धर्म और शीतला सातम

आज शीतला सातम हैं।
एक त्योहार के तौर पर हम उसे मनाते हैं। ठंडा खाना और घर में चुला न जलाने जैसे नियम हम सुनते हैं।ऐसे नियमो पर कार्य करते हैं।आज धर्म और विज्ञान को साथ देखने का भी दिन हैं। शीतला की रसी के शोधक एडवर्ड जेनर ने उसको खोजा। हमारे उलटे हाथ पर उस रसी यानी वेस्किन दी जाती थी। 1798 से 98 के बीच उस रोग को काबू करने के लिए उन्होंने इस को खोजा। आज पूरी दुनिया शीतला के रोग से मुक्त हैं।

धर्म उसकी जगह सही होगा। शायद घर में एक दिन 'भोजनोत्सव' का कुछ प्लानिग होगा। जो भी हो आज उन्हें याद किये बगैर हम ठंडा खाना भी नहीं खा सकते हैं। ऐसी कुछ खोज जिससे पहले लोग कुदरत या भगवान का प्रकोप मानते थे। आज भारत पोलियो मुक्त हैं। सारी क्रेडिट अमिताभ बच्चन ले गए। रविवार को घर घर और गाँव गाँव जाकर पोलियो की दो बूंद पिलाने वालो को कोई याद नहीं करता हैं।आज ठंडा खाना और ठंडा रहना आवश्यक हैं। 

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विज्ञान और धर्म...
जहाँ से धर्म खत्म होता हैं,विज्ञान शुरू होता हैं। जहाँ से विज्ञान का अंत होता हैं,शायद वही से धर्म पे आस्था बढ़ती हैं।

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