जीवन के रंग

जीवन के रंग।
हमे पसंद हो या ना पसंद हो। रंग हमारे जीवन में जुड़ेही होते हैं। हमारे जीवन मे कभी खुशी या  कभी गम के रंग बिखरे होते हैं। कभी खुशी के रंगों का जैसे तालाब होता हैं।
कुछ लोग सालो तक नहीं भुलाये जाते। कुछ लोग पल में याद आते हैं। कुछ को पलभर याद करने से जैसे दिन सुधर या बीगड़ सकता हैं।

कुछ दिनों पहले की बात हैं।

जमाना भले बदले मगर ध्येय नहीं बदलना चाहिए। कुछ कम लोग होते हैं जो अपने इरादों को कभी नहीं छुपाते। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपनी स्थिति और व्यबस्था के आगे कुछ कर नहीं सकते। 

आज मेरी व्यवस्था ये हैं कि में जहाँ हु मुजे वहाँ रहना नहीं हैं। जहाँ पहुंचना हैं वहाँ तक पहुंचने के लिए ओर भी समय लग सकता हैं। मुजे उस समय का इंतजार रहेगा जब मैने जो चाहा हैं, वैसा तब होगा जब मेरी सोचको में स्थापित हुई देखूंगा।

भिन्न भिन्न रंग जीवन मे न आये तो जीवन का चित्र सुंदर नहीं बनता। कभी प्यार, कभी सच्चाई, कभी सहजता,कभी ध्येय दिखाने का तरीका ओर कभी कभी सब समज ते हुए भी समजदारी न होने जैसा बर्ताव करना।

जीवन में ऐसे रंग ही जीवन को खूबसूरत बनाते हैं। वैसे तो 3 रंगों से दुनिया चलती हैं।उन 3 रंगों में ही सारे रंग का निर्माण होता हैं।जो 3 रंग सारे रंग बनाते हैं उनकी पहचान भी अलग से हैं।

रेड:  शौर्यता,क्रांति ओर क्रोध
यलो: आलस,गभीरता ओर ताजगी
नीला: गहराई,विशालता ओर गभीरता


इन तीन रंगों से ही सारे रंग बनते हैं।इसका मतलब ये हुआ कि शौर्यता,क्रांति ओर क्रोध के साथ आलस,गंभीरता ओर ताजगी
 के अलावा गहराई,विशालता ओर गंभीरता ऐसे क्षेत्र हैं जिससे जीवन चलता हैं।

अगर आपको सारे रंग पसंद हैं इसका मतलब आप के जीबन में वो तीन रंग है और आप उसे भी उतना ही प्यार करते हैं।


सरकुम:

रंग
मेरे रंग
जीवन के रंग
जीवन के संग

जो होता हैं, रंग में दिखाया जाता हैं। जो दिखाया जाता हैं, उसे समजाया नहीं जाता। जीवन कुदरत के रंगों से चले तो जीवन का चित्र खूबसूरत होगा।

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