Whats aep जैसा...


कुछ बाते सरल होती हैं।
उसे समज़ाना ओर समझना तब आसान होता हैं, जब इस के योग्य कोई सटीक उदाहरण हो। मेरे एक दोस्त ने मुझसे पूछा मुजे तुम्हारे साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए, मेने कहा whats aep के जैसा। मेरी बात सुनकर वो बोले ' whats aep जैसा याने कैसा?' मेने कहा ' whats aep के फीचर्स में प्राइवसी के लिए एक सेटिंग आता हैं। अगर आप किसी को लास्ट सिन नहीं दिखाना चाहते तो आप किसी का लास्ट सीन नहीं देख सकोगे।भले ही सामने वाले के whats aep में लास्ट सिन कोई भी देख सकता हो वैसा प्रायवेसी में सेटिंग किया हो।

जीवन whats aep के जैसा हैं।जैसा खुदका सेटिंग रखोगे, सामने वाले से उतनी ही जानकारी पाओगे। 

सिकंदर ओर पोरस का एक संवाद हैं। पोरस जब हार गए तब सिकन्दर के सामने खड़े कर दिए गए। सिकंदर ने उन्हें पूछा 'में तुमसे कैसा बर्ताव करू?' सवाल सिकंदर का था। सिकंदर सरकार थे,जो सिकंदर चाहते वोही होता। जो सिकंदर कहता वह हुकुम बन जाता, पोरस ने कहा 'एक राजा दूसरे राजा से करें, वैसा व्यवहार आप मेरे साथ करो। सिकंदर ने उसे गले लगा दिया। आज आप सिकंदर हैं। कल में भी सिकंदर बनुगा। कुदरत ने हमे सिखाया हैं,जैसा सामने वाला करे,उस के सामने प्रतिगोश भी वैसा ही देना चाहिए।' कोई तुम्हे छल रहा हैं, कोई तुमसे नफरत कर रहा हैं तो छल वाले से छलिया ओर नफरत वालो से 'नफरतीया' बनना ही सही होता हैं। आज जैसा आप कर रहे हैं,कल शायद कोई ऐसा कर सकता हैं।

#Bno...

नीम डालोगे तो कड़वा होगा,
हल्दी डालोगे तो तूरा लगेगा।
गुड़ डालोगे मीठा ही बन जायेगा,
जो बोयेंगा,वापस वही फसल पाएंगा।

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