और वो जिन्दा नहीं रहे...


आज एक फोटो स्टोरी लिखता हूं।
तसवीर है सुदान की। वर्ष 1993 की ये बात हैं।
'ध वल्चर ऐंड ध लिटल गर्ल' नामक तस्वीर खींची थी एक पत्रकार ने।उस पत्रकार का नाम था केविन कार्टर। दुकाल में भूखे लोग जब मरते है तब गिद्ध आकर उसे खाते हैं। एक फोटो में एक लड़की के मरने की राह देखता गिद्ध उसे खाने को तैयार बैठा हैं। बहोत छोटी उम्र थी इस जर्नालिस्ट की। एक फोटोग्राफ ने उसे विश्व प्रसिद्द पुलित्ज़र पुरस्कार मिला। ये पुरस्कार प्राप्य करने वालो में यह जर्नालिस्ट आज तक के सबसे कम उम्र वाला विजेता था। अब हुआ ये की छोटी उम्र में बड़ा सन्मान प्राप्त हो गया था। देश दुनिया में इस जर्नालिस्ट की चर्चा चल रही थी। वैश्विक पुरस्कार के बाद भी खुश न हो पाए।

क्या हुआ...?

बात ऐ हुई की जब उन से टी.वी. में इंटरव्यू या चर्चा चलती उन्हें अनेक लोग सवाल करते। कुछ महीने ऐसे चलते रहा। मगर एक बार ऐसा हुआ की केविन कार्टर विभिन्न चेनल में चलते रहे। जिस भी देश में जाते उन का आदर सत्कार हुआ।
 किसी देश में टेलीविजन पर इंटरव्यू चल रहा था। दर्शक फोन कर के   उन से सवाल कर रहे थे। किसी एक महिला ने उन से पूछा उस लड़की का क्या हुआ। उन्हों ने कहा, मेरी फ्लाइट होने की बजह से में वहां से निकल आया था। इस जवाब को सुनकर उस महिला ने कहा उस वख एक नहीं दो गिद्ध मौजूद थे, दूसरे के हाथों में केमेरा था।


बस, अब क्या था। केविन कार्टर ने आत्महत्या करली।


ऐसा क्यों हुआ।
आप होते तो क्या करते।

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