विचार बड़ा...


कोंन बड़ा।
ये तय करना संभव नहीं हैं।
बड़ापन हमेशा सापेक्ष होता हैं।
समजीए...
एक पेंसिल दूसरी पेंसिल से छोटी हैं,मगर वो दूसरी पेन या पेंसिल से बड़ी भी हो सकती हैं।आप जो पोस्टर देखते हैं वो सब कुछ समझ में लाने के लिए काफी हैं।कोई बड़ा या छोटा नहीं होता हैं।कोंन हमारे साथ हैं वो महत्वपूर्ण नहीं हैं।को किस परिस्थिति में हमारे साथ हैं,वो महत्वपूर्ण हैं।
हमारे जीवन में एक बात ये भी हैं कि हम कुछ कम समय या थोड़ी बात के आधार पर किसी को बड़ा या छोटा मानलेते हैं।
तलवार और सुई एक ही धातु से बनती हैं।दोनों को अपने अपने स्थान पर महत्व मिला हैं।जहाँ तलवार की बात हैं वहां सुई नहीं चलेगी।जहाँ तलवार बड़ी हैं वहाँ सुई का काम नहीं चल सकता।आशा रखते हैं हम भी हमारी जिंदगी में कुछ ऐसी बातों को महत्व दे जिसमें हमारी जिंदगी आसान और सुखमय होगी।बड़ा विचार हैं।अगर कोई गलत विचार बड़ा हो जाएगा तो अच्छे दिन नहीं आएंगे।मगर कोई अच्छा विचार बड़ा हो जाएगा तो अच्छे दिन आएंगे ही आएंगे।

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बड़ा कोई नहीं हैं।
बड़ा हैं स्थान।किसी छोटी चीज या व्यक्ति ने किस समय हमारी सहाय की हैं,किस परिस्थिति में हमारे साथ रहे हैं।ये बात ही महत्वपूर्ण हैं।और इस के आधार पर ही हम अपनी सोच बढ़ाये।

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