खुश कैसे रहें...

आजकल लोगो को बहोत समस्या हैं।सबसे बड़ी समस्या हैं,जीवन में खुशी का अभाव।हम ज्यादातर ऐसी खुशी के लिए इंतजार करते हैं जो लंबे अरसे के बाद आती हैं।
खुशी को समझने के लिए शक्कर के दाने को समझना होगा।शक्कर का एक दाना या कई दाने स्वाद में समान मीठे होते हैं।बस वैसा ही खुशी के लिए हैं।हम खुशी को ढूंढते हैं।हमे स्थाई खुशी चाहिए।जो सम्भव नहीं हैं।
कुछ दिन पहले एक रोचन जानकारी मिली।बात हैं भारतमें पैदा हुए एक व्यक्ति की।जो कि अभी केनेडा में रहते हैं।उनका नाम नील पसरिया हैं।नील के जीवन में कई सारे दुःखद प्रसंग आएं।एक बार वो ऐसी दुख भरी बातोंसे बोर हो गए।उन्होंने उस दिन से रोजाना छोटी खिशियों की नोंध करना शुरू किया।उन्होंने अपनी छोटी छोटी खुशियों को शेर करना शुरू किया।आज छ करोड़ से ज्यादा लोगोने इसे पढ़ा हैं।आप भी उनके ब्लॉग को 1000 ओसामा थिंग से सर्च कर सकते हैं।
ख़ुशी कहीं मिलती नही,खुशी कभी टिकती नहीं।उसकी यादो को संम्भाल के जीना पड़ता हैं।जब कुछ दिन बुराई वाले आ जाय उस वख्त उन खुशियो को याद करना चाहिए।

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