एक विचारक

एक कलाकार।
एक सर्जक... एक विचारक।
ये तीनो सदैव अपने विचारों को अपने तरीको से पेश करते हैं।एक चित्रकार ने मटके को अपना किरदार बनाया हैं।इस चित्र में मटका एक हैं। इसे पकड़ने वाले भी अलग अलग हैं।समजीए कोई भी तीन व्यक्ति हैं।उन्होंने मटके को अपने तरीके से पकड़ा हैं।तीनो किरदार ओरत के हैं।अगर मटका जिम्मेदारी हैं तो उस जिम्मेदारी को तीनों ने अपने तरीको से निभाया हैं।ओरत याने मा...बेटी या जीवन साथी।सर्जक ज्यादा बोल ते नहीं,वो अपनी बात को अपने तरीके से दिखाते हैं,समजाते हैं।

तीनो ने एक पुरूष को अपने तरीके से पकड़के रखा हैं।मटका अगर पुरुष हैं तो तीन तरीके से वो पकड़ के रखे हैं।कुछ दिनों पहले की बात हैं।एक व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ा।उसके हाथ में शराब की बोतल थी।पुलिस ने कहा तुम्हारे हाथ में क्या हैं? उस व्यक्ति ने अपने हाथ दिखाए।हाथ में शराब की बोतल थी।पुलिस वाला उस व्यक्ति को कुछ कहे बिना निकल गया।बाद में थानेदार का कोल आया कि तुम शराब पीते हो,तुम्हे सजा होगी।उस व्यक्ति ने कहा जी में नहीं पीता हु, यहाँ किसी के लिए लेके खड़ा रहा हूँ।अगर ये बात गुजरात में होती तो समस्या थी,मगर ये राजस्थान की सरकार थी।हुआ कुछ नहीं,मगर जो व्यक्ति शराब को हाथ भी नहीं लगाता था उसे एक 10 या 15 घंटो तक परेशान रहना पड़ा बात ये हैं कि पुलिस उस व्यक्ति को पुलिस ने दू....र से शराब के साथ उस को देख था।राजस्थान में शराब की बिक्री कानूनन हैं।मगर सार्वजनिक स्थल पे शराब पीना अपराध हैं।ज्यादातर शराब को खरीद ने वाले काली पॉलीथिन बेग में शराब लेके जाते हैं।शराब पीने वाले भी छुपाते हुए काली बेग में लेके जाते हैं।पुलिस दूर से बोटल के साथ खड़े व्यक्ति को देखती हुई पास आ गई।मगर उस व्यक्ति में कोई हड़बड़ाहट नहीं थी। क्यो की वो शराब नहीं पीता था।

अब फिर से चित्रकार की बात करते हैं।
एक ही चीज को अलग नजरिये से देखने और पकड़ ने में भिन्नता हैं।कलाकार ने अपनी बात को ओरत की जिम्मेदारी के माध्यम से समजाया हैं।आप भी इस चित्र को अपने तरीके से देखिए ओर चिंतन कीजिए।क्या किसी ने मटके को इस तरीके से पकड़ा हैं की मटके को नुकसान हो!?जी नहीं,उस व्यक्ति को पुलिस ने कुछ नहीं किया।12 या 15 घंटो की जद्दोजहद के बाद आज शांति हैं।बस,एक चित्र ओर राजस्थान की घटना के माध्यम से आप अपने नजरिये में विश्वास बढ़ाएंगे ऐसी आशा रखता हूँ।

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गुजरात में सरकार शराब की पाबंदी लगाई हुए हैं।मगर ऐसे कई राज्य हैं जहाँ शराब की छूट हैं फिरभी बहोत सारे लोग शराब नहीं पीते हैं।चित्र के बारे में ही कहे तो शराब की बंदी से नहीं,जो नहीं पीते हैं वो राजस्थान में भी नहीं पीते।वहां सरकार का डर नहीं, व्यक्ति की जिम्मेदारी महत्व पूर्ण हैं।

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