शिक्षा और स्किल



शिक्षा को हम देखते हैं।उसे समझ ने का प्रयत्न करते हैं।हमारे आसपास कुछ ऐसे लोग ओर ऐसी घटनाएं होती हैं।इस कि हझ से हमे ओर भी चिंतन करने का मौका मिलता हैं।
आज कल शिक्षा में रटना ओर लिखवाना या कहिए पेपर देखकर उसको वोमिट करना एक सामान्य   रास्ता हैं।सिर्फ मेरिट केओ ध्यान में रखकर हमे भविष्य दिखाई पड़ता हैं।
सिर्फ रटलेने से हमारा भविष्य ओर सामने वाले कि समज को हम जान ने का दावा करते हैं।क्या हमारा वो दावा सही हैं?अगर है तो सभी जगह रटने से पास हुए लोग तो नजर नहीं आते हैं।ज्यादा तर रोजगारी प्राप्त करने वाले स्किल से ही आमदनी का रास्ता खोजते हैं।अगर स्किल से कामना है तो रटकर जीवन बर्बाद करना जरूरी नहीं हैं।
आज स्किल इंडिया की बात अभी शुरू हुई हैं।आगे स्किल से ही हम अपना ओर देश का विकास कर पाएंगे।


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स्किल वाला बेरोजगार नही होता।
रटने वाला स्किल वाला नहीं होता।

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