शार्प नहीं...कोई बात नहीं...

आज कल शार्प का जमाना हैं!शार्प लोग ओर शार्प सामग्री हमे ज्यादा पसंद हैं!कहते हैं कि जिस के पास शार्पनेस हैं,वो कहि भी चलेगा!हर चीज को समझने में एक उदाहरण चाहिए!में शिक्षा से जुड़ा हूँ!मुजे इसके अलावा कुछ मालूम नही की हर चीज को समजने के लिए सहज और सरल के अलावा व्यावहारिक उदाहरण चाहिए!
मेरे साथ एक प्रोजेक्ट में एक साथी थे!वो मद्रास के रहनेवाले थे!वो मुजे सदैव मार्गदर्शन देते,प्यार करते और समजाते!एक बार उन्होंने कहा'अगर आपके पास चार पेंसिल हैं,तीन की पॉइंट गीस चुके हैं!एक पेंसिल बची हैं जो शार्प हैं!आप किस से लिखना पसंद करेंगे?
मेने उन्हें शार्प पेंसिल से लिखने की बात बताई!तब जाके उन्होंने कहा'शार्प होना अच्छा हैं,मगर कुछ न करने से शार्प दिखते हैं!तो कोई मतलब नहीं हैं!
जो काम करेगा,वो ही भूल करेगा!वो गलती करे तो इसका स्वीकार करना चाहिए!
कुछ न करने के बाद गलतिया निकलना आसान हैं!क्यो की वो गलती किसी के काम में से निकालनी हैं!काम करने वाला शार्प भले न हो!सिर्फ शार्प दिखने से काम नहीं होता!
हमे हमारी पहचान बनानी हैं!नही की हमारी ऐडवटाइज़ बना के प्रचार करना!जो काम करेगा वो ही जिस हुआ दिखेगा!आज ऐसा माहौल हैं कि टीम काम करके थकती हैं!तब जाके कोई नई व्यक्ति शार्प प्रेजेन्टेशन करके सारी क्रेडिट लेता हैं!
उस वख्त कोई नहीं दिखता,एमजीआर जब कोई पाद आके देखे तो मालूम पड़ता हैं कि काम किसने किया होगा!कुछ न करके,बहोत कुछ दिखाया जा सकता हैं!कुछ करके भी कुछ नहीं दिखा पानेमें कोई शर्म नहीं हैं!जो काम आपका हैं,अंततः उसकी क्रेडिट आपको मिलेगी जरूर!भले आज आप शार्प न दिखते हो!आज जो आपके पास हैं!सदैव आपके ही पास रहेगा!

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