साम पित्रोडा


गुजरात के गौरव।
सुरेन्दनगर के रत्न जिन्होंने दुनिया में भारत को पहचान दिलाई हैं।हम आज जो संदेशा व्यवहार और बैंकिग में सुविधा भुगत रहे हैं,उसके पीछे साम पित्रोडा का हो हाथ हैं।उनका मानना हैं कि हम धर्म के माध्यम से देश को चलाना चाहते हैं।उनका मानना हैं कि हमारे युवान आज अपने विकास को भूलकर किसी ओर माध्यम से विकास को देख रहे हैं,ढूंढ रहे हैं।युवाओ की सोच को पोलिटिकल सोच और नजरिया दिया गया हैं।
उन्होंने गुजरात के एक कॉलेज में युवा एसेम्बली में बोलते हुए कहा कि हमारे देश को कोई मंदिर या राम मंदिर की जरूरत नाउं हैं,हमारे देश को रोजगार और स्किल केश हो पाए ऐसी आवश्यकता हैं।और उसे दूर से ही दूसरे चश्मे पहनाए जाते हैं।साम या सेम पित्रोडा कोंग्रेस के करीबी हैं।राजीव गांधी के वो विज्ञान सलाहकार रहे हैं।विश्व के कई सारे देशों के साथ टेक्निकली स्पोर्ट का वो काम कर रहे हैं।

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साम पित्रोडा गुजराती बोलते हैं।मगर उनकी गुजराती सुनने में खुशी होती हैं।में उन्हें 2 बार मिला हूं।मेने उन्हें बोलते हुए भी सुना हैं।वो गुजराती हैं,में गुजराती हु इसका मुजे गौरव हैं।

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