केसर


केसर कश्मीर की पहचान हैं।
उस समय केसर यानी काश्मीर ही दिखाई पड़ता था। अरबी व्यापारी जब भारत आते थे आते जाते वो केसर ले जाया करते थे। अरबी लोग शराब,चाय,कॉफी,नॉनवेज या बिरयानी पर भी केसर को उर से दाल कर छिट कर कहते थे। कश्मीरी हकीम कहते हैं और आज हम मानते हैं कि केसर से स्नान करने से स्किन की चमक बढ़ती हैं। वैसे स्किन जी चमक तो रेग्युलर से थोड़े ठंडे प्रदेश में रहेंगे तो भी आएगी। सेक्स में भी केसर से जुड़े प्रयोग हैं।कुछ प्रयोग भी हुए हैं, अरबी इसी लिए केसर को ज्यादा पसंद करते थे। प्रत्येक धर्म ने केसर को अपनी जगह महत्व दिया हैं। बुद्ध की प्रतिमा के पूजन में केसर का उपयोग होता हैं। हिन्दू शास्त्र में केसर का महत्व इतना हैं कि केसर का त्रिपुंड करना भाग्यशाली माना गया हैं। तावीज में भी केसर के तंतु रखे जाते हैं। हर धर्म में उसका महत्व हैं। क्यो की केसर एक ऐसी कुदरती संपदा है जिसका गुण हैं कि वो सबसे तेज जंतु नाशक हैं।तावीज में रखो या वाइरल इंफेक्शन के समय किसी कपड़े में लपेट कर, कुछ जो हैं उसमें सुधार होगा। केसर को 

हिंदी में 'केसर'
मराठी में 'केसर'
अरबी के उर्दू में ' ज़ाफ़रान' कहते हैं। हर प्रदेश हर धर्म मे केसर से जुड़ी बातें हैं। 

@#@
मेरी माँ...
प्यारी माँ...
1997 या 1998 के समय में मैने केसर को दो साल तक खाया हैं।

Comments

Popular posts from this blog

ગમતી નિશાળ:અનોખી શાળા.

ન્યાયાધીશ અને માસ્તર

અશ્વત્થામા અને સંજય જોષી