल पदार्थों में पाया जाता है जैसे: संक्रमित व्यक्ति के रक्त, वीर्य, योनि तरल पदार्थ, स्तन के दूध में जो दूसरों में सीधे संपर्क जैसे: रक्त आधान, ओरल सेक्स, गुदा सेक्स, योनि सेक्स या दूषित सुई याने की किसी के ऊपर उपयोगमें ली हुई इंजेक्शन को उबाले बिना फिर से लगाने से फैलता है। यह प्रसव के दौरान या स्तनपान के माध्यम से गर्भवती महिलाओं से बच्चों में भी फैल सकता है।

एचआईवी:एड्स के लक्षण और संकेत एचआईवी एड्स से संक्रमित व्यक्ति के निम्नलिखित संकेत और लक्षण है...
बुखार...ठंड लगना...गले में खराश...रात के दौरान पसीना...बढ़ी हुई ग्रंथियाँ
वजन घटना...थकान....दुर्बलता...जोड़ो का दर्द...मांसपेशियों में दर्द...लाल चकत्ते उसकी निशानी हैं।लेकिन, इस रोग के कई मामलों में प्रारंभिक लक्षण कई वर्षों तक दिखाई नहीं देते जिसके दौरान एचआईवी वायरस के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली नष्ट हो जाती है। जो की लाइलाज है। संक्रमित व्यक्ति इस अवधि के दौरान किसी भी लक्षण को कभी महसूस नहीं करता है और स्वस्थ दिखाई देता है।
लेकिन एचआईवी संक्रमण वायरस इसके खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करते हैं।आखिरी चरण में व्यक्ति एड्स की बीमारी से ग्रसित हो जाता है। आखिरी चरण में संक्रमित व्यक्ति को निम्नलिखित संकेत और लक्षण दिखने शुरू हो जाते है:
धुंधली दृष्टि...स्थायी थकान
बुखार(100F ऊपर)...रात का पसीना दस्त (लगातार और जीर्ण)सूखी खाँसी
जीभ और मुंह पर सफेद धब्बे
ग्रंथियों में सूजन...वजन घटना...साँसों की कमी जैसे लक्षण हैं।कपोसी सार्कोमा, गर्भाशय ग्रीवा, फेफड़ों, मलाशय, जिगर, सिर, गर्दन के कैंसर और प्रतिरक्षा प्रणाली (लिम्फोमा) का कैंसर होता हैं।
आज के दिन ये तय करे कि अपने स्वास्थ्य के प्रति जागृत रहे और HIV AIDS से बचे।
#शुभमस्तु...

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