राष्ट्रपति चुनाव की खट्टी मिठ्ठी...

आज हमारे राष्ट्रको नए राष्ट्रपति मील हैं!इस से पहले राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया के बारे में यहाँ जानकारी दी गई थी!आज हम बात करेंगे रामनाथ कोविंद जी के चुनाव के बारेमें!
आपको ये जानना जरूरी हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में पहेली पसंद ओर दूसरी पसंद ऐसे दो मत देने होते हैं!इसे इलेक्ट्रोल वोट कहते हैं!
आज की परिस्थितिमे उसे समजे!बंधारण में लिखा हैं कि राष्ट्रपति के चुनावमें कुल इलोक्ट्रोल वोट को आधा करके उसमें एक जोड़ने से जो मतसंख्या होती है,कमसे कम उतने या अधिक मतप्राप्त करने होंगे!अगर सारे देश के 1000 इलोक्ट्रेल वोट हैं तो कमसे कम 501 मत जो प्राप्त करेगा वो जीतेगा!अगर पहली पसंद में किसी दो उमेदवार को समान मत मिलते हैं तो दूसरी पसंद के वोट की गिनती करनी होती हैं!आज तक के भारतमे ऐसा कभी नहीं हुआ कि दूसरी पसंदगी से राष्ट्रपति को विजेता गोशीत किया गया हो!
वैसे तो ये 14 व राष्ट्रपतिका चुनाव हैं!शुरू में ऐसा हुआ कि जो उपराष्ट्रपति थे वोही उसके बाद पांच साल के लिए राष्ट्रपति बनते थे!
आज तक सर्वसामान्य उमेदवार,या ज्यादा से ज्यादा दो उम्मीदवार राष्ट्रपतिका चुनाव लड़े हैं!कभी भारत में दो से अधिक उमीदवार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार नहीं हुए हैं!
आज से पहले 13 चुनाव जो हो चुके उसमें कोंन उमीदवार विजयी होगा वो तय हो जाता हैं!क्योंकि देश की सारी विधानसभा ओर संसद के दोनों गृह से सदस्य वोटिंग करते हैं!राज्यो की जन संख्या के आधार से प्रत्येक राज्य के विधानसभा के सदस्यों के वोट का मूल्य तय होता हैं!1971 कि जनसंख्या के आधार पर इसे तय किया गया हैं!अब को से राज्यमें कोनसा दल शाशक हैं और किस के कितने धारासभा में सदस्य हैं!बस,किसे कितने मत प्राप्त होंगे वो तय हो जाता हैं!
श्रीमती इंदिरा गांधी ने एक बार संस्था कोंग्रेस के सर्वसहमत उमेदवार के सामने अपना व्यक्तिगत उमीदवार खड़ा किया और विजेता बनाया था!उस वख्त ही एक बार ऐसा हुआ कि अधिकृत उमेदवार नही जीते!आप कहेंगे ऐसा कैसे हो सकता हैं! तो में कहूंगा,हमारे बंधारण में राष्ट्रपति चुनाव के लिए व्हिप नही दिया जा सकता!ऐसी विशेष सूचना लिखी गई हैं!पोलिटिकल पार्टी में व्हिप एक ऐसा हथियार हैं जो उसे नही मानता उसे पार्टी का विरोध कहा जाता हैं!लोकशाही में हम जिसे पसंद करे उसे ही मत देते हैं!अगर पार्टी व्हिप देगी तो अपनी नहीं पार्टी की पसंद चलेगी!
कई बार ऐसा भी देखा गया कि सरकार में सहयोगी पार्टी राष्ट्रपति 0द के लिए भिन्न भिन्न उमेदवार को वोटिंग करती हैं!बिहार के मुख्यमंत्री और लालु यादव दोनो JDU ओर राष्ट्रीय जनता दल की संयुक्त सरकार चलाते हैं!JDU ने कोविंद जी को ओर लालु की पार्टीने मीरां कुमार को वोटिंग किया हैं!
प्रतिभा पाटील राष्ट्रपति पद की UPA की उमीदवार थी!शिवसेना NDA का हिस्सा थी!मगर उन्होंने प्रतिभा पाटिल महाराष्ट्र की थी तो उन्हें समर्थन दिया था!
आप ने शायद देखा या सुना होगा कि मीरां कुमार ने उमीदवार बनने के तीसरे दिन कहा था कि मेरे पास जितने की संख्या नहीं हैं तो इसका मतलब ये तो नहीं कि में चुनाव में खड़ी न रहूँ!वो खड़ी भी रही,कोविंद जी राष्ट्रपति बन गए!
आशा हैं अब वो NDA के दलित न बनके हमारे 14 वे राष्ट्रपति बनके कलाम सर जैसी नामना प्राप्त करें!

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