समय को पहचानो....

क्या आप बहुत कोशिश करने के बाद भी समय पर अपना कार्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं? हम समय के सही उपयोग या महत्व के विषय में बात करते हैं पर क्या हमें सही तरीके से पता भी है समय कहते किस चीज को हैं?
समय का महत्व जीवन में अन्य-अन्य पल में अलग-अलग होता है। कभी समय के जीवन के लिए बहुत ही अनमोल होता है तो कभी ना के बराबर।
एक छोटे बच्चे के लिए- समय ना के बराबर है। एक किशोर या young age के लिए- समय उत्साह, मज़ेदार,उमंग से भरा है।
एक वयस्क के लिए- समय कार्य से भरा हुआ है तथा बुजुर्गों के लिए- समय जरूरत से ज्यादा है।
आप सब ने एक कहावत तो सुना ही होगा ! धनुष से छुट हुआ तीर, मुह से निकला हुआ शब्द और बिता हुआ समय कभी वापस नहीं आता । अपने जीवन को सही तरीके से चलने में समय का बहुत ही ज्यादा महत्व है । इसके उपयोग के लिए सबसे जरूरी है अपने जीवन के मुख्य प्राथमिकताओं को समझना और उन्हें सही समय पर पूर्ण करना । समय के सदुपयोग या सही उपयोग से ही आप अपने जीवन के सभी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं ।
सोचिये आपके कंपनी का कोई मुख्य कार्य जो आपको कुछ घंटों में पूर्ण करना है पर कार्य करते समय आपका कोई मित्र आपको फ़ोन करता है और आपको अपने घर खाने परु बुलाताहै ! तो ऐसे में आप क्या करेंगे ?
आपको इस सवाल का उत्तर देने से पहले यह निर्धारित करना पड़ेगा कि आप कौन से कार्य को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं , अपने कंपनी के कार्य को या अपने अपने मित्र के निमंत्रण को ।
एक बात जरूर जानलें कि अपने जीवन के प्राथमिकताओं को आप जिस तरीके से पूर्ण करेंगे ! उसी प्रकार आपकी प्राथमिकतायें भी आपके सपनों को पूरा करने में देर नहीं करेंगी । अगर आप अपने सभी कार्यों को सही तरीके से पूरा करना चाहते हैं तो अपने समय के मूल्य को समझें और अपने कार्य को पहला प्राथमिकता देकर जल्द से जल्द पूरा करें । समय को सही तरीके से समझने के लिए हमें पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि समय कहते किस चीज को हैं ? कुछ तो ऐसा हैं हमारे ओर हमारी प्राथमिकता के बीच मे, हम गा सकते हैं,

तेरे मेरे बीच मे...
कैसा हैं आए बंधन अंजाना...

एक खूबसूरत गाना।
जो आप ने सुना ही होगा।
में कुछ दूसरे अंदाज में उसे याद करता हूँ। मुजे मालूम नहीं कि क्या हैं मगर कुछ तो ऐसा हैं जो कुछ खास हैं।
कुछ ऐसे बंधन होते हैं जो हमे बंधन नहीं मुक्ति का अहसाह दिलाते हैं। एक बात ये भी समाज लेनी हैं कि जिस कहानी में हमे सिकंदर ओर पोरस की बात याद करनी हैं। ये बंधन सिकंदर ओर पोरस की कहानी भी उतनी ही महत्वनपूर्ण हैं। बस, ऐसा ही व्यवहार हम तब करे जब हम विजेता हो। कभी ऐसा होता हैं जिसमें हारजीत नहीं सफलता और विश्वास को देखना होता हैं।
ये अनजाना बंधन नहीं हैं। ऐसा जान पड़ता हैं कि अब जो हैं वो सब कुछ अनजान नहीं हैं। आगे क्या होगा, क्या समस्या या सवाल  आएंगे वो भी मालूम हैं।सो जो हैं उसे देखो, जो होगा उसे देख लेंगे।  कभी कभी ऐसा होता हैं कि हमे कुछ ध्यानमें नहीं आता।

@#@
जब सोच हैं।
सो सोच हैं।अब उसे पूरा करने के लिए क्या करना हैं वो तय करें।

Comments

Popular posts from this blog

ગમતી નિશાળ:અનોખી શાળા.

ન્યાયાધીશ અને માસ્તર

અશ્વત્થામા અને સંજય જોષી