उस्ताद यूसुफ : 'लंबी जुदाई'


उस्ताद यूसुफ दरबार।
अर्क बेहद नवसर्जक ओर अच्छे कलाकार।जो कि बेंजो बजाते हैं।इतना खूबसूरत बेंजो प्लेयर मेने आज तक नहीं सुना हैं।बेंजो ज्यादातर कवाली, भजन ओर सूफी संगीत में सुनने को मिलता हैं।
कुछ प्रदेशो मेंसे बुलबुल तरंग भी कहते हैं।यूसुफ दरबार को आप यू ट्यूब में भी सुन सकते हैं।सिर्फ धुन बजाकर उन्होंने 70 हजार से अधिक फॉलोअर उन्होंने जोड़े हैं।आज में आप को उनका एक गीत भेज रहा हूँ।कुछ गानों में उन्होंने कुछ नया जोड़ा हैं।ऐसा ही एक गाना उनका हैं 'लंबी जुदाई'
दरबार बहोत शांत एवं सर्जनशील कलाकार हैं।आज तक 40000 से अधिक स्टेज शो करने वाले सरबर आज भी कार्यक्रम से पहले रियाज़ करते हैं।इतने सारे स्टेज शो ओर अपनी खुद की एक पहचान होने पर भी वो आज अपने किसी भी स्टेज परफॉर्मन्स को वो पहला परफॉर्मन्स मानकर ही तैयारी करते हैं। हैदराबाद में आज से दो साल पहले उनसे मिलनेका मौका मुजे मिला था।उन्होंने उस वख्त जो कहा था मुजे आज भी याद हैं।अपने कार्यक्रम से पहले हम बात कर रहे थे।उस वख्त उन्होंने कहा कि भले ही कितनी भी टेक्नोलॉजी आएगी,स्किल वाला व्यक्ति कभी भूखा नहीं रहेगा। आज म्यूजिक में इंस्ट्रूमेंट के बजाय ट्रेक का माहौल हैं।मगर मेरे कार्यक्रम आज भी इतने सारे बुक हैं कि मेरे पास रिकॉर्डिंग का भी समय नहीं होता।आशा हैं दरबार साब के घराने से ओर कोई दूसरा ऐसा ही बेंजो प्लेयर हमे मिले।विश्व के 67 देशों में वो आज तक अपने कार्यक्रम कर चुके हैं।

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यूसुफ कहते हैं कि में जो भी गाना बजाता हु उस के बोल को में याद करता हु। बोल याद करने से उसका भाव भी हमे अच्छा बजाने में सहाय करते हैं।



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