विश्व गणित में भारत



विश्व के गणित में भारत का गौरव प्रस्थापित हैं।ये बस ऐसे ही नहीं लिख रखा हैं।भारत के संशोधक विश्वकी सभी नामचीन संस्थान में सक्रिय ओर अग्रिम भूमिका अदा कर रहे हैं। विश्व के गणित को आयरभट्ट ने सरल बनाया।शून्य की शोध भी उनकी दें हैं।
विश्वमें प्रतिश्ठित फील्ड मेडल दिया गया हैं।ये फील्ड मेडक को गणित के लिए नोबल पुरस्कार भी कह सकते हैं।
आज से चार साल पहले ये फील्ड मेडल मंजुल भार्गव को प्राप्त हुआ था।ये मेडल चार साल में एक बार दिया जाता हैं।2014 के बाद अब 2018 में ये मेडल फिरसे भारतीय को मिला हैं।चालीस साल से कम आयु वाला व्यक्ति ही ये मेडल के लिए हकदार हैं।चार साल में एक ही बार ये सन्मान मिलता हैं।एक साथ एक मेडल को तीन या अधिकसे अधिक चार व्यक्ति को संयुक्त रूप से दिया जाता हैं।इस बार भी ये पुरस्कार चार मेथेमेटिशियन को दिया गया हैं।मंजुल भार्गव भारतीय मूल के थे।वो अमेरिका की विश्व प्रसिद्ध प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे।प्रिंस्टन यही यूनिवर्सिटी हैं,जहाँ आइंस्टाइन भी प्रोफेस्ट थे।मंजुल भार्गव को भूमिति के उनके योगदान के लिए ये पुरस्कार दिया गया हैं।मंजुल भार्गव को भारत सरकार ने 2015 में पद्म श्री से सन्मानित किया था। मंजुल की तरह इस बार मेडल लेने वाले अक्षय वेंकटेश भी विदेश में स्थित हैं।वो भारतीय मूल के हैं और उनके पिताजी ओर पूर्वज तमिलनाडु से जुड़े थे।भारतीय नहीं मगर भारतीय मूल वाले ये दोनों ने 2014 ओर 2018 में ये काम करके हमे गौरव प्रदान किया हैं।आशा हैं 2022 में किसी भारतीय को ये मेडल मिले।

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