मिस थाईलैंड: सफाई कामदार की बेटी


मा सदैव मा होती हैं।
आप जो तस्वीर देख रहे हैं, वो थाईलैंड की हैं। बात हैं वर्ष 2015 की। वहाँ मिस थाईलैंड की प्रतियोगिता थी। विजेता गोशित किये गए। जिस लड़की को मिस थाईलैंड का खिताब मिला वो साधारण परिवार से तालुक रखती हैं।

उसकी माँ ने उसे पालपोसकर बड़ा किया हैं। उस के पापा नहीं हैं, उसकी मम्मी सफाई कामदार के तौर पे कूड़ा उठानेका काम करती हैं। अपनी ट्रॉफी ओर स्कार्फ लेके जब मिस थाईलैंड आपीने घर को निकली तब उसके पीछे स्थानीय मीडिया का जमावड़ा था। घर जाने से पहले रास्ते में उसने एक औरत के पैरों में अपनी ट्रॉफी रखकर उनका चरण स्पर्श किया, ये औरत उसकी माँ थी।

अपनी पहचान बनाने के लिए जिस ने उन्हें पाला उनके आगे नतमस्तक होना एक आदर्श विचार और व्यक्तित्व की पहचान हैं। आप के पास भी ऐसे फोटो हैं, तो कृपया हम तक पहुंचाए।

सरकुम:

मां...
सिर्फ शब्द काफी हैं।

बा...
सिर्फ विचार काफी हैं।

Comments

હે માં!!!! તું ઇસ જગતકી..સંસારકી..ભાગ્યવિધાત્રી હૈં... પાલનહારી હૈં.તેરે ચરણોમેં સારે સંસારકી ખુશીયાં હૈ.
નમન.

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