उत्तर प्रदेश: ‘टीचर चेंजमेकर समिट-
उत्तर प्रदेश के जौनपुर ज़िले के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में रविवार को राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एससीईआरटी), लखनऊ और स्टर एजुकेशन के संयुक्त तत्वाधान में ‘टीचर चेंजमेकर समिट-2018’ का आयोजन किया गया। इसमें जौनपुर 10 ब्लॉक बदलापुर, बक्सा, धर्मापुर, मछली शहर, करंजाकला, मड़ियाहूं, सिकरारा, महाराजगंज, शाहगंज, जलालपुर के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाने वाले 750 शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
सम्मानित होने वाले शिक्षकों को मिला रोहैम्पटन यूनिवर्सिटी, लंदन का प्रमाण पत्र
इन शिक्षकों ने अपने-अपने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की कक्षाओं में समूह आधारित शिक्षण के जरिये बच्चों की समस्याओं की पहचान करने के बाद उसका समाधान भी खोजा। इसके लिए 750 शिक्षकों को एससीईआरटी, स्टर एजुकेशन और लंदन की रोहेम्पटन यूनिवर्सिटी का प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
रोहैम्पटन यूनिवर्सिटी लंदन, विश्व की अग्रणी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थाओं में से एक है। इस कार्यक्रम के दौरान जौनपुर जिले के राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक श्री कृष्ण देव दुबे और सत्य प्रकाश पाण्डेय मौजूद रहे। उन्होंने शिक्षक साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर जौनपुर शिक्षक चाह लें तो शिक्षा की तस्वीर बदल सकते हैं।
‘शिक्षकों के ऊपर है बड़ी जिम्मेदारी’
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री गिरीश चंद यादव, नगर विकास राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश थे। उन्होंने समिट में सम्मानित होने वाले शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा, “शिक्षकों के ऊपर बच्चों को शिक्षित करने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। अगर शिक्षक स्वतःस्फूर्त ढंग से प्रेरित होकर काम करें तो शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव जरूर होंगे। यह कार्य देश के निर्माण में योगदान करने वाला कार्य है। सम्मानित होने वाले शिक्षकों को बहुत-बहुत बधाई।“
इस समिट में शिक्षकों द्वारा नवाचार प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। जिसमें उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े कक्षा के नवाचारों की प्रदर्शनी लगाई। इसका अवलोकन उत्तर प्रदेश के नगर विकास राज्यमंत्री, श्री गिरीश चंद यादव और जौनपुर के जिलाधिकारी श्री सर्वज्ञराम मिश्र द्वारा किया गया।
‘महिला शिक्षकों को बदलाव के लिए आगे आना चाहिए’
जौनपुर के जिलाधिकारी श्री सर्वज्ञराम मिश्र ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा, “महिला शिक्षकों को अपने आपको पुरूष शिक्षकों से कम नहीं समझना चाहिए। अगर वे ठान ले तों जौनपुर जिले में प्राथमिक शिक्षा की स्थिति निश्चित रूप से बेहतर हो सकती है। इस तरह के प्रयासों से जौनपुर से पूरे प्रदेश और देश में एक सकारात्मक संदेश दिया जा सकता है कि अगर शिक्षक प्रतिबद्धता के साथ बच्चों को पढ़ाएं तो उनके अधिगम स्तर में सुधार हो सकता है।“
सरकुम:
शिक्षा में सुधार हमारी संयुक्त जिम्मेदारी हैं।इस जिम्मेदारी के लिए सभी सामान अधिकार पाते हैं।हम अपनी जगह रहकर जो बनपड़े करना हैं।
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