कलाम:काम को महत्व दो...

अब्दुल कलाम।मेरे ओर मेरे जैसे कई के पथदर्शक।
आज के समय में उनके जैसे व्यक्तिको पथदर्शक मानने वाले बहॉत सारे लोग हैं।आज उनके देहांत के बाद भी उनकी सोच को आगे बढाने वाले व्यक्ति ओर संस्था हैं।
आज उनका एक पोस्टर आपको शेर करता हूँ।अपने काम के प्रति लगाव रखने के लिए उन्होंने एक संदेश दिया हैं।अपने काम और तरक्की में इतना समय लगाओ की किसी की बुराई करने का समय न मिले।हम क्यो किसी की बुराई करें।
जैसे किसी को अधिकार से वंचित रखना हिंसा हैं।वैसे ही किसी को काम करने से रोकना या अड़चने पैदा करना भी एक अत्याचार हैं।अगर में आपको सहाय नही कर सकता कोई बात नहीं।मगर मेरा फर्ज हैं कि में आपको काम से न रोकू।
अगर में काम नहीं कर रहा हूँ तो मेरे पास समय हैं।मगर मेरे पास काम नहीं हैं तो में उस वख्त से किसी को नीचा दिखानेका प्रयत्न करता हूँ ।इसका मतलब यही हैं कि जिसके पास काम नहीं या काम छोड़ ने के बाद 2 घंटे का समय हैं।वो अपने फ्री टाइम को महत्व देता हैं।किसी की बुराई करने में कुछ पल लगते हैं।हर बार कोई सोरी बोलेगा ओर फिर से हम उसकी गलती भूल जाएंगे वैसा नहीं हैं।
कुछ काम और गलती कभी नहीं भूले जाते।हमारे  पास काम हैं।जिम्मेदारी हैं।हम समाज में जी रहै हैं।शादी की खुशी या मौत का मातम सभी को होता हैं।किसी के पापा गुजर जाते हैं।उस दिन या तारीख को वो  सदैव याद करके दुखी होते हैं।तो समझीए जिस दिन किसी का बाप या बाप जैसी कोई व्यक्ति गुजर जाती हैं तो क्या एक दिन में व्यक्ति उसे भूल सकती हैं।अरे...दुखी होने की बात ही कहा हैं।आगे आओ ओर इतना काम करो कि आप को आपके नाम को कोई रोक न सके।भले शादी हो या मोत का मातम।कलाम सर उनके परिवार के सदस्य के देहांत के बाद भी सीधे दिल्ही काम के लिए निकले थे।उस वख्त मिसाइल बनाने के काम में जुड़ गए थे।
दो दोस्तों की बात हैं।एक बरोडा से हैं और दूसरे सूरत से।दोनों दोस्त नियमित बात करते हैं। शुक्रवार को ज्यादा बात करते क्यो की एक दोस्त शुक्रवार को फ्री होते हैं।तब बात करते हैं।बरोडा वाले दोस्तने कहना हैं कि सूरत वाले दोस्त पिछले 5 शुक्रवार से उनसे बात नहीं करते हैं।दोनों दोस्तो का झगड़ा मुजे तक पहुंचा।मेण्य कहा उन्हें कुछ काम हुआ होगा।बरोडा वाले दोस्त के लिए सूरत वाले ने कहा कि उन्होंने कभी उनसे बात करने से मना नहीं किया हैं।वो कहते हैं कि में उनसे प्यार करता हूँ और बाते भी करता हूँ।मगर सूरत वाले दोस्त ने बताया कि अब बरोडा वाले मुजे मेरी ही नजरो से गिराना चाहते हैं।
मुजे मालूम हैं कि मेरे दोनों दोस्त इस बात को पढेंगे ओर समजेगे।
मेरे उस दोस्त के झगड़े में मुजे भी जोड़ा गया।वो शायद मेरे इस लेख को पढेंगे।में उन्हें ये जताना चाहता हूं कि 'कलाम जी के पथ पे हम,कलाम पंख से जुड़ेंगे...!ऐसा मेने तय किया था।बच्चो के ओर शिक्षा से जुड़े नवाचार से काम करते हुए में कुछ करना चाहता हूं।कुछ पाना चाहता हूं।में उसे पाके ही रहूंगा।आज से नहीं जब कलाम सर ने विज़न2020 दिया तब से में इस काम को पकड़के आगे बढ़ रहा हूँ।
में सिर्फ काम करता हूँ।मेरे काम को बारबार किसी को समजाने में समय खर्च नहीं करना चाहता। पर मेरी मानसिक स्थिति को अगर कोई बारबार चेलेंज करेगा तो में उसे सहन नहीं कर सकता।मे शिक्षा विभाग से जुड़ा हु।मेरे एक आदरपात्र अधिकारी थे।जो आज निवृत्त हैं।निवृत्त होने परभी वो मेरे लिए सन्मानिय हैं।में अगर कुछ लिखता हूँ तो वो उसके ऊपर कॉमेंट करते हैं।उनकी कॉमेंट में अगर वो मेरी गलती निकाल ते हैं तो में उनसे माफी मांगता हूं।अगर वो गलत हैं तो वो भी अपनी बात को मांन लेते हैं।ज्यादातर वो मेरे विरोधी होने का भाव दिखता हैं,मगर ऐसा नहीं हैं।में उन्हें सन्मान देता हूँ।देता रहूंगा।वो मेरी बुराई नहीं करते,वो मेरी गलती खोज के मुजे समजाते हैं।
आज में एक बात समजता हु की अगर कोई आपकी बुराई करे तो समजना हैं कि वो व्यक्ति बुरा हैं।कोई गलती दिखता हैं तो वो हमारे सहयोगी हैं।सदैव सहयोग प्राप्त करके अपने आपको आगे रखने की सोच के साथ अगर किसी से जुड़े हैं।कुछ काम हुआ हैं।और अब ऐसा लग रहा हैं कि अब साथ काम नहीं हो सकेगा तो इसका मतलब ये हैं कि काम में विक्षेप हो उसे दूर करो।
में किसीकी बुराई नहीं करता।
में किसी को छोड़ नहीं सकता।
में किसी को धोखा नहीं दे सकता।
में कभी किसी को जरूरत से ज्यादा सहन भी नहीं कर सकता।अगर हमारे शरीर में कोई एक उंगली पक जाती हैं या उंगली में कैंसर हुआ हैं तो वो केंसर वाले हिस्से को हम काट लेते हैं।और अपनी जिंदगी को आगे बढ़ाते हैं।
बस...मे कुछ ऐसा सोचूंगा।जब तय हुआ था कि काम करेंगे और आगे बढ़ेंगे तो इसका मतलब हैं कि काम को महत्व देंगे।हर वख्त सिर्फ ऐसी बाते जिसका माहौल या मतलब नहीं हैं उसके पीछे कब तक समय बर्बाद करे।
आज कुछ कम समय में ज्यादा काम करने का समय हैं।कुछ लोग अपने काम को महत्व देते हैं।कुछ लोग काम को छोड़ के महत्व देते हैं।इस दोनों में में काम के लिए गलती निकाल ने वाले के साथ जुड़े रहना चाहूंगा।भले मेरे भाई,बीबी या कोई पारिवारिक दोस्त हो,में काम करूंगा।मेरे काम को जो भी डिस्टर्ब करेगा में उसे कभी अपना नहीं समजुगा।
कलाम सर के परिवार में देहांत हुआ।वो एक दिन आये और श्याम तक वापस चले गए।कुछ लोगो ने उनके बारे में कुछ खरीखोटी सुनने का भी हुआ होगा। मुजे काम हैं।
मुजे काम करना हैं।
मेरे कुछ गोल हैं,में उसे पाके ही शांत रहूंगा।तबतक कोई अब मुजे अशांत नहीं कर पाऊंगा।मेरे साथ जो हैं,वो मेरे साथ रहेंगे।मगर अब सीधे परिणाम या अंतिम लक्ष्य पालने तक में बिचमें कोई छोटे विषय में अपना समय और शक्ति खर्च नहीं करूंगा।जिसे जो समझना हैं , वो समजे।
जब हम बात करते हैं तो इसका अर्थ ये नहीं कि समय हैं।या काम नहीं हैं।आप के कॉल को महत्व देते हुए उसको सन्मान देते हैं।मगर वो व्यक्ति अगर हमारे सहयोग को भूल के सिर्फ गुदगुदी वाली या महत्व नहीं हैं वैसी बाते करता हैं तो मतलब हैं कि उसे सिर्फ टाइम पास के समय बात करने का नंबर चाहिए।वैसे गुदगुदी वाले नंबर दूसरे हैं।
काम ही करो,किसी की बुराई नहीं।क्योकि आप आज जिन की बुराई करते हैं,शायद उससे अधिक बुराई व्व व्यक्ति ओरो से सुनता हैं।आप बुराई में बढ़ोतरी करके अब आपका महत्व कम कर चुके हैं।
आप का महत्व आप ने कम किया हैं।जब साथ मिलके हमने जो तय किया हैं,उतना न होने तक में सुनता रहूंगा।अब मुजे भी सुनने की आदत हो गई हैं।मगर आज में कहता हूं कि मुजे बदनाम करने वाले या आक्षेप करने वाले सभी को में नहीं मेर समय जवाब देगा।
@थकान
#आई केन मुमकिन हैं...

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