औरत...

रंगमंच से जुड़े लोगों के लिएये नाम नया नहीं होगा।नाहीं होना चाहिए।एक नाटक हैं।औरत, मेने उसका मंचन देखा हैं।दिल्हिमें मेने इस नाटक को दो बार देखा था।एक औरत की पैदा होने के पहले से मरने तक कि यात्रा दिखाई जाती हैं।
ऐसा ही खूबसूरत एक चित्र मेरे किसी दोस्तने भेजा था।आज के दिनोंमें कुछ न कहेपाना ओर सिर्फ चित्र से कहना संभव नहीं हैं।ऐसा चित्र भेजने वाले से लेके बनाने वाले सभी का शुक्रिया।
एक दूसरे से जुड़े होने के लिए जीवन के साथ चलता हैं,अहसास।अहसास ही काफी हैं हमे जीवन देनेवाले का।उसकी कोई कीमत नहीं।जीवन सिर्फ जीवन नहीं,कुदरतका करिश्मा हैं।इस करिश्मे में अहसास ओर विश्वास ही अपनी जीवन नैया को आगे कर सकता हैं।मां जीवन देती हैं,जीवन के निखारने वाले सहयोगी ओर साथी को कैसे भूलेंगे।
ऐसे अन्य चित्र हैं,जिसमें कुछ कहना नहीं हैं।अगर हैं तो मुजे भेजे।
#DrBN

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