सोच कर सोच...


हम सभी मनुष्य हैं। मानव को मानव जाति की पेशकश करनी पड़ती हैं। कुछ अच्छा करने के लिए कुछ बुरा भी सहन करना पड़ता हैं। किसी भी व्यक्ति को कुछ सहकार देना महत्वपूर्ण हैं। किसी ने जो काम शुरू किया हैं,अगर आप उसका हिस्सा हैं तो सहकार देना आपकी जिम्मेदारी बनती हैं।
 भले ही आप स्वयं के बारे में सोचते हैं, वही तथ्य तब सच हैं कि आप दूसरों के बातें में भी सोचते हो। कोई सिर्फ अकेला अपने बारे में नहीं सोच सकता। आप उनके लिए जरूरी है, और उनसे जुड़कर कार्रवाई करने में आप उन्हें अपने स्वयं के विचारो पे परोए ओर नए पथ की खोजने में भी मदद करे,ऐसा करने से  एक अंतर भी बना रहेगा और साथ भी मिल पायेगा। 
दूसरों की बात करने में आसान हैं।
सामने बाले को समझना भी आवश्यक हैं।साथ में सोचने से आपको एक उद्देश्य मिल जाता है। हम सभी को होने के लिए, साथ रहने के लिए एक कारण की आवश्यकता है, और प्रसिद्धि और भाग्य आमतौर पर पर्याप्त नहीं है।एक व्यक्ति के बजाय दो का समूह भी सबसे छोटा मगर समूह में माना गया हैं। अच्छा ये हैं कि आप सजा देने के योग्य थे, ओर आप ने माफ कर दिया। आपको इससे विशेष प्रकार की ऊर्जा मिलती है, जो कि लोगों को खुद को और दुनिया को बदलने में सक्षम बनाता है।
आप जो कर रहे हैं उससे कुछ पाने के लिए भी ठीक है, और आप करेंगे अपने आप को स्वयं सुजाव देने से आपके जीवन में नए लोग आएंगे यदि आप अकेलापन महसूस करते हैं, तो यह एक बड़ा अंतर बना ने के लिए काफी हो सकता है।
यदि आप अपनी सकारात्मक ऊर्जा रखने के लिए एक जगह की तलाश कर रहे हैं, तो भीतर देखो और फिर अपने समुदाय में क्या हो रहा है यह देखने के लिए आगे देखो। एक विशाल परियोजना को लेने के लिए छोटे पैमाने पर शुरू करना बहुत आसान है जहां भी आप शुरू करते हैं ठीक है बस कर दो।
जैसा कि विनोदी और लेखक लियो रोस्तेन ने कहा, "मुझे विश्वास नहीं होता कि जीवन का उद्देश्य खुश होना है। मुझे लगता है कि जीवन का उद्देश्य उपयोगी होना, जिम्मेदार होना, दयालु होना है। यह सब से ऊपर है, बात करने के लिए, गिनती करने के लिए, कुछ के लिए खड़े होने के लिए, कुछ अंतर करने के लिए कि आप सभी से पर रहते हैं। " आप की सोच ही आप को बुलंदी तक पहुंचा सकती हैं।

सरकुम:
सोच
कैसी सोच।
मेरी ही सोच।
मेरी अपनी सोच।
अपने अहसास की सोच।
में सोचूंगा,क्यो की सोचना और खोजना मुजे पसंद हैं।
सिर्फ सोच तो हैं, जो सवाल करके जवाब भी दे सकती हैं।

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