मा का दूध...

कल से स्तनपान सप्ताह शुरू हो गया।पिछले कई
सालों से इस सप्ताह को विशेष तौर पे मनाया जाता हैं।माता के दूध के अनेक लाभ हैं।विश्व के वैज्ञानिक भी इसे मान चुके हैं।
आज में कुछ कहूंगा।आप को समझ लेना हैं।
ज्यादातर देखा गया हैं कि गाँव के लोग या अनपढ़ व्यक्ति जागृत हो सके इसके लिए कई सारे दिन मनाये जाते हैं।कई दिन ऐसे हैं कि जिसका महत्व समजाया जाता हैं।
शहरी महिलाए,व्यावसायिक महिलाएं कभी कभी महत्व जानते हुए भी अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करवाती।गाँव की महिलाएं बच्चे को स्तनपान करवाती हैं।मानसिक,शारीरिक और बौद्धिक स्वरूपमें सर्वांगी विकास माँ के दूध से फैलता हैं।इस सप्ताह को विश्वमें मनाया जाएगा।आपभी इस के प्रचार में सहयोग करें।डॉ. आई.के.विजलिवाला कहते हैं।सिर्फ माँका दूध ही संपूर्ण आहार हैं।बाकी के दूध संपूर्ण आहार नही कहे जा सकते।ठीक हैं,सायन्स अपनी जगह कुछ सर्च करले।ठीक हैं,मगर माँ के दूध का कोई विकल्प नहीं हैं।

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