नेह नेपाल
आज से कुछ साल पहले की बात हैं।हमारे पडोशी देश नेपाल की बात हैं।यहाँ भूचाल आया था।हमारी संस्कृति ऐसी हैं कि हम किसीको दुखी नहीं देख सकते।नेपाल तो हमारा अपना साथी हैं।
भारतमें से कई लोग यहां जाते हैं।मोस्ट फ़ेवरीट कंट्री का नेपाल को हमने स्थान दिया हैं।यहाँ जाने के लिए पासपोर्ट नहीं चाहिए।जब भूचाल आया तो कई भक्तो के गुजरात से भी कई लोग गए थे।sky ट्रांसपोर्ट के मालिक जो पिछले कई सालों से टूर ऑपरेट करते थे।उनसे ये देखा नहीं गया।उस दिन से आज तक वो सेवामें कार्यरत हैं।उन्होंने वहां स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए काम की शुरुआत की।जैसे जैसे समय बीतता गया।लोग जुड़ते गए।
विश्वग्राम,स्काय फाउंडेशन,सृस्टि इनोवेशन इर आईआईएम जैसी संस्थाए भी इस काम में जुड़े।जुड़ते गए।
मुजेभी उनसे जुड़के काम करनेका मौका मिला।नेपाल से चुनिंदा अध्यापक भारत और गुजरात आये।
आईआईएम अमदावाद ओर सृस्टि के सहयोग से हमारा मिलाप हुआ।उनकी समस्याओं के बारे में समज ने का प्रयत्न किया।उनसे बात करते हुए मुजे मालूम पड़ा कि उनकी स्कूलमें प्रार्थना सभा जैसा कुछ नहीं हैं।मेने जब इस विषय पे चर्चा की।मेने कहा, गुजरात मे 1500 से अधिक बच्चे एक साथ बैठे होते हैं।समूह में प्रार्थना करते हैं।वो ये बात मानने को तैयार नहीं थे।उनको ऐसी दो तीन स्कूल की विजिट भी करवाई।
गुजरातमें 'संजय तुला' ओर विश्वग्राम के सहयोग से sky फाउंडेशन के साथ ये काम हो रहा हैं।गुजरात से स्कूल क्रिएटिविटी के लिए एक्सपर्ट ओर पाठ्यपुस्तक निर्माण से जुड़े श्री जयेश पटेल और श्री प्रकाश सुथार भी उनके तालीम कार्य से जुड़े हैं।
कुछ हो रहा हैं।
जो होगा अच्छा होगा।
आप का सहयोग आवश्यक हैं।
सहयोग के संपर्क हेतु आप श्री कौशिक जी से संपर्क करें।
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