सही रुद्राक्ष की पहेचान



आप भी कर सकते हैं असली रुद्राक्ष की पहचान, जानिए कैसे
यदि आप किसी मंदिर या मठ से रुद्राक्ष की माला खरीदते हैं तो आप को किसी ज्योतिषाचार्य से जांच कराने की जरूरत नहीं, आप खुद कर सकते हैं असली रुद्राक्ष की पहचान

 किसी भी शहर के बाजार में रुद्राक्ष आसानी से मिल जाता है, लेकिन उसकी पहचान करना ग्राहकों के लिए थोड़ा कठिन काम होता है। ज्यादातर लोग रुद्राक्ष खरीदने के बाद या तो किसी ज्योतिषाचार्य की शरण  लेते हैं या फिर घर के बुजुर्गों से असली, नकली के बारे में पूछते हैं। लेकिन आप स्वयं बिना किसी से पूछे असली और नकली रुद्राक्ष में भेद कर सकते हैं वह भी किसी लैब या ज्योतिषाचार्य की मदद लिए बगैर।

कई लोग लाभ के लालच में कैमिकल का इस्तेमाल कर इसका रंग रूप असली रूद्राक्ष जैसा कर देते है व इसके ऊपर धारिया बना कर मंहगे भाव में बेच देते है। कई बार दो रुद्राक्षों को बड़ी सफाई से जोड़ कर बेचा जाता है। आपने देखा होगा कि कई रूद्राक्षों पर गणेश, सर्प, शिवलिंग की आकृति बना कर भी लाभ कमाया जाता है।

रूद्राक्ष का उपयोग केवल धारण करने में ही नहीं होता है अपितु हम रूद्राक्ष के माध्यम से किसी भी प्रकार के रोग कुछ ही समय में पूर्णरूप से मुक्ति प्राप्त कर सकते है। ज्योतिष के आधार पर किसी भी ग्रह की शांति के लिए रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।  रूद्राक्ष की महिमा का वर्णन शिवपुराण, रूद्रपुराण, लिंगपुराण श्रीमद्भागवत गीता में पूर्ण रूप से मिलता है।

रूद्राक्ष धारण करने से जहां आपको ग्रहों से लाभ प्राप्त होगा वहीं आप शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रहेंगे।  ऐसी और भी अनेक बातों के कारण रूद्राक्ष मंहगे भाव में बेच दिय जाते हैं पर देखा जाये तो जो आदमी अध्यात्मिक विश्वास में रुद्राक्ष खरीदता है अगर उसे ऐसा रुद्राक्ष मिल जाये तो उसे कोई लाभ नही बल्कि उसके अध्यात्मिक मन के साथ धोखा होता है। आप ने कभी भी कोई रुद्राक्ष लेना तो विश्वसनीय स्थान से ही खरीदे। परन्तु आप भी अपने ढंग से जान सकते है असली और नकली रुद्राक्ष कैसे होते है।   

 कैसे करें असली रुद्राक्ष की पहचान
1.रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को कुछ घंटे के लिए पानी में उबालें यदि रुद्राक्ष का रंग न निकले या उस पर किसी प्रकार का कोई असर न हो, तो वह असली होगा। इसके अलावा आप रुद्राक्ष को पानी में डाल दें अगर वह डूब जाता है तो असली नहीं नहीं नकली। 
2. रुद्राक्ष सरसों के तेल मे डालने पर रुद्राक्ष अपने रंग से गहरा दिखे तो समझो वो एक दम असली है।
3. प्रायः गहरे रंग के रूद्राक्ष को अच्छा माना जाता है और हल्के रंग वाले को नहीं। असलियत में रूद्राक्ष का छिलका उतारने के बाद उस पर रंग चढ़ाया जाता है। बाजार में मिलने वाली रूद्राक्ष की मालाओं को पिरोने के बाद पीले रंग से रंगा जाता है। रंग कम होने से कभी- कभी हल्का रह जाता है। काले और गहरे भूरे रंग के दिखने वाले रूद्राक्ष प्रायः इस्तेमाल किए हुए होते हैं, ऐसा रूद्राक्ष के तेल या पसीने के संपर्क में आने से होता है।
4.   रूद्राक्ष की पहचान के लिए उसे सुई से कुरेदें। अगर रेशा निकले तो असली और न निकले तो नकली होगा।
5. नकली रूद्राक्ष के उपर उभरे पठार एकरूप हों तो वह नकली रूद्राक्ष है। असली रूद्राक्ष की उपरी सतह कभी भी एकरूप नहीं होगी। जिस तरह दो मनुष्यों के फिंगरप्रिंट एक जैसे नहीं होते उसी तरह दो रूद्राक्षों के उपरी पठार समान नहीं होते। हां नकली रूद्राक्षों में कितनों के ही उपरी पठार समान हो सकते हैं।

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