सर्जिकल स्ट्राइक ओर ...
कुछ बाते खास होती हैं।
हमारे लिए ऐसी एक न्यूज का मतलब हैं 'सर्जिकल स्ट्राइक'। कोई इसे पोलिटिकल रूप से बताता हैं, देखता या समजता हैं।ऐसी एक जानकारी जो सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ा हैं।
एक तरफ हमारे सिपाही सर्जिकल स्ट्राइक के लिए तैयार थे।सबसे बड़ा सवाल ये था कि लाइन ऑफ कंट्रोल को क्रॉस करके कैसे गुसा जाय।ये सवाल इसी लिएभी महत्वपूर्ण था कि वहाँ रात का समय लेना था। क्योंकि दिनभर तो सिपाही की चहल पहल से सबको मालूम पड़ सकता था। होना क्या था... एक अभिनव रास्ता खोजा गया।
इस बात की जानकारी देते हुए लेफ्ट. कर्नल श्री राजेन्द्र निम्भोरकर ने बताया कि उस वख्त रात को गुसने में कुत्तो का डर था। अगर गुसते समय वो भौकना शुरू करते तो पकड़े जाते। अब कुट्टक5 को कैसे दूर किया जाये। राजेन्द्र ओर उनकी टीम ने जंगल का कानून याद किया। कुत्तो को खाने में तेंदुआ( चित्ता) पसंद हैं। कुत्ते शेर से ज्यादा तेंदुओं से डरते हैं। अब कुत्तो कोंकेसे जानकारी मिलेगी की आसपास में तेंदुआ हैं? और अगर ऐसा कुत्तो को मालूम पड़ जायेगा तो होगा ये की कुत्ते न बोलेंगे,न भोकेंगे न बहार आएंगे। इस विचार को हमारे सिपाहियो ने एक नए तरीके से अमलीकृत किया। उन्होंने अपने कपड़ों में तेंदुए का पिशाब लगा कर रात को लाइन ऑफ कंट्रोल में गुसना शुरू किया।
अब आप समजय होंगे।
इस के कारण वहां पहुंचने तक कोई कुत्ता हमारी सेना के सामने नहीं आया। ओर हमारे देश की फतह हुई।
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देश हमारा हैं।
हमे देश ने बहोत दिया हैं।
हम देश को क्या देना हैं और कब वो हमे ही तय करना हैं।
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