खुशियों की खातीर...
जवाब मिला अमदावाद।
कहा रहते हों, उस ने कहा गुरुद्वारा के सामने।अमदावाद गुरुद्वारा के सामने रहने वाले व्यक्ति आर्थिक संम्पन हिगे।ऐसा आप कहोगे।हाल की में जिस की बात करता हु वो एक बच्चा हैं।अपने मम्मी, पापा ओर एक बड़ा भाई और एक छोटी बहन मिलके 5 लोगो का उसका परिवार हैं।
मेरा वहां पे रुकना हुआ।मुजे कोई रिसिब करने आ रहा था।मेरेपास समय था।मेने ओवर ब्रिज से एक फोटो लिया।मुजे करीब से फोटो लेते देखकर बच्चा मेरे करीब आया।मुजे कहने लगा कि मुजे फोटो दिखाओ।मेने उसे नाम पूछा।उसका नाम शंकर हैं।
उसके बड़े भाई का नाम तिलक बताया।छोटी बहन का नाम चंदा बताया।शंकर,तिलक ओर चंदा फिरभी वो खानेको तरस रहे थे।भगवान और उनसे जुड़े नाम।फिरभी गरीबी।मेने उसके फोटो लिए।उसे दिखाए।वो खुश हुआ।अपना फोटो उसने उसकी छोटी बहनको भी मेरे मोबाइल से दिखाया।मुजे कहा केन्डी खिलाओ।मेने उसे एक केन्डी दिलाई।उसने वो केन्डी अपनी छोटी बहन को दे दी।मेने कहा तू क्या खायेगा,शंकर बोला छोटी ने खाया,वो खुश तो में खुश।
उसके बड़े भाई का नाम तिलक बताया।छोटी बहन का नाम चंदा बताया।शंकर,तिलक ओर चंदा फिरभी वो खानेको तरस रहे थे।भगवान और उनसे जुड़े नाम।फिरभी गरीबी।मेने उसके फोटो लिए।उसे दिखाए।वो खुश हुआ।अपना फोटो उसने उसकी छोटी बहनको भी मेरे मोबाइल से दिखाया।मुजे कहा केन्डी खिलाओ।मेने उसे एक केन्डी दिलाई।उसने वो केन्डी अपनी छोटी बहन को दे दी।मेने कहा तू क्या खायेगा,शंकर बोला छोटी ने खाया,वो खुश तो में खुश।
में भी खुश हुआ।मेने दूसरी दो केन्डी लेके दोनों भाइयो को खिलाई।में भी खुश और शंकर का परिवार भी खुश।
@#@
ख़ुशी खरीदने से नहीं,
ख़ुर्शी बाटने से मिलती हैं।
खुशी पाने के लिए हमे ख़ुशी बांटनी पड़ती हैं।
Comments