ऐसा भी होता हैं...
कुछ भूल गए।
कुछ याद नहीं हैं।
हाजी...2015 भूल गए है।2017 की कई सारी बाते ऐसी हैं जो हमे याद नहीं रहेगी।बात हैं सोमभाई रावळ की।राधनपुर में बारिश के कारण नुकशान हुआ।कई व्यक्ति ओर पशुधन का भी नुकशान हुआ।एक रातमें इतना पानी आया की कुछ नहीं बचा।अतिवृष्टि अगर अधिक होती हैं तो इस बार जो नार्थ गुजरातमें हुआ वो अत्याधिक अतिवृष्टि थी।लोगो को बचाने के लिए हेलीकॉप्टर भेजे गए।
एक ऐसा ही हेलीकॉप्टर राधनपुर स्थित पशुघरमें पहुंचाया गया।यहाँ श्री सोमाभाई ओर उनके परिवारमे उनकी धर्मपत्नीभी वहाँ फँसीथि।हेलीकॉप्टर आया तो सोमाभाई ने उसमे बैठने से मना करदिया।क्योकि वहाँ 900 से अधिक पशु थे।जिनके काम से रोजी मिलती थी इसे छोड़ के अपनी जान नहीं बचाई जाती।धीरेसे बोलते एकदम से सोमाभाई कहते हैं ' में बचपाया ओर हमारे ज्यादातर पशु भी बचे,अगर में जिंदा रहने के लिए हेलीकॉप्टर से निकल जाता तो में जिंदा नहीं रह पाता।
अपने नही बोलने वाले परिवार के सदस्यों के लिए अपनी जान दाँवपर लगानेवाले श्री सोमाभाई को वंदन।
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