हमारे तरीके

आज कल हम जो कर रह हैं,उसमें शायद हम ख़ुशी नहीं मिल रही हैं।हो सकता हैं कि रोजाना एक ही काम के कारण हम खुश नहीं हो पाते।खुशी दो तरफ से आती हैं।एक अंदर से दूसरी किसी की ओर से।खुश रहने के लिए हमे कुछ ऐसा करना हैं जो हम नहीं करते हैं।
आप पोस्टर में देखते हैं कि एक लड़की किसी को बिठा के उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती हैं। खुशी दिखती नहीं,छलकती हैं।जब हमें किसी काम आ व्यवस्थामें ख़ुशी न मिलती हो तो हमे उसका तरीका बदलना चाहिए तरीक़े शिखने से नहीं मिलते,तरीके सामने से नहीं आते।तरीके सोचने पड़ते हैं।कभी हमने ये सोचा हैं कि अगर में हंसता हु तो कोई और भी हंस ने के लिए साथ में जुड़ता हैं।मगर जब हम रट हैं तब कोंन साथ में रोने को तैयार होता हैं।अगर तरीका बदलना हैं तो साथमें रोने वाले के लिए बदलो।रोना भी ऐसा  हैं कि खुशी और गम दोनों समय आता हैं।खुशी के आंसू तो ठीक हैं,मगर गम के आंसू अच्छे नहीं होते।हमे रोज खुश रहना हैं तो गम के आंसू को दूर करना आवश्यक हैं।आज का पोस्टर हमे तरीके बदलने के लिए कहता है।

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नजर बदलो नजारे बदलेंगे।
तरीक़े बदलो तकदीर बदलेंगी।

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